हर्पीस सिंपलेक्स वायरस के कारण, लक्षण और बचाव । What is Herpes simplex virus ! Herpes simplex virus in hindi
हर्पीस सिंपलेक्स वायरस क्या है?
What is Herpes simplex virus-
हर्पीस- हर्पीस सिंपलेक्स वायरस के कारण होने वाला एक संक्रमण है। यह वायरस हम बाहरी जननांग, गुदा के क्षेत्र, श्लेष्म सतह और शरीर के अन्य भागों की त्वचा को प्रभावित करता है। हर्पीस संक्रमित जगहों के साथ त्वचा के संपर्क से फैलता है अक्सर यह योनि सेक्स, ओरल सेक्स, एनल सेक्स ( गुदामैथुन) और किस के दौरान फैलता है।
हरपीज से खुजली वाले दर्दनाक फफोले या घाव होते हैं जो कभी आते हैं मैं कभी चले जाते हैं। हर्पीस से ग्रस्त कई लोग घावों पर ध्यान नहीं देते या उन्हें किसी और चीज का ख्वाब मान लेते हैं इसलिए उन्हें पता नहीं चलता कि वे संक्रमित हैं। आप हर्पीस को तब तक भी फैला सकते हैं, जब आपको कोई लक्षण अनुभव ना हो। हर्पीस एक दीर्घकालिक समस्या है हालांकि बहुत से लोगों में वायरस मौजूद होने के बाद भी लक्षण नहीं होते इसके लक्षणों में फफोले, अल्सर,पेशाब होने पर दर्द, मुंह के छाले और योनि स्राव शामिल हैं। हालांकि हर्पीस का कोई इलाज नहीं है इसके इलाज के लिए दवाएं और घरेलू उपचार का उपयोग किया जा सकता है।
हर्पीस के कारण-Causes of herpes-
अगर वायरस एक संक्रमित व्यक्ति की त्वचा की सतह पर मौजूद होता है तो यह आसानी से किसी अन्य व्यक्ति को नम त्वचा के माध्यम से पारित हो सकता है। जो गुदा और जननांगों के आसपास होती है। वायरस त्वचा के अन्य क्षेत्रों जैसे आंखों के माध्यम से भी अन्य व्यक्तियों में फैल सकता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्तियों के छुए हुए सामान को छूने से नहीं फैलता। संक्रमण निम्नलिखित तरीकों से हो सकता है।
1-बिना कंडोम के योनि या एनल सेक्स करना।
2-मुंह के छालों से ग्रस्त व्यक्ति के साथ मौखिक सेक्स करना ।
3-सेक्स खिलौने शेयर करना।
4-संक्रमित व्यक्ति के साथ जननांग संपर्क में आना।
वायरस के फैलने की संभावना तब ज्यादा होती है जब फफोला उत्पन्न नहीं हुआ होता है। जब वह दिखने लगता है और जब तक वह पूरी तरह ठीक नहीं होता। वायरस तब भी किसी अन्य व्यक्ति को प्रसारित किया जा सकता है। जब कोई दिखने वाला लक्षण नहीं होता है। हालांकि इसकी संभावना कम होती है ।यदि एक महिला को जन्म देने के दौरान जननांग दाद है तो यह संभव है कि बच्चे को संक्रमण पारित हो जाए।
हर्पीस के लक्षण:-Symptoms of herpes: –
1-फफोले या घाव।
2-पेशाब करने में दर्द होना।
3-खुजली।
4-बुखार।
5-लसीका ग्रंथि की सूजन।
6-सिर दर्द।
7-थकान
8-भूख कम लगना
हर्पीस कभी कभी आंखों में भी फैल सकता है। इसे हरपीज केरिटाइटिस कहा जाता है । इसके आंखों में दर्द , रिसाव आंखों में किरकिराहट महसूस होने जैसे लक्षण हो जाते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि किसी व्यक्ति को दिखाई देने वाले घाव या लक्षण में होने के बावजूद भी यह वायरस से संक्रमित हो सकता है और वे दूसरों को भी वायरस प्रसारित कर सकता है।
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हर्पीस सिंपलेक्स वायरस से बचाव-
Prevention of herpes simplex virus-
1-सेक्स करते समय कंडोम का उपयोग करें।
2-लक्षण मौजूद होने पर सेक्स ना करें।
3-मुंह में छाला होने पर किस न करें।
4-बहुत अधिक यौन साथी ने बनाएं।
कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि तनाव थकान बीमारी या धूप में रहने से लक्षणों की पुनरावृति हो सकती है इन कारकों को पहचानने और उनसे बचने से पुनरावृत्ति ओं की संख्या को कम करने में मदद मिल सकती है।