वरदान है पपीते के पत्ते का रस

 वरदान है पपीते के पत्ते का रस


 क्योंकि इसमे है 5 विटामिन का भरपूर मिश्रण | पपीते के पत्ते खाने में कड़वे लगते हैं लेकिन उनमें कमाल के गुण छुपे हुए होते हैं. पपीते के पत्तों में विटामिन ”ए’,”बी’,”सी’,”डी’ और ”ई’ पाया जाता है साथ ही इसमें कैल्शियम भी पाया जाता है. 

पपीते के पत्ते के रस के फायदे :


1.मुंहासे दूर करे : Pimples:


अगर चेहरे पर मुंहासे हैं तो सूखी पपीते की पत्ती ले कर उसे थोड़े से पानी के साथ मिक्स कर के पेस्ट बना लें. फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगा कर सुखा लें और फिर पानी से धो लें।


2.कैंसर होने से रोके : Prevent cancer:


इसमें कैंसर विरोधी गुण होते हैं जो कि इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं और सवाईकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, अग्नाशय, जिगर और फेफड़ों के कैंसर को होने से रोकते हैं।


3.बैक्टीरिया की ग्रोथ रोके : Stop the growth of bacteria:


पपीते की पत्तियों में 50 एक्टिव सामग्रियां होती हैं जो कि सूक्ष्मजीवों जैसे फंगस, कीड़े, परजीवी और कैंसर कोशिकाओं के विभिन्न अन्य रूपों को बढ़ने से रोकती हैं।


4.इम्यूनिटी बढ़ाए : Increase immunity:


इन पत्तियों में सर्दी और जुखाम जैसे रोगों से लड़ने की शक्ति होती है. यह खून में व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को विकास बढ़ा देती है।


5.एंटी मलेरिया गुण : Anti Malarial Properties:


यह मलेरिया से लड़ने में प्रभावकारी है. पपीते की पत्तियों का रस मलेरिया के लक्षणों को बढ़ने से रोकता है।


6.डेंगू में रामबाण : Panacea in dengue। :


डेंगू से लड़ने के लिए पपीते की पत्तियां काफी लाभकारी है. यह गिरते हुए प्लेटलेट को बढ़ाने, खून के थक्के जमने तथा जिगर की क्षति को रोकती है, जो कि डेंगू वायरस के कारण हो जाता है।


7.माहवारी के दर्द से छुटकारा : Relieve menstrual pain:


दर्द को दूर करने के लिए एक काढ़ा बनाइए जिसमें एक पपीते की पत्ती को इमली, नमक और एक गिलास पानी के साथ मिक्स कीजिए. फिर इसे उबालिए और जब काढ़ा बन कर ठंडा हो जाए तब इसे पी लीजिए, इससे आपको आराम मिलेगा।


पपीते की पत्तियों का जूस अन्य फलों के जूस के साथ मिला कर भी रोगी को दे सकते हैं।


पपीते के स्वास्थ्य लाभ :

पपीता एक ऐसा फ्रूट है। जो टेस्टी होने के साथ ही गुणों से भरपूर है। पपीते के नियमित सेवन से शरीर को विटामिन-ए और विटामिन सी की एक निश्चित मात्रा प्राप्त होती है, जो अंधेपन से बचाती है। पीले रंग के पपीते के मुकाबले लाल पपीते में कैरोटिन की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। इस फल का चिकित्सकीय महत्व भी काफी है, यह सुपाच्य होता है। पेट में गैस बनने से रोकता है। कब्ज का दुश्मन है और स्वास्थ्य व सौंदर्यवर्धक है। पपीते में पाए जाने वाले पपाइन नामक एंजाइम से भोजन पचाने में मदद मिलती है। यह मोटापे का भी दुश्मन हैं।


पेट के रोगों को दूर करने के लिए पपीते का सेवन करना लाभकारी होता है। पपीते के सेवन से पाचनतंत्र ठीक होता है। पपीते का रस अरूचि, अनिद्रा (नींद का न आना), सिर दर्द, कब्ज व आंवदस्त आदि रोगों को ठीक करता है। पपीते का रस सेवन करने से खट्टी डकारें बंद हो जाती है। पपीता पेट रोग, हृदय रोग, आंतों की कमजोरी आदि को दूर करता है। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।


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पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है। पपीते में विटामिन डी, प्रोटीन, कैल्शियम, लौह तत्व आदि सभी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।पपीता वीर्य को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवं वात दोषों को नष्ट करता है। इसके सेवन से जख्म भरता है और दस्त व पेशाब की रुकावट दूर होती है। कच्चे पपीते का दूध त्वचा रोग के लिए बहुत लाभ करता है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता, पेशाब अधिक लाता है, मूत्राशय के रोगों को नष्ट करता है, पथरी को लगाता है और मोटापे को दूर करता है। पपीता कफ  के साथ आने वाले खून को रोकता है एवं खूनी बवासीर को ठीक करता है। पपीता त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। पपीते के कारण आंखो के नीचे के काले घेरे दूर होते हैं।कच्चे पपीते के गूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुंहांसो का अंत होता है।


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