अपेंडिक्स ( अपेंडिसाइटिस ) के कारण लक्षण और बचाव ! Appendicitis in Hindi
अपेंडिक्स क्या है? What is appendix ?
अपेंडिसाइटिस शरीर में अपेंडिक्स नामक एक अंदरूनी अंग में होता है।अपेंडिक्स एक पतली और छोटी सी ट्यूब होती है जिसकी लंबाई लगभग 2 से 3 इंच तक होती है। बड़ी आत में जहां पर मल बनता है । वहां पर यह आत से जुड़ी होती है। सूजन को अपेंडिसाइटिस के नाम से जाना जाता है। अपेंडिसाइटिस के शुरुआत में आमतौर पर पेट के नीचे के हिस्से में बार-बार दर्द होता है। अपेंडिक्स स्थित होता है और दर्द गंभीर बन जाता है। इसका दर्द खासतौर पर चलने, खांसने में या इस जगह को दबाने से और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है।
अपेंडिक्स (अपेंडिसाइटिस) के कारण- Causes of appendicitis :
अपेंडिसाइटिस तभी विकसित होने लग जाता है। जब “सीकम” (एक थैली होती है । छोटी आंत और बड़ी आंत के मल से जुड़ी होती है) मे खुलने वाला अपेंडिक्स का रास्ता या छिद्र बंद हो जाता है।यह रुकावट अपेंडिक्स के अंदर एक मोटा बलगम जैसा द्रव बनने के कारण होता है।जो अंदर चला जाता है उसके कारण हो सकती है। यह द्रव या मल कठोर होकर पत्थर की तरह मजबूत बन जाते हैं। लेकिन रूकावट होने के बाद यह कई गुना बढ़ जाते हैं जो अपेंडिस की परतों पर हमला करके संक्रमण फैलाना शुरू कर देते हैं। अपेंडिक्स फटने के बाद बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण पूरे पेट में फैल सकता है।हालांकि आमतौर पर यह यह तो अपेंडिस के इर्द-गिर्द उत्तको में फेल कर अपेंडिस के चारों तरफ थोड़ी जगह तक सीमित रहता है।
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अपेंडिक्स (अपेंडिसाइटिस) के लक्षण : Symptoms of appendicitis :
इसके शुरुआती संकेत और लक्षण अक्सर काफी हल्के दिखते हैं । जिनमें पेट दर्द और भूख कम लगना शामिल है। अपेंडिक्स के अन्य लक्षण-
1-नाभि या पेट के ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द जो पेट के नीचले दाएं हिस्से की ओर जाते हुए तेज हो जाता है।
2-भूख ना लगना।
3-पेट में दर्द शुरू होने के बाद उल्टी होना।
4-पेट में सूजन।
5-पेट के ऊपरी या निचले हिस्से पेट या मलाशय में कहीं भी हल्का या तेज दर्द।
6-गैस के साथ दस्त की समस्या।
7-पेशाब में परेशानी।
8-पेट में गंभीर ऐठन।
9-अपेंडिसाइटिस पेशाब को भी प्रभावित करता है।
10-99-102 डिग्री है फैहरेनाइट बुखार।
अगर किसी व्यक्ति को अपेंडिसाइटिस होने का संदेह मात्र भी है तो उसको जुलाब की गोली नहीं देनी चाहिए। क्योंकि यह गोलिया लेने से अपेंडिक्स फट सकता है।
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अपेंडिक्स (अपेंडिसाइटिस) के प्रकार- Types of appendicitis-
1-एक्यूट अपेंडिसाइटिस- एक्यूट यानी तीव्र- एक्यूट अपेंडिसाइटिस अपने नाम की तरह होती है, जो बहुत तेजी से विकसित होती है, आमतौर पर यह कुछ ही घंटे या दिनों में विकसित हो जाता है। इसका पता लगाना आसान होता है और इसके तुरंत इलाज के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। अपेंडिस के बेजान होने का कारण भी बन जाता है।
2-क्रोनिक अपेंडिसाइटिस- इसमें सूजन लंबे समय तक आती है। अपेंडिसाइटिस के मामले में यह सिर्फ 1.5 प्रतिशत तक ही दर्ज किया गया है। क्रॉनिक अपेंडिसाइटिस से अपेंडिक्स में थोड़ा-थोड़ा करके रूकावट होने लगती है,जो इसके आसपास के ऊतकों में सूजन का कारण बन जाती है। इस प्रकार के लक्षण कम या यहां तक कि खत्म भी हो सकते हैं।
क्रोनिक अपेंडिसाइटिस के लक्षण सौम्य यानी कम होते हैं, जो लंबे समय तक रहते हैं और अभी गायब हो जाते हैं । तो कभी फिर से दिखने लग जाते हैं। कई बार इसका निदान करने के लिए कई हफ्ते महीने यहां तक कि साल भी लग जाते हैं।
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अपेंडिक्स (अपेंडिसाइटिस) से बचाव-Avoidance of appendicitis
अपेंडिसाइटिस को रोकने के लिए नियमित स्वास्थ्य निवारक जांच के अलावा कोई अन्य तरीका नहीं है। ऐसा इसलिए है। क्योंकि इसी तरीके से शरीर के आंतरिक अंगों की जांच की जा सकती है और उनकी स्थिति का पता लगाया जा सकता है। हालांकि जो अधिक मात्रा में फाइबर युक्त आहार लेते हैं । उनमें अपेंडिसाइटिस जैसी समस्या होने की संभावनाएं कम हो जाती है। हालांकि इसका पूर्ण रूप से प्रमाण नहीं दिया जा सकता। मगर एक संभावित कारण यह हो सकता है । कि फाइबर मल को नरम बनाता है। जिससे उसके अपेंडिक्स में फंसने की संभावना कम हो जाती है।