मोतियाबिंद के कारण लक्षण और बचाव ! Type of cataract ! Cataract in Hindi ! What is cataract
मोतियाबिंद क्या है ?What is cataract ?
मोतियाबिंद में आंखों के लेंस में धुंधलापन होता है। जिससे देखने की क्षमता में कमी आती है। मोतियाबिंद तब होता है जब आंखों में प्रोटीन के गुच्छे जमा हो जाते हैं। जो लेंस को रेटिना को स्पष्ट चित्र भेजने से रोकता है। मोतियाबिंद अक्सर धीरे-धीरे विकसित होता है और एक या दोनों आंखें प्रभावित कर सकता है।इसमें फीके रंग देखना, धुंधला दिखना, प्रकाश के चारों और रोशनी दिखना , चमकदार रोशनी देखने में परेशानी और रात को देखने में परेशानी हो सकती है। रेटीना लेंस के माध्यम से संकेतों में आने वाली रोशनी को परिवर्तित करता है। यह संकेत ऑप्टिक तंत्रिका को भेजता है जो उन्हें मस्तिक में ले जाता है।
जनसंख्या आधारित अध्ययन के मुताबिक,भारत में 60 वर्ष और उससे अधिक लोगों में से करीब 74% लोगों को मोतियाबिंद है या उनकी मोतियाबिंद सर्जरी हो चुकी है, इसमें महिलाओं की संख्या अधिक है।
मोतियाबिंद के प्रकार:-
Types of cataract in Hindi
1-न्यूक्लियर स्क्लेरोटिक मोतियाबिंद-यह उम्र संबंधित मोतियाबिंद का सबसे सामान्य प्रकार है जो मुख्यता लेंस के सख्त और पीले होने से होता है। जैसे-जैसे इस प्रकार का मोतियाबिंद बढ़ता है , यह आंखों की केंद्रित करने की क्षमता में परिवर्तन लाता है, और नजदीकी दृष्टि अस्थाई रूप से सुधार सकता है, लेकिन यह स्थाई नहीं होता।
2-कॉर्टिकल मोतियाबिंद-इस प्रकार के मोतियाबिंद में लेंस के बाहरी हिस्से में सफेद सा दिखने वाला एक थक्का हो जाता है , और धीरे-धीरे केंद्र की ओर बढ़ता है। इस प्रकार का मोतियाबिंद लेंस के आवरण में होता है, जो कि केंद्रीय लेंस के चारों ओर लेंस का एक हिस्सा होता है।
3-सब कैप्सूलर मोतियाबिंद-इस प्रकार का मोतियाबिंद पढ़ने में परेशानी और रोशनी के चारों ओर “प्रभामंडल” प्रभाव और चमक पैदा कर सकता है।जिन लोगों को मधुमेह बहुत अधिक है उन्हें निकट दृष्टि की समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें इस प्रकार का मोतियाबिंद हो सकता है। सबकैप्सूलर मोतियाबिंद तेजी से विकसित हो सकता है और लक्षण महीनों के बीच अधिक सकते हैं।
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मोतियाबिंद के लक्षण:-Symptoms of Cataract: –
धुंधली दृष्टि-किसी भी दूरी या धुंधली दृष्टि मोतियाबिंद का सबसे आम लक्षण है।समय के साथ मोतियाबिंद बिगड़ जाता है और कम प्रकाश रेटिना तक पहुंचता है।इन लोगों को रात में देखने और गाड़ी चलाने में विशेष रुप से कठिनाई कर सकता है।
2-रंग दिखने में परिवर्तन-मोतियाबिंद आपके रंग देखने की दृष्टि को प्रभावित कर सकता है, जिससे कुछ रंग फीके दिखने लगते हैं।आपके दृष्टि धीरे-धीरे भूरि या पीली हो सकती है। आपके लिए नीले और बैंगनी रंगों में फर्क करना कठिन हो सकता है
3-दोहरी दृष्टि-कभी-कभी एक आंख से देखने में मोतियाबिंद के कारण आपको चीजें दोहोरी दिखाई दे सकती हैं।
4-चौंधाना-मोतियाबिंद का एक और प्रारंभिक लक्षण है,प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता आपको सूर्य के प्रकाश को देखने में परेशानी हो सकते हैं। घर के अंदर की लाइट पहले से ज्यादा चमकीली दिख सकती हैं, या उनके आसपास प्रकाश मंडल दिख सकता है।
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मोतियाबिंद के कारण-Cataract Causes –
जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, कुछ प्रोटीन आंखों में गुच्छे बनाते हैं, और लेंस के एक छोटे से क्षेत्र में धुंधलापन करते हैं जो समय के साथ बढ़ता जाता है। किस बात को सिद्ध नहीं हो पाई कि ऐसा क्यों होता है , लेकिन दुनिया भर में शोधकर्ताओं ने मोतियाबिंद होने या ना होने के विकास से जुड़े कुछ कारणों की पहचान की है।
1-मधुमेह-मधुमेह से ग्रस्त लोगों को मोतियाबिंद होने का खतरा ज्यादा होता है।
2-दवाई-कुछ दवाएं मोतियाबिंद के जोखिम को बढ़ाती हैं।
3-पराबैंगनी विकिरण-असुरक्षित रूप से पराबैंगनी विकिरण के संपर्क में आने से मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है।
4-शराब-कई अध्ययनों में साबित हुआ है कि शराब पीने वाले लोगों को मोतियाबिंद की समस्या ज्यादा होती हैं।
5-धूम्रपान-धूम्रपान और लेंस के ढूंढने पर के बीच भी संबंध होता है।
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मोतियाबिंद से बचाव-
Prevention of the cataract
मोतियाबिंद को रोकने का कोई सिद्ध तरीका नहीं है। लेकिन कुछ जीवन शैली की आदतों से मोतियाबिंद विकास धीमा हो सकता है।
1-अगर आपकी दृष्टि ठीक भी है फिर भी अपनी आंखों के चिकित्सक के पास जाने का नियमित नियम बनाएं। नियमित रूप से आंखों की जांच कराने से आपके डॉक्टर अपनी आंखों में होने वाली परेशानियों का जल्दी निदान कर पाएंगे।
2-सिगरेट में शराब का सेवन कम करें-शोधकर्ताओं के अनुसार सिगरेट व शराब का सेवन ज्यादा करने वाले लोगों में मोतियाबिंद होने का खतरा अधिक होता है।
3-सूर्य की रोशनी से से अपनी आंखों को ढके।
4-अच्छा खाए-अध्ययन बताते हैं कि मधुमेह के रोगियों को मोतियाबिंद होने का अधिक जोखिम होता है। यही कारण है कि स्वस्थ खून को बनाए रखना बहुत जरूरी है। लेकिन हम सभी के लिए एक स्वस्थ आहार प्राथमिकता होनी चाहिए।हमें अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, विटामिन सी और विटामिन ए की भरपूर मात्रा लेनी चाहिए।