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सुखा रोग (रिकेट्स) के कारण, लक्षण और बचाव । rickets in Hindi

  

रिकेट्स क्या है?What is rickets ?


सूखा रोग या रिकेट्स एक प्रकार का हड्डियों का विकार होता है जो बचपन में होता है। इस विकार में माफिया काफी नरम हो जाते हैं और उनके टूटने, मुड़ने या उनमें कुरूपता आने के जोखिम बढ़ जाते हैं। सूखा रोग का मुख्य लक्षण विटामिन डी की कमी होता है। यह रोग कुछ अनुवांशिक स्थितियों के कारण भी हो सकता है। इस बीमारी में शिशुओं को कमजोर होना, टांगे मुड़ना, प्रसवियां लिंगली पढ़ना, शारीरिक विकास में कमी, हड्डियों के फ्रोजन हिलना, मांस पेशियों में ऐठन, और बौनापन आदि शामिल है।


सुखा रोग (रिकेट्स) के लक्षण: -Symptoms of Rickets: –

 सूखा रोग होने पर कौन से लक्षण महसूस होते हैं? सूखा रोग के लक्षण में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं।

1-कमर, कोहनी और टखनों में सूजन होना

2-छोटे कद का रहना

3-फोंस में फ्रॉड

4-टांग, गिनती यार ईद की हड्डी में दर्द होना

5-मांसपेशियों में ऐंठन

6-दांतो की कुरूपता जैसी

दांत विकसित होने में देरी, दांतों की बाहरी परत में छेद, मसूड़ों में फोड़ा, दांतो की संरचना में खराबी

7-शरीर के ढांचे से संबंधित कुरुपता।


सूखा रोग से पीड़ित शिशु के बच्चे अक्सर शीतली वह चिड़चिड़ा स्वभाव के होते हैं। क्योंकि उनकी श्रेणियों को कष्टदायी होती हैं। काशी कभी सूखा रोग से पीड़ित बच्चों में गंभीर रूप से कैल्शियम की कमी के लक्षण भी होते हैं।


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 रिकेट्स के कारण: -Due to Rickets :

कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने के लिए आपके शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता पड़ती है। यदि बच्चे का शरीर पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त नहीं कर पा रहा है या विटामिन डी का उचित रूप से उपयोग करने में उसके शरीर को परेशानी हो रही है।] तो सूखा रोग हो सकता है। कभी-कभी पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम ना प्राप्त कर पाना कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण भी रिकेट्स हो सकता है।

विटामिन डी की कमी: – जो बच्चे पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त नहीं कर पाते हैं उन्हें विटामिन डी की कमी विकसित हो जाती है।

1-धूप-जब आपकी त्वचा धूप के संपर्क में आती है। तो आपका शरीर विटामिन डी का निर्माण करने लगता है। लेकिन बच्चे आमतौर पर आजकल धूप में कम ही समय बिताते हैं। धूप में जाने से पहले बच्चों को सन की लगा दी जाती है। जिससे सूरज की किरणें उनकी त्वचा पर नहीं पड़ रही पाती विटामिन डी बनाने में शरीर की मदद करती है।

2-खाद्य पदार्थ-मछली का तेल, मछली और अंडे की जर्दी मैं विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन डी को कुछ अन्य खाद्य पदार्थों में भी शामिल किया जाता है दूध और कुछ प्रकार के पैरों के रस आदि।


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 सूखा रोग (रिकेट्स) से बचाव: -Prevention of Rickets: –

सूखा रोग विकसित होने से बचाव कैसे करें? रिकेट्स रोग होने से रोकथाम करने का सबसे बेहतर तरीका ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी मौजूद हो। नियमित रूप से थोड़ा बहुत धूप के संपर्क में आकर भी रिकेट्स से बचाव किया जा सकता है। सूखा रोग की रोकथाम करने के लिए आपको सिर्फ अपने हाथों और पैरों को धूप के संपर्क में लाना आवश्यक होता है। ऐसा आप बसंत और गर्मी के महीनों के दौरान दिनो में कर सकते हैं। ज्यादातर पर्याप्त रूप से धूप के संपर्क में आ सकते हैं। धूप में अत्यधिक समय रहने से आपकी त्वचा भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए आपको किसी कारण से लंबे समय तक तनाव में रहना पड़ेगा तो सन डॉट का इस्तेमाल करना चाहिए। विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ या विटामिन डी के सप्लीमेंट्स का सेवन करना भी काफी लाभकारी हो सकता है।

मछली को विटामिन डी में सबसे अधिक खाद्य पदार्थ माना जाता है। विटामिन डी से भरपूर कुछ अन्य खाद्य पदार्थ इस प्रकार हैं: –

मशरूम, अंडे, दूध आदि।


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