बुखार के कारण, लक्षण और प्रकार । Fever in hindi ! What is fever
बुखार क्या है?
What is fever?
हमारे शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री F (370डिग्री C) होता है। जब शरीर का तापमान सामान्य अवस्था से अधिक बढ़ना शुरू हो जाता है। तो उस स्थिति को बुखार कहते हैं ।
बुखार शरीर का बीमारी से लड़ने का एक तरीका है। इसीलिए बुखार संक्रमण का एक लक्षण है। संक्रमण के दौरान हमारा रक्त और लसीका प्रणाली सफेद रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है। जो संक्रमण से लड़ती है। इस स्थिति में हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसके कारण हमारी मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। और कंपकपी होने लगती है।
आमतौर पर हमारे शरीर का तापमान 41 से 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जाता हम सभी को बुखार के कारण शरीर में उठने वाले ठंडी लहरों और थकावट का सामना करना पड़ता है । बुखार कई अन्य परिस्थितियों के कारण भी हो सकता है। जो कभी सामान्य रहता है, तो कभी गंभीर स्थिति तक भी पहुंच सकता है।
बुखार के प्रकार-
Types of fever-
1-लगातार बुखार होना-तेरी 24 घंटे से अधिक समय तक शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा हो और यह तापमान 1 डिग्री सेल्सियस से अधिक बदलाव नहीं हुआ हो इस प्रकार का बुखार लोबर निमोनिया , टाइफाइड मूत्र पथ में संक्रमण, संक्रमित एंडोकार्डाइटिस और टायफस में होता है।
2-स्वल्पविराम बुखार-यह बुखार चढ़ता उतरता रहता है या बिल्कुल नहीं उतरता इसमें शरीर का तापमान पूरे दिन सामान्य से ऊपर रहता है और इस अवधि में तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक बदलाव नहीं आता है। इस प्रकार का बुखार टाइफाइड और संक्रमित रोगियों में देखा जाता है।
3-जाड़े का बुखार-इस बुखार में 24 घंटे की अवधि में कुछ तापमान केवल कुछ घंटों के लिए रहता है और बाकी पूरे दिन तापमान सामान्य रहता है यह प्रक्रिया हर दूसरे दिन या फिर कुछ दिनों में आमतौर पर अपने आप को बार बार बुखार के लिए उत्तरदाई कुछ बीमारियों में मलेरिया, प्यूमियार और सेप्टीसीमिया शामिल है।
4-सेप्टिक बुखार-एक उच्च तापमान जिसमें एंटीपायरेटिक्स से भी कोई सुधार नहीं आता। सेप्टिक बुखार का संकेत देता है। इस अवस्था में रोगी की देखभाल की जानी चाहिए और उसके स्वास्थ्य में किसी भी तरह की गिरावट को रोकने के लिए समीक्षा की जानी चाहिए।
5-कम /मियादी बुखार- यह बुखार की पुनरावृत्ति होती है । जो कुछ दिनों से कुछ हफ्तों तक रहती है। बुखार होने के बीच में अंतर होते हैं । जिनमें कोई लक्षण उपस्थित नहीं होता । इस बुखार का एक पैटर्न होता है । जो बार-बार संक्रमण देता या नॉन इन्फेक्शन इन्फ्लेमेटरी रोगों के कारण हो सकता है।
बुखार का कारण-
Causes of Fever-
बुखार तब होता है जब आपके मस्तिष्क का एक हिस्सा इसे हाइपोथैलेमस (जिसे आपके शरीर की थर्मोस्टेट भी कहा जाता है) कहां जाता है, आपके शरीर के सामान्य तापमान के निर्धारित बिंदु को ऊपर ले जाता है। जब ऐसा होता है,तब आपको ठंड महसूस हो सकती है और आप ज्यादा कपड़े पहन लेते हैं या कंबल में लिपट जाते हैं या आपको कंपकपी भी हो सकती हैं। जिससे शरीर में ज्यादा गर्मी उत्पन्न होती है। इसके परिणाम स्वरूप शरीर का तापमान बढ़ जाता है। शरीर का सामान्य तापमान पूरे दिन बदलता रहता है,जैसे सुबह के समय शरीर का तापमान काम होगा और देर दोपहर या शाम को तापमान बढ़ जाता है।हालांकि जाए तो वो लोग 37 डिग्री सेल्सियस के तापमान को सामान्य मानते हैं आपके शरीर का तापमान डिग्री के अनुसार 36.1 डिग्री सेल्सियस या 37.2 सेल्सियस ऊपर नीचे होता है ।जिसे सामान्य माना जाता है।
बुखार या शरीर का तापमान बढ़ने के कारण-
1-वायरस संक्रमण
2-जीवाणु द्वारा संक्रमण
3-गर्मी के कारण बेहद थकान होना
4-सूजन से संबंधित समस्याएं जैसे -गठिया
5-एक घातक ट्यूमर
6-कुछ टीकाकरण जैसे डिप्थीरिया, टिटनेस और अकेल्लुलर वैक्सीन आदि
7-कुछ दवाएं जैसे की एंटीबायोटिक और ड्रग्स जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बुखार के लक्षण:-
Symptoms of fever-
1-वयस्यको और बच्चों में 38 सेल्सियस से अधिक तापमान
2-नींद में कमी
3-गले में खराश खांसी आवाज का कर्कश हो जाना
4-नाक का बहना
5-सुस्त हो ना
6-दस्त
7-उल्टी
8-सिर दर्द
9-भूख में कमी
10-कमजोरी
11-आंखों में दर्द
12-बेहोशी चक्कर आना या हल्का सिर दर्द होना
13-त्वचा का फड़कना
14-हृदय गति का तेज होना या घबराहट महसूस होना
15-बार-बार या अत्यधिक पसीना आना
16-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या शरीर के दूसरे अंगों में दर्द
17-ठंड लगना, थरथराना