फोड़े फुंसी के कारण लक्षण और उपचार ! Abscess in Hindi
एबसेस क्या है ? What is abscess ?
एबसेस कुछ और नहीं त्वचा पर उभरी हुई गांठ है जो गुलाबी और गहरे लाल रंग की होती है जिससे छूकर आसानी से महसूस किया जा सकता है यह एक फोड़ा होता है जिसके अंदर मवाद पस भरा होती है फोड़ा आपके शरीर पर कहीं भी हो सकता है पर यह आमतौर पर आपकी आर्मपिट फीमेल में प्राइवेट पार्ट के आसपास आपकी रीड का आधार और आपकी कमर के आस पास होता है।
एबसेस के लक्षण क्या है: What are the symptoms of abscess:
- फोड़े अक्सर काफी पेनफुल और लाल रंग की उभरी गांठ है जो छूने पर गर्म और सख्त लगते हैं।
- जैसे-जैसे फोड़े फुंसी बढ़ते जाते हैं उनका शिरा नुकीला हो जाता है जिसके खुलने पर पस बाहर निकलती है।
- बिना देखभाल के यह और बदतर हो जाते हैं जिससे इनफेक्शन स्किन टिश्यू और ब्लड में फैल सकता है।
- अगर इंफेक्शन टिश्यू में अंदर तक फैल गया है तो आप को बुखार भी आ सकता है और आप बीमार महसूस करने लगते हैं।
- शरीर के अंदर फोड़े होने की पहचान करना तब तक मुश्किल है जब तक वह बाहर ना दिखे लेकिन इसके कुछ लक्षण दिखने लगते हैं इन लक्षणों में शामिल है।
- इनफेक्टेड एरिया में दर्द महसूस होना।
- हाई टेंपरेचर शरीर का तापमान बढ़ाना।
- अनहेल्थी महसूस करना शरीर से जुड़ी किसी तरह की परेशानी महसूस करना।
- एक घोड़े का निदान करने के लिए कई टेस्ट मौजूद है बस निर्भर करता है कि वह कहां पर है।
फोड़े फुंसी के कारण : Causes of abscess :
अगर गर्लैंड और स्विवेट लैंड में ब्लॉकेज का कारण स्क्रीन पोर्स में सूजन आ जाती है जब यह बैक्टीरिया के संपर्क में आता है शरीर की इम्युनिटी इन बैक्टीरिया को मारने की कोशिश करती है इससे इन्फ्लेमेटरी रिएक्शन होता है जिससे एबसेंस बनता है
- ज्यादातर प्रकार के फोड़े फुंसियों बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होते हैं जब बैक्टीरिया आपके शरीर के अंदर जाता है तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से लड़ने वाले सफेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित क्षेत्र में भेजती हैं।
- जैसे ही सफेद रक्त कोशिकाएं बैक्टीरिया पर अटैक करती हैं तो उनके साथ-साथ आसपास के कुछ उत्तक भी नष्ट हो जाते हैं जहां से उत्तक नष्ट होते हैं वहां पर खाली जगह बन जाती है और पस से भर जाती है पस में नष्ट हुए उत्तक सफेद रक्त कोशिकाएं और बैक्टीरिया होते हैं यदि संक्रमण लगातार बढ़ता रहता है तो पास भी लगातार बढ़ता रहता है ऐसे में फोड़े फुंसी का आकार बढ़ जाता है और दर्द भी अधिक होता है।
- पेट के अंदर विकसित होने वाला फोड़ा या उनसे किसी ऐसे इंफेक्शन के कारण होता है जो उत्तको की गहराई तक पहुंच जाता है ऐसा आमतौर पर निम्नलिखित कारणों से होता है।
- चोट लगना।
- आसपास के किसी क्षेत्र में संक्रमण फैलना।
- अपेंडिक्स के परिणाम स्वरूप भी बैक्टीरिया पेट के अंदर फैल सकते हैं और फोड़े फुंसी पैदा कर सकते हैं।
- इसके अलावा कुछ प्रकार के वायरस फंगी व अन्य परजीवी ओं के कारण भी फोड़े फुंसी हो सकते है।
फोड़े फुंसी होने का खतरा कब बढ़ता है:
- कुछ स्थितियो में आपको फोड़े फुंसी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- त्वचा संबंधी कोई दीर्घकालिक बीमारी जैसे एग्जिमा या चेहरे पर मुंहासे आदि।
- संक्रमित व्यक्ति से करीबी संपर्क में आना।
- लंबे समय तक अस्पताल में रहना।
- कैंसर ।
- कोई गंभीर चोट लगना।
- डायबिटीज से ग्रस्त होना।
- कीमो थेरेपी लेना।
- गंभीर रूप से जलना।
- शराब की लत होना या अन्य नशीले इंजेक्शन लगाना।
- प्रतिरक्षण प्रणाली कमजोर होना यह अक्सर एचआईवी एड्स जैसे रोगों के कारण होती है।
- साफ सफाई ना रखना आदि।
- फोड़े फुंसी से बचाव।
- फोड़ा या फुंसी ने हो इसके लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं।
- अपनी त्वचा को स्वच्छ स्वस्थ रखें।
- नियमित रूप से अपने हाथ धोते रहे।
- त्वचा पर लगे कट घाव आदि को पट्टी से ढक कर रखें।
- त्वचा पर लगी सभी छोटी-बड़ी खरोच को साबुन में पानी के साथ अच्छे से धोएं और फिर उन पर एंटीबैक्टीरियल मल हम लगा ले।
- आपको कोई गांव या फोड़ा है तो नियमित रूप से अपने बिस्तर की चादर को ब्लीच में धोते रहें और गर्म वातावरण में सुखाएं।
- यदि आपको डायबिटीज है तो नियमित रूप से उसकी दवाई लेते रहें और जांच करवाते रहें।
फोड़े फुंसी का परीक्षण :Abscess test :
- फोड़े फुंसी की जांच कैसे करें।
- यदि आपको फोड़ा या फुंसी हो गया है तो आपको डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
- यदि आपकी त्वचा पर कोई फोड़ा बना है तो डॉक्टर सबसे पहले प्रभावित क्षेत्र की जांच करेंगे फोड़े फुंसी की जगह के अनुसार जांच के लिए आपके निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं।
- यूरिन और ब्लड शुगर टेस्ट।
- जिन लोगों को डायबिटीज है उनको त्वचा में फोड़े होने का खतरा अधिक होता है इसीलिए डायबिटीज आदि का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके शरीर में शुगर की मात्रा की जांच करने के लिए आपका खून व यूरिन टेस्ट कर सकते हैं।
- अल्ट्रासाउंड।
- यदि फोड़े फुंसी शरीर की अंदरूनी परत में विकसित हो गए हैं तो ऐसे में डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करते हैं इसकी मदद से फोड़े के आकार का पता लगा लिया जाता है।
- पस कल्चर और सेंसिबिलिटी टेस्ट।
- इस टेस्ट के दौरान फोड़े फुंसी से पर्स का सैंपल लिया जाता है और टेस्टिंग के लिए उसे लेबोरेटरी भेज दिया जाता है इसकी मदद से इन्फेक्शन का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के पहचान कर ली जाती है बैक्टीरिया की पहचान करने के बाद उसके लिए उचित इलाज निर्धारित किया जाता है।
- सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन।
- यदि फोड़ा शरीर के अंदर है तो डॉक्टर सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन करवाने का सुझाव भी दे सकते हैं।
फोड़े फुंसी का इलाज : Treatment of boils pimples:
- छोटे-मोटे फोड़े फुंसी अक्सर निकल जाता है और वे अपने आप ठीक होने लग जाते हैं गर्म सिकाई करने से इनके ठीक होने की गति और बढ़ जाती है।
- चीरा देकर पस निकालना।
- जब फोड़े फुंसी में तेज गंभीर दर्द व सूजन हो और छूने पर दर्द बढ़ जाता हो तो ऐसी स्थिति में चीरा देने की आवश्यकता पड़ती है इस स्थिति के दौरान मरीज को लोगन दी जाती है यह शरीर सुन करने की दवा है यह दवा इंजेक्शन या स्प्रे के रूप में दी जा सकती है।
- फोड़े फुंसी से पस निकालने के लिए डॉक्टर सिर्फ छोटा सा चेहरा या छेद करते हैं जब सारा मवाद निकल जाता है तो डॉक्टर दस्ताने पहनकर उगली के साथ फोड़े को धीरे धीरे चारों तरफ से दबाते हैं जिससे फोड़े के अंदर की सारी सामग्री निकल जाती है।
- उसके बाद थोड़े को स्टराइल धर्म से धोया जाता है उसके बाद खाली फोड़े में रुई का टुकड़ा भर दिया जाता है इस रुई के टुकड़े को 24 से 48 घंटे के बाद निकाल दिया जाता है प्रभावित क्षेत्र की गर्म सिकाई करने से सूजन जल्दी ठीक होने लग जाती है और ऐसे गर्म निकाल देने के तुरंत बाद ही ज्यादातर लोगों को अच्छा महसूस होने लगता है।