हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और बचाव । Heart attack in Hindi ! What is heart attack

 

हार्ट अटैक क्या है?

What is Heart Attack?


दिल का दौरा (हृदयाघात) तब पड़ता है जब हृदय तक जाने वाले ऑक्सीजन युक्त खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। यह वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के कारण होता है । जो हृदय का खून पहुंचाने वाली धमनियों में प्लेक बनाकर उन्हें अवरुद्ध करते हैं। बाधित रक्त प्रभाव के कारण हृदय को ऑक्सीजन नहीं मिलता है और यदि हृदय को ऑक्सीजन जल्दी ना मिले तो हृदय की मांसपेशियां नष्ट हो जाती हैं।

भारत में हर 33 सेकेंड में एक व्यक्ति की मृत्यु दिल के दौरे के कारण होती हैं। भारत में 1 साल में दिल के दौरे के लगभग 20 लाख मामले होते हैं।



हार्ट अटैक के कारण:-

Heart attack causes :


जब आपकी एक या एक से अधिक कोरोनरी धमनी अवरुद्ध हो जाए तो दिल का दौरा पड़ता है। कोलेस्ट्रोल और कई अन्य पदार्थों के संचय के कारण कोरोनरी धमनी संकुचित हो सकती है। इस अवस्था को कोरोनरी धमनी ने रोग कहते हैं और अधिकांश दिल के दौरे इसी कारण होते हैं। दिल के दौरे के दौरान प्लेक और कोलेस्ट्रॉल और कई अन्य पदार्थ रक्तधारा में फैल सकते हैं। जहां प्लेक फटता है वहां खून का थक्का बन जाता है। अगर यह थक्का बड़ा हो तो इसके कारण रक्त प्रवाह पूरी तरह अवरुद्ध हो सकता है। 

दिल का दौरा पड़ने का एक और कारण है कोरोनरी धमनी की ऐंठन जिसके कारण हृदय की मांसपेशियों तक जाने वाला रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। तंबाकू और गैरकानूनी नशीले पदार्थों जैसे कोकेन से जानलेवा ऐंठन पैदा हो सकती है। दिल की के कारण भी दिल का दौरा पड़ सकता है।


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हार्ट अटैक के लक्षण:-

Heart attack symptoms :

1-छाती या बांहों पर दबाव, जकड़न या दर्द महसूस होना जो आपके गले जबड़े और पीठ तक फैल सकता है।

2-मतली, अपच, सीने में जलन, पेट में दर्द होना

3-सांस लेने में कठिनाई होना

4-कोल्ड स्वेट आना

5-थकान

6-चक्कर आना

दिल के दौरे के लक्षण सभी लोगों के लिए सामान्य नहीं होते हैं। सीने में दर्द हमेशा तीव्र होता है। लेकिन कुछ लोगों को बहुत कम दर्द भी महसूस हो सकता है। जैसा आपस में महसूस होता है। कुछ लोगों खासकर महिलाओं बुजुर्गों और मधुमेह से पीड़ित को दर्द नहीं होता है।


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हार्ट अटैक से बचाव:-

Prevention of heart attack :

1-दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम पढ़ने के लिए और अपने क्षतिग्रस्त दिल के कार्य को बेहतर करने के लिए डॉक्टर द्वारा सलाह रहित दवाइयों का उपयोग करें और अपने चिकित्सक से सलाह लेते रहें।

2-यदि आपको मधुमेह हो तो उसके लिए सलाहित दवाइयों का प्रयोग करें और अपने रक्त के शुगर के स्तर की जांच कराते रहें। यदि आपको कोई हृदय रोग हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें और अपने डॉक्टर द्वारा दवाइयों का प्रयोग करें।

3-स्वस्थ आहार के साथ साथ स्वस्थ वजन बनाए रखें धूम्रपान ना करें रोज व्यायाम करें ज्यादा तनाव ना लें और हाई बीपी रक्त में कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर और मधुमेह जैसी समस्याओं का नियंत्रण करें।


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