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Scabies ! खाज, खुजली, Scabies symptoms, खुजली के प्रकार

खुजली (स्केबीज) क्या है ? What is Itching ?   

     खुजली भयंकर सताने वाला संक्रमण है। घर के एक व्यक्ति को यदि यह रोग हो जाए तो इसका संक्रमण पूरे घर के सदस्यों में फैल सकता है। इस रोग को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में स्केबीज व सामान्य बोलचाल में इसे खाज, खुजली अथवा खारिश नाम से जाना जाता है। किसी ने किसी चर्म रोग से देश की अधिकांश जनसंख्या पीड़ित है।




   खाज/खुजली के कारण :

  • जो बच्चे गंदगी मे खेलते हैं उन्हें यह रोग होने की पूरी संभावना रहती है।
  • जब गर्मियों में पसीना जमा हो जाए तो इस रोग के होने की पूरी संभावना रहती है।
  • जो लोग साफ – सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं उन्हें भी यह रोग हो जाता है।
  • अगर कोई व्यक्त चर्म रोग से पीड़ित है तो उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को भी यह रोग हो जाता है।
  • लीवर और गुर्दे की गड़बड़ी के कारण भी यह रोग हो जाता है।
  • खून में संक्रमण होने पर भी यह रोग हो जाता है।
  • कैंसर के कारण भी यह रोग हो जाता है।
  • जिन महिलाओं को मासिक धर्म की गड़बड़ी रहती है उन्हें यह रोग होने की पूरी संभावना रहती है।
  • पाचन क्रिया की गड़बड़ी के कारण भी त्वचा के रोग हो जाते हैं।
  • थायराइड ग्रंथि संबंधी रोगों के कारण भी खाज खुजली की समस्या हो जाती है।
  • जिन लोगों को पीलिया की शिकायत है उन्हें भी त्वचा रोग होने की पूरी संभावना रहती है।
  • दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी त्वचा पर विभिन्न प्रकार के रोग हो जाते हैं।

      इम्यून सिस्टम की कमी, भोजन में पोषक तत्वों की कमी, डायबिटीज, पीलिया आदि रोगों में खाज, खुजली का प्रकोप अधिक होता है पालतू जानवरों जैसे कुत्ते से खाज खुजली, उसी भाग में ज्यादा होता है जहां जानवरों को लिया जाता है।

    

   खुजली के प्रकार –

  1 – सूखी खुजली – 

   

       सुखी खुजली में कोई फुंसी नहीं होती है। अगर फुंसी होती है तो उनमें किसी तरह का कोई द्रव नहीं निकलता है। सुखी खुजली इतनी तेज होती है कि रोगी बेहाल हो जाता है। खारिश इतनी तेज आती है कि, रोगी स्वयं अपने ही शरीर की त्वचा को आवेश में आकर छील लेता है। रोगी ने खुजलाए तो त्वचा पर सुरसुराहट अनुभव होती है। जिसके कारण रोगी खुजलाने के लिए मजबूर हो जाता है। कुछ रोगी जोश में आकर इतनी जोर से खुजला लेते हैं कि त्वचा पर खून निकलने लगता है और धब्बे दिखने लगते हैं।

    2 – गीली खुजली – 

          गीली खुजली में एक प्रकार का द्रव पदार्थ निकलता है। यह पदार्थ शरीर पर उपस्थित दाने और फुंसियों से बहता है और लगातार रोग को आगे बढ़ाता है। यह पदार्थ जहां जहां लग जाता है रोग  फैल शुरू हो जाता है। ये  फुंसियां देखते ही देखते पूरे शरीर को घेर लेती हैं।

    खुजली के लक्षण – symptoms of itching

  • खुजली के लक्षण हाथ, पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा पर दिखाई देते हैं।
  • शुरू में हाथ और उंगलियों के बीच में छोटी – छोटी फुंसियां निकलती है।
  • फुंसी निकलने पर उनमें अत्यधिक खुजली और जलन होती है।
  • रोगी की त्वचा पर सुरसुराहट महसूस होती है।
  • खुजली के कारण रोगी को खरोचना पड़ता है जिसके फलस्वरूप संक्रमण शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाता है।
  • खुजली रात के समय अधिक होती है।
  • रोगी के अधिक खुजलाने से घाव हो जाते हैं।

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रोगी की त्वचा पर दरारे पड़ जाती हैं। त्वचा छिल जाने पर त्वचा पर पपड़ी जम जाती है। ज्यादा खारिश आने पर घाव हो जाते हैं घाव में इंफेक्शन होने के कारण उनमें पस बनने लगता है। खुजली से रोगी का स्वास्थ्य खराब हो जाता है। रोगी को किसी चीज की इच्छा नहीं रहती। खारिश के कारण रोगी हर समय बेहाल रहता है।


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