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नाखूनों में फंगल के कारण, लक्षण और बचाव । What is nail fungal infection ! Nail fungal in Hindi

 

  नाखूनों में फंगल क्या है ? What is nail fungal infection : 


नाखून में होने वाला फंगल इंफेक्शन जिसे नाखून कवक भी कहते हैं नाखूनों की सबसे कॉमन बीमारियों में से एक है। फंगल इंफेक्शन शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया की ही तरह फंगस भी हमारे शरीर पर मौजूद रहता है। लेकिन जब यही फंगस बहुत अधिक बढ़ने लगता है तो आपको संक्रमण हो जाता है। नाखून में जब फंगल इंफेक्शन होता है तो इसकी शुरुआत में नाखून के टिप पर सफेद या पीले रंग के स्पॉट दिखते हैं। जैसे-जैसे इंफेक्शन बढ़ने लगता है नाखून का रंग बदरंग होने लगता है, नाखून मोटा हो जाता है और किनारे पर से उखड़ने या टूटने भी लगता है। वैसे तो यह संक्रमण हाथ या पैर किसी भी उंगली के नाखून में हो सकता है, लेकिन फंगल इंफेक्शन की यह समस्या पैर की उंगलियों के नाखून में ज्यादा देखने को मिलती है। नाखूनों के संक्रमण की यह समस्या एक बार में सिर्फ एक नाखून को या फिर एक साथ कई नाखूनों को भी प्रभावित कर सकती है। 

दुनियाभर की करीब 10 प्रतिशत वयस्क आबादी नाखून में फंगल इंफेक्शन की समस्या से प्रभावित है। हाथ या पैर की उंगलियों के नाखून को प्रभावित करने वाले इस फंगल इंफेक्शन को ऑनइहकोमाइकोसिस या टीनिया उंगुईयम भी कहते हैं। इसे साधारण बोलचाल की भाषा में नाखून कवक भी कहा जाता है। जब यह फंगस पैर के अंगूठे और पैर की त्वचा के बीच के हिस्से को संक्रमित कर देता है तो इस बीमारी को एथलीट फुट कहते हैं। 

अगर नाखून में फंगल इंफेक्शन की समस्या तकलीफदेह हो जाए तो दवाइयां लेने की जरूरत पड़ती है। लेकिन कई बार सफल इलाज करवाने के बाद भी नाखून में फंगस वापस आ जाता है। तो आखिर नाखून में फंगल इंफेक्शन होने का कारण क्या है, वे कौन से लक्षण हैं जिससे आप जान सकते हैं कि आपको फंगल इंफेक्शन की समस्या हुई है, इसका इलाज कैसे होता है, इन सभी के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।



नाखूनों में कवक के कारण – Nail Fungus Causes :


कई तरह के फंगल सूक्ष्मजीव होते हैं जिनकी वजह से नाखूनों में फंगल इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। इनमें फंगस का सबसे कॉमन प्रकार जिसकी वजह से यह संक्रमण होता है उसका नाम है- डर्मैटोफाइट। यीस्ट या खमीर और फफूंद की वजह से भी नाखून में संक्रमण हो सकता है। वैसे रोगाणु जिनकी वजह से नाखून कवक या फंगल इंफेक्शन की समस्या होती है वे आमतौर पर त्वचा में छोटे-मोटे कट या फिर नाखून और नाखून के नीचे के आधार (नेल बेड) के बीच अगर कोई खाली जगह होती है तो वहीं से त्वचा के अंदर प्रवेश करते हैं। जब नाखून में फंगस को गर्म और नमी वाला अनुकूल माहौल मिलता है तो वह बढ़ने लगता है।

पैर के अंगूठे में होने वाला फंगल इंफेक्शन फुट फंगस या एथलीट फुट की समस्या के साथ शुरू हो सकता है और यह एक नाखून से दूसरे नाखून में आसानी से फैल सकता है। वही सेम फफूंद या कवक जिसकी वजह से जॉक खुजली, एथलीट फुट या रिंगवर्म की समस्या होती है उसी की वजह से नाखून में इंफेक्शन भी हो सकता है। हालांकि आपको किसी और व्यक्ति से यह इंफेक्शन ट्रांसफर हो ऐसा होना संभव नहीं है।



नाखूनों में कवक के लक्षण – Nail Fungus Symptoms :


किसी व्यक्ति को नेल फंगस या नाखून कवक की समस्या हो सकती है अगर उस व्यक्ति के हाथ या पैर के एक या एक से ज्यादा नाखूनों में निम्नलिखित लक्षण नजर आएं:

नाखून का मोटा या स्थूल होना

नाखून का बेहद नाजुक होकर अपने आप टूटने लगना

नाखून का भुरभुरा या खुरदरा होना

नाखून का आकार टेढ़ा-मेढ़ा या विकृत होना

सफेद नाखून का पीला या भूरे रंग का या बदरंग हो जाना

नाखून से किसी तरह की बदबू आना

संक्रमित नाखून अगर नाखून के नीचे के आधार से अलग हो रहा हो

नाखून के नीचे के हिस्से में अगर पीले स्पॉट्स नजर आ रहे हों

नेल फंगस या नाखून कवक की समस्या होने पर कई बार उंगली के टिप के हिस्से पर दर्द भी होने लगता है। अगर खुद से नाखूनों की देखभाल के लिए सेल्फ-केयर टिप्स अपनाने के बाद भी अगर नाखून बदरंग बने रहें और फंगस की समस्या जारी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर किसी भी तरह का जोखिम या कोई बीमारी जैसे- डायबिटीज या रक्त संचार की समस्या पहले से हो तब भी नाखून में फंगस की समस्या को हल्के में न लें और डॉक्टर से संपर्क करें।



नाखूनों में कवक से बचाव – Prevention of Nail Fungus ‘


नाखूनों में फंगस के संक्रमण की समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आप हाथ और पैर के साथ-साथ उंगलियों और नाखूनों की भी पूरी सफाई (हाइजीन) का ध्यान रखें। इसके लिए:

अपने नाखूनों को छोटा रखें, साफ और सूखा रखें ताकि उसमें नमी न जमने पाए

नाखूनों को धोने और साफ करने के बाद वहां पर मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं

नाखून काटने के बाद नाखून के किनारों को भी फाइलर की मदद से स्मूथ कर लें और हर बार इस्तेमाल करने के बाद नेल कटर को कीटाणुमुक्त करना न भूलें।

ऐसे मोजे पहनें जिससे आपकी त्वचा सांस ले पाए

पैरों की उंगलियों में जो हमेशा जूतों में बंद रहती हैं वहां पर एंटीफंगल स्प्रे या पाउडर का इस्तेमाल करें

पानी से जुड़ा काम ज्यादा हो तो नाखूनों को पानी से बचाने के लिए रबर वाले ग्लव्स का इस्तेमाल करें

अपने नाखूनों को दांतों से बिलकुल न चबाएं

पब्लिस प्लेस या स्विमिंग पूल के आसपास जूते, सैंडल या चप्पल पहनकर रखें, नंगे पांव न चलें

मैनिक्योर या पेडिक्योर करवाते वक्त ध्यान रखें कि सलॉन में इन टूल्स को सही तरीके से स्टर्लाइज किया जाता है

आर्टिफिशियल नाखून या नेल पॉलिश का कम से कम इस्तेमाल करें

संक्रमित नाखून को छूने के बाद हमेशा अपने हाथों को अच्छे से साबुन पानी से साफ करें

अपने मोजे या जूतों को किसी और के साथ शेयर करने से बचें


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