भगंदर के कारण, लक्षण और बचाव । Type of fistula ! Fistula in hindi ! What is fistula

 

भगंदर क्या होता है?

What is fistula?


फिस्टुला अंगों या नसों के बीच एक असामान्य जोड़ होता है। यह ऐसे दो अंगो या नसों को जोड़ देता है ,जो प्राकृतिक रूप से जुड़े नहीं होते हैं ।जैसे आंत व त्चचा के बीच में, योनि व मलाशय के बीच में।

फिस्टुला के कुछ प्रकार होते हैं लेकिन इसका सबसे आम प्रकार भगंदर (एनल फीस्टुला) भगंदर एक छोटी नली समान होता है। जो आंत के अंदर अंत के भाग को गुदा के पास की त्वचा से जोड़ देता है ।यह आमतौर पर तब होता है । जब कोई संक्रमण सही तरीके से ठीक नहीं हो पाता है।


भगंदर के प्रकार-

Types of anal fistula :

भगंदर को निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।

1-सामान्य या जटिल-एक या एक से ज्यादा भगंदर होने को सामान्य या जटिल शीतला के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

2-कम या ज्यादा-भगंदर के होने की जगह और इस पर मांस पेशियों (दो अंगूठी जैसी मांस पेशियों जो गुदा को खोलती और बंद करती हैं) से उसके नजदीकी के आधार पर उसे कम या ज्यादा में वर्गीकृत किया जाता है।


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भगंदर के कारण :

Anal fistula causes :


ज्यादातर भगंदर गुदा में फोड़ा होने के बाद होते हैं। यह तब हो सकते हैं अगर फोड़े से बस निकलने के बाद में ठीक नहीं हो पाता। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि हर 2 से 4 लोग जिन्हें गुदा में फोड़ा हुआ है उन्हें भगंदर होंगे।

इसके कुछ असामान्य कारण निम्नलिखित है:-

1-क्रोहन रोग-एक लंबी चलने वाली बीमारी इसमें पाचन तंत्र में सूजन हो जाती है।

2-डायवर्टिकुलाइटिस बड़ी आत की परत में बनने वाली थैलियों की सूजन।

3-गुदा के आसपास की त्वचा में फोड़े और दाग पड़ना

4-टीवी या एचआईवी से संक्रमित होना

5-खुदा के पास हुई कोई सर्जरी की जटिलता

भगंदर के जोखिम कारक क्या होते हैं?

भगंदर के निम्नलिखित जोखिम कारक हो सकते हैं: &

1-शुगर

2-धूम्रपान करना

3-शराब पीना

4-एचआईवी

5-गुदा में पहले कभी चोट लगना

6-पहले कभी खुदा के आसपास के क्षेत्र में रेडिएशन थेरेपी होना


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भगंदर के लक्षण:- symptoms of fistula :

1-गुदा में बार बार फोड़े होना

2-गुदा के आसपास दर्द और सूजन

3-मल करने में दर्द

4-रक्त स्त्राव

5-गुदा के पास एक छेद जो बदबूदार और खून वाली पस निकलना

6-बार-बार पस निकलने के कारण गुदा के आसपास की त्वचा में जलन

7-बुखार, ठंड लगना और थकान महसूस होना

8-कब्ज

9-सूजन

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण हो तो अपने डॉक्टर के पास जाएं।


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भगंदर से बचाव:-

Prevention of anal fistula :

1-पर्याप्त मात्रा में फाइबर ले-अगर आपको कब्ज है सख्त या सूखा मल आ रहा है तो आपको भगंदर होने का खतरा हो सकता है ।अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेने से खासकर फलों और सब्जियों से आप कब्ज से बच सकते हैं।

जब तक आप को मुलायम और पहले से अधिक मैंने आने लगे तब तक फाइबर का धीरे-धीरे सेवन बढ़ाते रहें साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पिए जिससे पेट में सूजन और केस नहीं होगी।

2-तरल पदार्थ ले- तरल पदार्थ लेने से कम से बचा जा सकता है क्योंकि इसमें मल मुलायम होता है और मल करने में आसानी होती है । गर्मी के मौसम में और ज्यादा शारीरिक गतिविधि करते समय अधिक तरल पदार्थ लें। अधिक मात्रा में शराब और कैफीन पीने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है।

3-व्यायाम करें-कब्ज होने का सबसे सामान्य कारण है । कम शारीरिक गतिविधि करना। रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करने का प्रयास करें जिससे आपका पाचन तंत्र अच्छा होगा और आप फिट हो रहेंगे।

4-मल को अधिक देर तक न रोके- जब आपको मल करने की भावना हो तो उसे नजरअंदाज ना करें ऐसा करने से मन की भावना देर देने वाले शरीर के संकेत कमजोर हो सकते हैं । आप मान को जितने अधिक समय के लिए रोकेंगे वह उतना ही सूखा और सख्त होता जाएगा । इससे मल करने में कठिनाई होगी।

5-अन्य आदतें-निम्नलिखित तरीकों से कब्ज की समस्या कम हो सकती है और गुदा नली पर तनाव कम हो सकता है:-

1-टॉयलेट में मल करते समय पर्याप्त समय ले , लेकिन बहुत अधिक देर तक भी टॉयलेट पर ले बैठे।

2-मल करने के लिए ज्यादा जोर ना लगाएं।

3-गुदा के क्षेत्र को सूखा रखें

4-हर बार मल करने के बाद अपने आप को सही से साफ करें।

5-मुलायम, बिना डाई वाले और बिना सुगंध वाले टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करें।

6-दस्त का इलाज करवाएं।


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