एनल फिशर के कारण, लक्षण और प्रकार । Anal fissure in Hindi ! What is anal fissure

 

 एनल फिशर क्या है ?

What is anal fissure?


गुदा या गुदा या नलिका में जब कोई प्रकार का कट या दरार बन जाती है तो उसे फिशर या एनल फिशर कहा जाता है। फिशर अक्सर तब होता है जब आप मल त्याग के दौरान कठोर और बड़े आकार का मल निकालते हैं। 

फिशर के कारण आमतौर पर मल त्याग करने के दौरान दर्द होना और मल के साथ में खून भी आता है। फिशर के दौरान आपको अपने गुदा के अंत में मांस पेशियों में ऐठन महसूस हो सकती है । फिशर छोटे बच्चों में काफी सामान्य स्थिति होती है। लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है । फिशर की ज्यादातर समस्याएं सामान्य उपचारों से ठीक हो जाती हैं जैसे खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा ज्यादा लेना ।

एनल फिशर के प्रकार:-

Types of anal fissure:

1-तीव्र-त्वचा की ऊपरी सतह पर छेद या दरार को एक्यूट फिशर कहा जाता है।

2-दीर्घकालिक-अगर त्वचा की सतह पर हुआ छेद या दरार ठीक ना हो पाए तो समय के साथ-साथ क्रॉनिक फिशर विकसित होने लगता है।


एनल फिशर के कारण-

Anal fissure Causes:

गुदा ,गुदा नलिका की त्वचा में क्षति होना फिशर का सबसे सामान्य कारण होता है। ज्यादातर मामलों में यह उन लोगों को होता है जिनको कब्ज की समस्या होती है। विशेष रूप से जब कठोर में बड़े आकार का मल गुदा से अंदर गुजरता है । तो वह गुदा में गुदा नलिका की परतों को नुकसान पहुंचा देता है।

1-लगातार डायरिया रहना

2-इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज जैसे क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस।

3-लंबे समय तक कब्ज रहना

4-कभी-कभी यौन संचारित संक्रमण जैसा कि सिफिलिस या  जो गुदा व गुदा नलिका को संक्रमित और नुकसान पहुंचा सकते हैं।

जोखिम कारकों में शामिल है:-

1-बचपन- कई शिशुओं को उनके जीवन के पहले साल में ही एनल फिशर हो जाता है।

2-उम्र बढ़ना- वृद्ध लोगों में रक्त संचार धीमा हो जाता है । जिससे उनके गुदा क्षेत्र में रक्त प्रभाव में कमी आ जाती है। जिस कारण से उनके आंशिक रूप से फिशर की समस्या विकसित हो सकती है।

3-गर्भावस्था और प्रसव

4-फाइबर युक्त आहार का सेवन कम करना

5-गुदा में खरोच लगना

6-खुदा और मलाशय में सूजन होना

7-मलाशय में कैंसर

8-मल त्याग करने के बाद गुलाबों कठोरता सदा अत्यधिक दबाव से साथ पोछना।

एनल फिशर के लक्षण:-

Anal fissure symptom:

1-मल त्याग के दौरान दर्द, कभी कभी गंभीर दर्द होना।

2-मल त्याग करने के बाद दर्द होना जो कई घंटों तक रह सकता है।

3-मल त्याग के बाद मलपर गहरा लाल रंग दिखाई देना।

4-गुदा के आसपास खुजली या जलन होना

5-गुदा के चारों ओर की त्वचा में एक दरार दिखाई देना

6-गुदा फिशर के पास त्वचा पर गांठ या स्किन टैग दिखाइए ना।


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