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कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण और बचाव । Leprosy in Hindi ! What is leprosy

 

कुष्ठ रोग क्या है?

What is leprosy?


कुष्ठ रोग सदियों पुराना एक रोग है जिसको उस समय छुआछूत की बीमारी समझा जाता था। यह अन्य लोगों के विपरीत इसलिए होता है क्योंकि इसमें वह अज्ञानता और अंधविश्वास से उत्पन्न होने वाला सामाजिक कलंक इस रोग का पता लगाने और इसका इलाज करवाने में बाधा उत्पन्न करता है। कुष्ठ रोग 300 से लेकर बुरे लोगों तक किसी भी उम्र में हो सकता है। यह माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक बैक्टीरिया द्वारा फहराया जाने वाला एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। यह एक लंबे समय तक रहने वाला और लगातार बढ़ने वाला संक्रमण होता है मुख्य रूप से यह इंजेक्शन शरीर की नसों , हाथ, पैरों, नाक की परत और ऊपरी श्वसन तंत्रिका को प्रभावित करता है। पोस्ट लोग नसों को क्षतिग्रस्त कर देता है और त्वचा में आप एवं मांसपेशियों में कमजोरी पैदा कर देता है। कुष्ठ रोग अन्य फैलने वाले रोगों में संक्रमण के मुकाबले काफी कम संक्रमण होता है।कुष्ठ रोग के सबसे मुख्य लक्षण है। त्वचा पर घाव बनना हो तंत्रिका प्रणाली में सनसनी में कमी होना।



कुष्ठ रोग के कारण-Causes of Leprosy-


कुष्ठ रोग क्यों होता है? इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है कि कुछ लोग लोगों के बीच कैसे फैलता है।फिलहाल यह माना जाता है कि जब कुष्ठ रोग से ग्रस्त कोई व्यक्ति खुली हवा में खास था या चिंता है। तो उसके मुंह से तरल पदार्थों की सुक्ष्म बूंद हवा में फैल जाती हैं। जिनमें कुछ रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया होते हैं। जब कोई व्यक्ति इन बूंदों को सांस के द्वारा अपने अंदर खींच लेता है। तो भी कुष्ठरोग  से संक्रमित हो जाता है। कुष्ठरोग से ग्रस्त व्यक्ति जिसका इलाज ना किया गया हो उसके साथ कई महीने करीब संपर्क में रहने से आपको कुष्ठरोग से संक्रमित हो सकते हैं। कुष्ठ रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को एक सामाजिक कलंक माना जाता है इसलिए यह जानना जरूरी है कि ऐसी कौन सी स्थितियां हैं जिनमें कुष्ठ रोग नहीं फैलता।

1-हाथ मिलाना या गले लगना

2-आपस में एक दूसरे के आमने सामने बैठना

3-खाना खाते समय एक साथ बैठना

4-खुसरो का संक्रमण गर्भवती मां से उसके बच्चे में नहीं फैलता ना ही यह रोग शारीरिक संबंध के दौरान फैलता है।


कुष्ठ रोग के लक्षण:-Symptoms of Leprosy: –


कुष्ठ रोग के शुरुआती लक्षण और संकेत पहचानने मुश्किल होते हैं और वह धीरे-धीरे विकसित होते हैं।अक्सर इन लोगों को विकसित होने में लगभग 1 साल का समय लग जाता है पुरुषों के कुछ सामान्य संकेत और लक्षण जिले में शामिल हो सकते हैं:-

1-सुन्न होना

2-तापमान में बदलाव महसूस ना होना

3-स्पर्श महसूस ना हो ना

4-सुई या पिन आदि चुभने जैसा महसूस होना

5-जोड़ों में दर्द

6-नसें क्षतिग्रस्त होना

7-त्वचा पर फफोले बन्ना

8-त्वचा सपाट में पीले रंग के घाव या धब्बे बनना

9-समय के साथ उंगलियां छोटी होती जाना

10-चेहरे का रूप बिगड़ना जैसे नाक नष्ट हो जाना


कुष्ठ रोग से बचाव-Prevention of Leprosy-

कुष्ठ रोग की रोकथाम के लिए उन लोगों का जल्द से जल्द परीक्षण और इलाज करना चाहिए। जिनमें कुष्ठ रोग होने का संदेह है या इसके होने की पुष्टि की जा चुकी है।

1-कुष्ठ रोग से ग्रस्त व्यक्ति या जिनका इलाज नहीं चल रहा हो लंबे समय तक उनके संपर्क में न आना कुष्ठ रोग से बचने का सबसे बेहतर तरीका है।

2-कुष्ठ रोग से ग्रस्त व्यक्ति और उसके परिवार को कुष्ठ रोग का इलाज करवाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सार्वजनिक शिक्षा और सामुदायिक जागरूकता महत्वपूर्ण है।

3-कुष्ठ रोग से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों को निगरानी में रखना चाहिए ताकि कुष्ठ रोग से जुड़े किसी भी प्रकार के लक्षण में संकेत का तुरंत पता लगाया जा सके।

4-वर्तमान में कुष्ठ रोग की रोकथाम करने के लिए ली जाने वाली दवाओं का उपयोग करने का कोई मानदंड नहीं बनाए गए हैं।

5-वर्तमान में ऐसा कोई टीकाकरण भी उपलब्ध नहीं है जो सभी लोगों में कुष्ठ रोग के प्रति पूरी प्रतिरक्षा प्रदान करता है।


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