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Worms ! पेट में कीड़े, कीड़े होने के कारण, symptoms of worms,worms in hindi

     पेट में कीड़े क्यों होते हैं ? Why are there bugs in the stomach?


पेट और आंतों में विभिन्न प्रकार के कीड़े होते हैं । विशेषकर बच्चों में अधिक मिलते हैं। बच्चों के पेट में कीड़े हो जाना गर्म देशों में एक आम बीमारी है। मनुष्य के शरीर में कई प्रकार के कीड़े पाये जाते हैं, जो मनुष्य के मल में भी निकल आते हैं। उन्हें आसानी से देखा जा सकता है। कुछ कीड़ों को देख पाना कठिन भी होता है इनके अंडे  का ज्ञान सूक्ष्मदर्शी यंत्र की सहायता से आजकल आसानी से कर लिया जाता है।


     यह सभी कीड़े परिपोषी होते हैं, अर्थ है जो कुछ बच्चा खाता है, पीता है, उसे यह चट कर जाते हैं। जिस कारण बच्चा अत्यधिक कमजोर हो जाता है और बच्चे का शरीर दुबला पतला हो जाता है। और कीड़ों की संख्या लगातार बढ़ती जाती है।

       जिन कीड़ों की चर्चा की जाएगी वह सभी आंतों व पेट में  पाए जाते हैं। कीड़े हमारे शरीर में अनेक रोगों को जन्म देते है। इन कीड़ों के कारण कभी भी मनुष्य स्वस्थ रह ही नहीं सकता। कीड़ों के लंबे समय तक शरीर में रहने के कारण रोगी को अनेक गंभीर रोग हो जाते हैं।



कीड़े होने के कारण : Due to insects :



जो व्यक्ति स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते उन्हें अक्सर पेट में कीड़े हो जाते हैं।

बिना हाथ धोए भोजन करना।

जो व्यक्ति अधिक मात्रा में खट्टे मीठे पदार्थ खाते हैं उनके पेट में कीड़े हो जाते हैं।

गुड़ से बने हुए खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना।

आटे का या आटे से बने हुई खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करने के कारण भी अक्सर पेट में कीड़े होते देखे गए हैं।

दिन में सोने से शरीर में जो विकार होते हैं उनसे आंतों में कीड़े पैदा हो जाते हैं ।

जमीन पर गिरी हुई चीज उठाकर खाना।

कम पका मांस खाना।

मुंह से नाखून कुतरने की आदत।

कच्चे फल और सब्जियां आदि बिना धोए खाना।

उड़द तथा खट्टे पदार्थ, अत्यधिक नमक खाने से ।


याद रहे –


आयुर्वेदिक का मानना है कि जो व्यक्ति मीठे पदार्थोंं का अधिक मात्राा में सेवन करतेे है। ऐसे व्यक्तियों के पेट में कीड़े अधिक होते हैं।


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कीड़ों के लक्षण : Characteristics of insects:

बच्ची अत्यधिक दुबले हो जाते हैं।

रोगी का चेहरा पीला नजर आता है।

रोगी के आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं।

अक्सर बुखार की शिकायत रहती है।

पेट में दर्द बना रहता है।

सीने में भी हल्का हल्का दर्द होता है।

रोगी को चक्कर आ सकते हैं व सिर में भारीपन रहता है।

पतले दस्त आते हैं।

मलद्वार के पास खुजली होती है।

रोगी पेट के बल सोता है।

रोगी नाक खुजलाता रहता है।

कभी तो अत्यधिक भूख लगती है और कभी बिल्कुल भी नहीं लगती।

कभी-कभी उल्टी के साथ मुंह के रास्ते बड़े और लंबे कीड़े बाहर निकल आते हैं।

चेहरे पर फीकापन आ जाता है।

चेहरे का रंग एक जैसा नहीं रहता।

नींद में रोगी दांत कटकटाता आता है।

सोते समय लार आती है।

रोगी को खून की कमी रहती है।

रोगी को उल्टी आती हैं।

कोई भी काम करने का मन नहीं करता।

सोते हुए अचानक चौक जाना।

रोगी की भूख समाप्त हो जाती है पर जब रोगी का आहार कीड़े खा जाते हैं तब रोगी को बहुत तेज भूख लगती है।

हॉठो पर खुश्की रहती है।

कीड़ों के कारण हृदय रोग, सिर दर्द, पेट फूलना, दस्तों और पेट में सूजन आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं।

कीड़ों के कारण अपेंडिक्स का रोग हो जाता है।

कीड़े लंबे समय तक रहने पर अक्सर दौरे पड़ने लगते हैं।


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