ब्रेन हेमरेज : कारण लक्षण और बचाव ! brain hemorrhage in hindi ! ब्रेन हेमरेज क्या है?
ब्रेन हेमरेज क्या है:- What is brain hemorrhage: –
ब्रेन हेमरेज एक तरह का मानसिक दौरा है यह दिमाग में दामिनी के फटने के कारण होता है। जिससे आसपास के उत्तको में रक्त स्राव हो जाता है। ब्रेन हेमरेज से होने वाला रक्तस्राव मस्तिष्क कोशिकाओं का नाश कर देता है।
मनुष्य का दिमाग खोपड़ी के अंदर होता है। दिमाग से खून बहने के कारण खोपड़ी और दिमाग के बीच दबाव पैदा होता है।जो दिमाग के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है। दिमाग में जब किसी रक्त वाहिका के फटने के कारण खून बहता है तो उसे हेमराज स्ट्रोक कहते हैं।
ब्रेन हेमरेज हाई बीपी, अत्यंत कमजोर रक्त वाहिकाएं जिन से खून बहता हो , दवाई के दुरुपयोग और ट्रामा के कारण होता है। जिन लोगों को ब्रेन हेमरेज हुआ है उन्हें स्ट्रोक के जैसे ही लक्षण होते हैं। साथ ही शरीर के एक हिस्से में कमजोरी बोलने में परेशानी या शरीर का सुन पढ़ना महसूस हो सकता है।इसका तुरंत इलाज कराना बहुत जरूरी होता है।
ब्रेन हेमरेज के लक्षण:-Symptoms of brain hemorrhage: –
ब्रेन हेमरेज के कई लक्षण हो सकते हैं। ब्रेन हेमरेज के लक्षण निर्भर करते हैं ।कि रक्तस्त्राव दिमाग के किस हिस्से में हुआ है। कितना ज्यादा हुआ है और इससे कितने ऊतको का नाश हुआ है। ब्रेन हेमरेज के लक्षण रक्त स्त्राव के तुरंत बाद ही या कुछ समय बाद बनते हैं । यह या तो एकदम से दिख जाते हैं या फिर धीरे-धीरे करके बढ़ते जाते हैं।
अगर आपको निम्नलिखित लक्षणों में कोई लक्षण महसूस होते हैं। या फिर दिखाई पड़ते हैं तो आपको ब्रेन हेमरेज हो सकता है लेकिन याद रखिए कि जरूरी नहीं कि इनमें से किसी लक्षण के पाए जाने पर आपको ब्रेन हेमरेज ही है। क्योंकि इनमें से कई लक्षण किसी अन्य बीमारी के भी हो सकते हैं।
*एकदम से सर में बहुत तेज दर्द उठना।
*दौरे पड़ना , जो आज से पहले कभी न हुआ हो।
*बाजू या टांग में कमजोरी महसूस होना।
*उल्टी आना।
*सुस्ती महसूस होना।
*देखने की क्षमता में बदलाव आना।
*शरीर का कोई हिस्सा सुन्न पड़ जाना।
*बोलने और समझने में परेशानी हो ना।
*मुंह से कुछ निगलने में परेशानी होना।
*लिखने और पढ़ने में परेशानी होना।
ब्रेन हेमरेज के प्रकार:- Types of brain hemorrhage: –
*इंस्ट्रा सेरेब्रल हैम्रेज:-दिमाग के अंदर रक्त स्राव।
*सबरकनाॅइड हेमरेज:- दिमाग और उसे सुरक्षित करने वाली झिल्ली के बीच रक्त स्राव।
*सब ड्यूरल हेमरेज:- डयूरा की निचली सतह और दिमाग के ऊपरी हिस्से के बीच रक्त स्राव।
*एपीडयूरलरल हेमरेज:- खोपडे़ और दिमाग के बीच रक्त स्राव।
ब्रेन हेमरेज का परीक्षण:-Brain hemorrhage test: –
ब्रेन हेमरेज की जांच करना मुश्किल हो सकता है ।क्योंकि कुछ मरीजों में इसके सारी के लक्षण नहीं दिखते हैं। दिमाग के कौन से हिस्से में रक्त स्त्राव हो रहा है ।यह जानने के लिए डॉक्टर को कुछ जांच करनी पड़ती हैं।
*आम रूप से रेडियोलॉजी जांच करना जरूरी है जैसे की सीटी स्कैन या m.r.i. स्कैन ,सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन से दिमाग में रक्त स्त्राव होने वाले हिस्से के बारे में पता चलता है।
“अगर दिमाग के अंदर या इर्द-गिर्द रक्त स्त्राव हो रहा हो तो उसका कारण जाने के लिए आगे के टेस्ट किए जाते हैं।
*आगे के टेस्ट करना लाभदायक है क्योंकि इससे दिमाग में होने वाली है । सामान्य रक्त वाहिकाओं के बारे में पता चलता है और निदान के अगले चरण के बारे में पता चल सकता है।
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ब्रेन हेमरेज से बचाव:- Avoidance of brain hemorrhage: –
ज्यादातर होने वाले ब्रेन हेमरेज का कारण कुछ मुख्य जोखिम कारक है। ब्रेन हेमरेज होने की संभावनाएं आप निम्नलिखित तरीके से कम कर सकते हैं।
*हाई बीपी का इलाज कराएं:- देखा गया है कि 80% सेरेब्रल हैम्रेज के मरीजों को हाई बीपी की समस्या थी।संतुलित आहार का सेवन करके , रोज व्यायाम करके और मेडिसन करके , आप अपना बीपी असंतुलित कर सकते हैं।
*धूम्रपान न करें।
*ड्रग्स का सेवन ना करें:-कोकेन से दिमाग में रक्त स्त्राव होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
*मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट जरूर पहने:-हेलमेट पहनने से आप सिर पर चोट लगने से बच सकते हैं।
*सर्जरी की सहायता से:-अगर आपको एनयूरिस्मस की समस्या है। तो वह सर्जरी से ठीक हो सकती है । इससे आप रक्त स्त्राव की समस्या से बच सकते हैं।