डिप्थीरिया के कारण और लक्षण । diphtheria in Hindi ! What is diphtheria

  

 डिप्थीरिया क्या है?What is diphtheria ?


डिप्थीरिया एक गंभीर व्यक्ति रियल संक्रमण होता है, जो नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है।डिप्थीरिया आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है ,लेकिन दवाई लेने से इससे बचा जा सकता है।

डिप्थीरिया के कुछ लक्षण आमतौर पर जुकाम के लक्षण हों जैसे होते हैं।डिप्थीरिया के कारण गला खराब बुखार ग्रंथियों में सूजन और कमजोरी आदि समस्याएं होती हैं लेकिन  गहरे ग्रे रंग के पदार्थ की एक मोटी परत गले के अंदर जमना इसकी पहचान का मुख्य कारण लक्षण होता है। यह परत आपकी सांस लेने वाली नलिका ओं को अवरुद्ध कर सकती है जिससे आपको सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

डिप्थीरिया का इलाज  करने के लिए दवाएं उपलब्ध है हालांकि बीमारी अधिक बढ़ने से डिप्थीरिया आपके हृदय, किडनी और तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है। उपचार के बावजूद भी डिप्थीरिया जानलेवा हो सकता है, डिप्थीरिया से ग्रस्त होने वाले लोगों में से 3% लोगों की मौत हो जाती है।



डिप्थीरिया के परीक्षण के लिए स्टेप्टेस्ट और अन्य प्रयोगशाला परीक्षण होते हैं इसके उपचार के लिए व्यक्ति को अकेला रखकर उसे एंटी टॉक्सिन और एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, और उसकी देखभाल की जाती है, डिप्थीरिया की स्थिति बिगड़ने पर तंत्रिकाओं को नुकसान सह हार्ट फेलियर और कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है।

इसके उपचार की खोज से पहले डिप्थीरिया बड़े पैमाने पर लोगों में फैला हुआ था और 15 साल के बच्चों में अधिक काम था हालांकि डिप्थीरिया कि टीकाकरण योजनाओं से इसके मामले कम हुए हैं लेकिन यह अभी भी लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।


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डिप्थीरिया के कारण:-Causes of diphtheria: –


तीन तरह के बैक्टीरिया डिप्थीरिया फैला सकते हैं, हालांकि हर प्रकार के बैक्टीरिया अलग तीव्रता से डिप्थीरिया करता है । बैक्टीरिया एक प्रभावशाली विषाक्त पदार्थ बनाता है जिससे शरीर के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है।

आमतौर पर यह बैक्टीरिया  गले की सतह पर या उससे आसपास बढ़ता है। यह निम्नलिखित 3 तरीकों से फैलता है।

1-हवा में मौजूद संक्रमित कीटाणु-

जब कोई व्यक्ति चिंता या खस्ता है तो हवा में कीटाणुओं से संक्रमित पानी की छोटी बूंदे फैल जाती है और आसपास मौजूद लोग इन्हें सांस से अंदर की तरफ ले जाते हैं डिप्थीरिया सबसे ज्यादा इसी तरीके से फैलता है खासकर भीड़ वाली जगहों में।

2-संक्रमित वस्तुएं-

कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं को छूने से या उसके झूठे बर्तन में खाने में पीने से डिप्थीरिया फैल सकता है।

3-संक्रमित घरेलू वस्तुएं-

कुछ दुर्लभ मामलों में डिप्थीरिया घर में मौजूद वस्तुओं से ख्याल सकता है जो सबके इस्तेमाल करने से दूषित हो जाती हैं जैसे टॉवल या खिलौने

एक संक्रमित घाव को छूने से भी आपको डिप्थीरिया हो सकता है।

अगर किसी व्यक्ति को डिप्थीरिया बैक्टीरिया से संक्रमण हुआ है और उसका इलाज नहीं किया जाता है तो कोई लक्षण नजर न आने के 6 सप्ताह तक भी वे किसी डिप्थीरिया के प्रति संवेदनशील संक्रमित व्यक्ति में बीमारी फैला सकते हैं।


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डिप्थीरिया के लक्षण-Symptoms of diphtheria-

 

शुरुआती चरणों में डिप्थीरिया को गला खराब होना समझा जा सकता है। हल्का बुखार और ग्रंथियों में सूजन इसके शुरुआती लक्षण होते हैं।डिप्थीरिया में विषाक्त पदार्थ व्यक्ति की नाक, गले या सांस लेने वाली नलिकाओं में एक मोटी परत बनाते हैं, जबकि अन्य संक्रमणौं में गला खराब होता है और ऐसी कोई परत नहीं बनती। यह पर आमतौर पर गिरे या काले रंग की होती है जिससे सांस लेने में दिक्कत और निगलने में कठिनाई हो सकती है। समस्या बढ़ने पर निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:-

1-सांस लेने या निगलने में कठिनाई

2-त्वचा का रंग फीका पड़ना व त्वचा का ठंडा होना

3-दोहरी दृष्टि

4-दिल की धड़कन तेज होना

5-पसीना आना

6-बेचैनी

7-अस्पष्ट बोलना

8-सदमे में जाने के लक्षण

9-गंभीर रूप से गला खराब होना

10-खांसी में तेज आवाज आना

अगर आपके परिवार में या जानने वाले किसी व्यक्ति को डिप्थीरिया है या उसके लक्षण हैं या डिप्थीरिया होने का खतरा है तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं लेकिन यदि याद रखें कि गले का हर संक्रमण डिप्थीरिया नहीं होता। अपने बच्चे को इसके प्रति रक्षा का टीका लगवाने को यदि टीका लगवा रहे हैं तो याद रखें कि यदि का नवीनतम हो।

अन्य लक्षण-

1-ठंड लगना

2-अस्वस्थ महसूस करना

3-लार टपकना

4-त्वचा का नीला पढ़ना

5-नाक बहना

6-गले में लसीका ग्रंथियों की सूजन


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डिप्थीरिया का उपचार-Treatment of diphtheria-


डिप्थीरिया एक गंभीर बीमारी है जिसका इलाज डॉक्टर निंबी की दवा उसे करते हैं।

1-एंटी टॉक्सिन-अगर डॉक्टर को डिप्टी रिया का संदेह होता है, तो संक्रमित व्यक्ति या बच्चे को एंटीटॉक्सिन दवा दी जाती है , इस बात की जांच करते हैं कि क्या रोगी को एंटीटॉक्सिन से कोई एलर्जी है या नहीं इसे एलर्जी वाले व्यक्ति को पहले एंड ऑप्शन के प्रति संवेदनशील बनाया जाता है।

2-एंटीबायोटिक दवाई-

 एंडोमेटिक दवाइयों से डिप्थीरिया का इलाज किया जाता है । एंटीबायोटिक दवाई से शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को मारा जाता है और संक्रमण ठीक किए जाते हैं।

जिन लोगों या बच्चों को बार-बार डिप्थीरिया होता है उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है डिप्थीरिया हर उस व्यक्ति से हो सकता है इसे इसका टीका नहीं लगा इसलिए सबसे ऐसे व्यक्तियों को अस्पताल में अलग रहने की व्यवस्था होती है।


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