फुट कॉन ( गोखरू ) के लक्षण और बचाव ! फुट कॉन के प्रकार ! foot corner in Hindi
फुट कॉन (गोखरू):-
Foot corn in Hindi
फुट कॉन त्वचा की एक मोटी परत होती है, जो घर्षण, रगड़ और दबाव के कारण प्रतिक्रिया करके त्वचा में (खासकर पैरों के तलवों में) उत्पन्न होने लगती है।
फुट कॉन के कारण चलने पर दर्द होता है। फुट कॉन अक्षर छोटे- छोटे, परतदार गोल चक्र के आकार के होते हैं, जो आमतौर पर पैरों की उंगलियों के ऊपर , बराबर में या तलवे पर विकसित होते हैं। लेकिन यह कहीं भी विकसित हो सकते हैं।फुट कॉन अक्सर दुबले पतले लोगों के पैरों में होते हैं, क्योंकि उनकी त्वचा में चर्बी की कमी होती है। इसके साथ ही जो लोग सही फिटिंग के जूते नहीं पहनते हैं क्या जिनके पैरों में पसीना आता है या जो दिन में ज्यादातर समय खड़े रहते हैं, उन लोगों में यह समस्या काफी आम होती है। फुट कॉन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है।
फुट कॉन( गोखरू) के प्रकार:-
Types of foot corner in Hindi
1-सीड कॉर्न छोटे-छोटे एक जैसे कई कार्न का समूह होता है। अगर यह पैर के उस हिस्से पर हो जाते हैं जहां शरीर का वजन पूरा पड़ता है तो ऐसी जगहों पर हुए कार्न को केवल छूने से भी दर्द अनुभव हो सकता है। ऐसा पसीने की नलिकाएं रुकने के कारण होता है।
2-एक कठोर फुट कॉन एक छोटे और गोल धब्बे की तरह होता है, यह बेजान त्वचा से बनता है, जिसके बीच में एक छोटा और कठोर निशान बना होता है।
3-एक मुलायम फुट कॉन की सतह काफी पतली होती है। यह सफेद और रबड़ कैसा दिखाई देता है और आमतौर पर पैरों की उंगलियों के बीच होता है।
फुट कॉन(गोखरू) यह लक्षण:-
Foot Corn symptomes in Hindi
फुट कॉन एक व्यक्ति को ऐसा महसूस करवा सकता है, जैसे कि वह पत्थरों पर चल रहा हो।
नीचे दिए गए लक्षण व संकेत फुट कॉन का संकेत दे सकते हैं:-
1-त्वचा पर सूखी या मोम जैसी परत बनना।
2-एक कठोर तथा ऊपर की तरफ उठा हुई गांठ बनना।
3-प्रभावित त्वचा खुरदरी तथा मोटी हो ना।
4-त्वचा के अंदर दर्द या छूने पर दर्द महसूस होना।
5-चलने या अन्य गतिविधियों करते समय दर्द महसूस होना इत्यादि।
फुट कॉन (गोखरू ) से बचाव के उपाय:-
Prevention of foot corn in Hindi
1-गोखरू की रोकथाम करने के लिए, दोनों पैरों का पेशेवर व्यक्ति से नाप करवाकर उचित साइज के जूते पहनने चाहिए।
2-शाम के समय जूते खरीदे उस समय पैर पूरी तरह से आकार ले लेते हैं।
3-ऊंची एड़ियो तथा नुकीले नोक वाले जूतों को पहनने से बचें।
4-अपने पैरों को हर शाम को साबुन और पानी के साथ में धोएं ब्रश का इस्तेमाल करें।
5-पैरों को धोने और अच्छी तरह से सुखाने के बाद उन पर माइस राइजिंग क्रीम लगाएं।
6-रोजाना साफ-सुथरी जुरावे पहने और पसीना रोकने के लिए अच्छे प्रकार के जुर्माने ले।
7-कुछ विशेष प्रकार के डिजाइन वाले जूते जो पैर के किसी एक हिस्से में अत्यधिक दबाव डालते हैं।
8-सुनिश्चित करें कि दोनों जूतों की चौड़ाई और लंबाई एकदम सही हो