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पेशाब का कंट्रोल न होना : अति सक्रिय मूत्राशय के कारण लक्षण और इलाज ! overactive bladder in Hindi

 

अति सक्रिय मूत्राशय क्या है? What is overactive bladder ?


अति सक्रिय मूत्राशय सिंड्रोम ओवरएक्टिव ब्लैडर सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है। किसी व्यक्ति को अचानक इतनी तेज पेशाब महसूस होती है। उसके लिए अपरिहार्य स्थिति बन जाती है और उस व्यक्ति के लिए पेशाब को रोक पाना या कंट्रोल कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसी सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति दिन और रात के समय कई बार यूरिन पास करता है। कई बार तो अनजाने में यूरिन लिक भी हो जाता है और व्यक्ति को पता भी नहीं चलता। 

इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को हर वक्त यही डर लगा रहता है । कि उसकी यह अति सक्रिय मूत्राशय की बीमारी कहीं गलत समय पर ट्रिगर में हो जाए और उसे दूसरों के सामने शर्मिंदा ना होना पड़े। इस वजह से वह व्यक्ति खुद को दूसरों से आइसोलेट कर लेता है और बाहर जाने से भी कतरा ने लगता है।



अति सक्रिय मूत्राशय के लक्षण:-Symptoms of overactive bladder: –


1-यूरिन पास करने की फ्रीक्वेंसी का बढना- अगर किसी व्यक्ति का मूत्राशय अति से के लिए है तो इसकी वजह से उस व्यक्ति को सामान्य से ज्यादा बार पेशाब करने की जरूरत महसूस हो सकते हैं। 24 घंटे में 8 या इससे ज्यादा बार।

2-नींद में अवरोध-पेशाब करने की अचानक की इच्छा महसूस होने की वजह से रात के समय में भी बार-बार व्यक्ति की नींद खुल जाती है । जिसकी वजह से उसकी नींद में भी अवरोध उत्पन्न होता है इसी कारण नींद से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।

3-पेशाब करने की तीव्र इच्छा-पेशाब करने की यह तीव्र इच्छा अपरिहार्य होती है।

अगर पीड़ित व्यक्ति को तनाव यह बेचैनी महसूस हो रही हो तो तो अति सक्रिय मूत्राशय सिंड्रोम की समस्या और लक्षण और ज्यादा बिगड़ सकते हैं।


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अति सक्रिय मूत्राशय के कारण:-Causes of overactive bladder: –


अतिसक्रिय सिंड्रोम का अंत निर्मित कारण है ब्लैडर की मांसपेशियों में अत्यधिक सिकुड़न या दबाव महसूस होना। जिसकी वजह से बार-बार पेशाब करने की तीव्र इच्छा उत्पन्न होती है। कुछ मामलों में तो ब्रेन से जुड़ी निम्नलिखित बीमारियों के कारण भी अति सक्रिय मूत्राशय सिंड्रोम की समस्या देखने को मिलती है।

1-मल्टीपल स्क्लेरोसिस।

2-रीड की हड्डी में लगी चोट

3-पार्किंसंस बीमारी

इसके अलावा भी कई कारण हैं जिनकी वजह से ओवरएक्टिव ब्लैडर सिंड्रोम की समस्या हो सकती है

1-डायबिटीज

2-यूरिन इन्फेक्शन यूटीआई

3-ब्लैडर में किसी तरह की अनियमितता जैसे ट्यूमर लिया स्टोन

4-तंत्रिका संबंधी विकास जैसे स्ट्रोक

5-कुछ दवाइयां जिनकी वजह से पेशाब का उत्पादन बढ़ जाता है

6-कैफीन या अल्कोहल का बहुत ज्यादा इस्तेमाल


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अति सक्रिय मूत्राशय का इलाज:-Treatment of overactive bladder: –


इस सिंड्रोम के इलाज में मरीज को ब्लैडर ट्रेनिंग दी जाती है। राखी व्यक्ति को कुछ हद तक अपने मूत्राशय की गतिविधियों पर नियंत्रण महसूस हो सके।

इलाज के दौरान वैसे तो मरीज क्यों दवाइयां भी दी जाती हैं । लेकिन इस रोग के लक्षणों को कंट्रोल करने में जीवन शैली से जुड़ा बदलाव ज्यादा जरूरी है। इसमें कैफीन और अल्कोहल का सेवन करने से बचना और अतिरिक्त वजन घटाना जैसी चीजें अहम रोल निभाते हैं। कुछ मामलों में मरीज और सर्जरी करवाने की सलाह भी दी जाती है।


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