Hiatus Hernia ! हायटस हर्निया क्या है ? । हायटस हर्निया के कारण और लक्षण । Hiatus hernia in Hindi,

   हायटस हर्निया क्या है ? What is Hiatus Hernia?


     यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट का कुछ भाग उसी स्थान पर जहां ईसोफेगस, डायाफ्राम में छेद करके नीचे जाती है छेद में से घुसकर ऊपर आ जाती है। यह विकार प्राय: अधिक उम्र वाले या मोटे लोगों में अधिक पाया जाता है। वैसे यह रोग स्त्रियों को अधिक होता है। इस रोग में प्राय: पेट के ऊपरी भाग में बेचैनी और डकार आना आदि लक्षण मिलते हैं।


     हायटस हर्निया के कारण : Causes of Hiatus hernia:


       यह बीमारी उन व्यक्तियों में अधिक होती है जो बहुत मोटे शरीर के होते हैं, तथा जिनका भार अधिक होता है और वह टाइट कपड़े पहनते हैं। जिससे पेट के दबाव में वृद्धि होती है। ऐसे व्यक्ति जो लंबे समय से कॉन्स्टिपेशन और एसिडिटी के शिकार हैं। ऐसे व्यक्ति जो अपनी क्षमता से अधिक भारी काम करते हैं।


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     हायटस हर्निया के लक्षण : Symptoms of Hiatus hernia:


  • रोगी के पेट में अत्यधिक दर्द रहता है।      
  • मुंह से खट्टा पानी आता है।
  • मुंह का स्वाद खराब हो जाता है।
  • रोगी के सीने में जलन होती रहती है।
  • रोगी को भोजन खाने में अत्यधिक कष्ट होता है।
  • भोजन निकलते समय गले में दर्द रहता है।
  • पेट में अत्यधिक चुभन होती है।
  • छाती में भारीपन बना रहता है।
  • पेट में वायु भरी रहती है।
  • रोगी को उल्टी आती हैं।
  • रोगी का पेट अफर जाता है।
  • कभी-कभी रोगी के हाथों में भी दर्द होने लगता है।
  • रोगी को घबराहट महसूस होती है।
  • कभी-कभी एंजाइना पेक्टोरिस का भय बना रहता है।
  • रोग के बार बार आक्रमण होने से रोगी को खून की उल्टी आती है।
  • मल सुखा हुआ आता है।
  • मल का रंग काला हो जाता है।
  • खून की कमी हो जाती है।
  • रोग पुराना हो जाने पर अत्यधिक कमजोरी आ जाती है।
  • लंबे समय तक रोग के रहने पर शरीर का भार भी कम होने की संभावना रहती है।
  • पेप्टिक अल्सर की संभावना बनी रहती है।
  • इस रोग की खास पहचान यह है कि सीने में जलन रात में भोजन करके लेटने पर होती है अथवा दिन के समय आगे झुकने पर होती है।


    हायटस हर्निया का निदान : Diagnosis of Hiatus hernia:


      रोगी को परामर्श दिया जाए कि वह चारपाई का सिरहाना लगभग 9 से 10 इंच ऊंचा करके सोए वह दिन के समय आगे को न झुके, इस सरल प्रबंध द्वारा कभी-कभी चमत्कारी रूप से लाभ होता है। यदि रोगी अपना वजन घटाने तथा मिर्च मसालेदार भोजन त्याग दें तो उसे और भी राहत मिल सकती है। रोगी को पेटी इत्यादि नहीं बांधनी चाहिए। ऐसे रोगी को भोजन के बाद तत्काल लेटना नहीं चाहिए तथा वह जब भी सोए तकिया द्वारा सिरहाना ऊंचा करके सोए जो भी दवा ले उसके साथ अत्यधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। भोजन में वसा युक्त पदार्थ जैसे चॉकलेट, तंबाकू तथा अल्कोहल, रसदार फल, टमाटर आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।


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