Vertigo! चक्कर आना / सिर घूमना / vertigo in Hindi, symptoms of vertigo,
सिर घूमना / चक्कर आना क्या है ? What is head spinning / dizziness?
अपने चारों ओर की वस्तुओं को घूमता हुआ अनुभव करने या स्वयं को वस्तु के चारों और घूमने का अनुभव होने को सिर चकराना कहते हैं। रोगी को लेटे, बैठे या खड़े रहने की अवस्था में अपना शरीर या वातावरण घूमता हुआ प्रतीत होता है। चक्कर आना एक बहुत आम लक्षण है जो किसी कमजोरी, एनीमिया, खून में ग्लूकोज की कमी, तनाव, परेशानी या अन्य कारणों से हो सकता है।
चक्कर आने के कारण :Causes of dizziness:
- कान को नुकसान पहुंचाने वाले ईयर ड्राप डालना।
- दर्द नाशक गोलियां खाना।
- सिर या कान में चोट लगना।
- मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में खून या ऑक्सीजन नहीं मिलना।
- गुर्दों की कोई बीमारी होना।
- लंबे समय से डायबिटीज का रोग होना।
- माइग्रेन का दर्द बना रहना।
- वृद्धावस्था के कारण पैदा हुई कमजोरी।
- गर्दन की बीमारी जैसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस।
- आंखों की कोई बीमारी होना।
- खून की कमी होना।
- पेट में कीड़े होना।
- खून में ब्लड शुगर की कमी होना।
- शराब पीने का शरीर के संस्थान पर असर होना।
- लो ब्लड प्रेशर होना।
- अधिक चिंता करना।
- ज्यादा भूखे रहना।
- नपुसंकता में कमी होना
- शारीरिक कमजोरी और थकावट रहना।
- कान की कुछ बीमारियां होना।
- चेहरे का लकवा।
- लंबी बीमारी के कारण ज्यादातर बिस्तर पर लेटे रहना।
- कान में सूजन होना।
- सिरका फ्रैक्चर होने पर।
- सिर में ट्यूमर होने पर।
- ह्रदय रोग के कारण।
- मस्तिष्क की धमनियों में रुकावट आने पर।
- मस्तिष्क का संक्रमण।
- बहुत ज्यादा घबराने या चिंता करने पर।
- मानसिक विकारों से।
- हिस्टीरिया के कारण।
- हाई ब्लड प्रेशर होने पर।
- नशीली औषधियों तथा मादक पदार्थों का प्रयोग करने वाले सिर चकराने की शिकायत करते हैं।
चक्कर आने के लक्षण :Symptoms of dizziness:
सिर घूमने के लक्षण के बहूत से रोगी मेनीयर रोग के होते हैं। मेनीयर रोग अंदरूनी कान का जटिल रोग है। जिसमें चक्कर के साथ कान में झनझनाहट और कम सुनाई देता है। प्राय: 30 से 40 वर्ष की आयु में प्रारंभ होते हैं और इनका अंतराल प्रति सप्ताह से लेकर कुछ महीने हो सकता है। शुरुआत में लक्षण एक तरफ होते हैं किंतु बाद में यह रोग दोनों कानों में फैल जाता है।
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- रोगी को चक्कर के साथ पसीना, उल्टी तथा गश खाकर गिर पड़ने के लक्षण भी पाए जाते हैं।
- रोगी को सिर व सब चीजें घूमती हुई लगती है।
- कान में घंटी की आवाज सुनाई देती है।
- रोगी को उल्टी भी आ सकती है।
- रोगी के ब्लड प्रेशर में बदलाव आ जाता है।
- रोगी की सुनने की शक्ति धीरे-धीरे कम होने लगती है।
- कुछ रोगी आगे चलकर बहरे भी हो जाते हैं।
- कानों में आवाज दिन की अपेक्षा रात को अधिक सुनाई देती है कान की इस आवाज से रोगी बेहाल रहता है।