पेचिश ( dysentery ) के कारण, लक्षण और प्रकार । Dysentery in Hindi
पेचिश क्या है?
What is Dysentery?
पेचिश आंतो का एक संक्रमण होता है ,इसमें खून और बलगम वाले दस्त लगते हैं। पेचिश एक बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी होती है । इससे बचने के लिए आपको पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि अपने हाथ को नियमित रूप से और अच्छे से धोना। यह संक्रमण व्यक्ति या पपैरासाइटिस के कारण होता है। अगर यह संक्रमण अमीबा के कारण हुआ है तो अन्य परेशानियों के साथ गंभीर खूनी दस्त भी आ सकते हैं । अमीबा एक प्रकार के पैरासाइटिक होते हैं, जो दूषित खाद्य और पेय पदार्थों में पाए जाते हैं । यह पैरासाइटिक मुंह के माध्यम से शरीर में तब घूसते हैं जब दूषित खाद्य पेय पदार्थों को निगला जाता है।
पेचिश के कारण-Due to dysentery :
पेचिश दूषित भोजन या पानी द्वारा फैलता है। भोजन और पानी जो मानव मल से दूषित हो चुका है। उसे संक्रामक जीव संक्रमित कर देते हैं। कई बार संक्रमित लोगों द्वारा बिना हाथ धोए भोजन को छू लेने से भी भोजन संक्रमित हो जाता है। अक्सर अमीबी पेचिश उन लोगों द्वारा फैलता है, जो इस बीमारी से ग्रसित होते हैं, लेकिन उस समय उनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देता। आमतौर पर पेचिश उन जगहों पर ज्यादा पाया जाता है जहां पर लोग भीड़ में रहते हैं और साफ-सफाई की सुविधाएं कम मिलती है।
यह पेचिश निम्न के द्वारा फैल सकता है:-
1-दूषित खाद्य पदार्थ
2-दूषित पानी और अन्य पेय पदार्थ
3-संक्रमित लोगों द्वारा हाथ ठीक से ना धोना।
4-संक्रमित पानी जैसे झील या पुल आदिल में तैरना या नहाना।
5-शारीरिक संपर्क
पेचिश के लक्षण-Symptoms of dysentery –
1-हल्का पेट का दर्द
2-पेट में ऐठन जैसा दर्द
3-दस्त लगना
आमतौर पर यह लक्षण संक्रमण के 1 से 3 दिन के भीतर दिखाई देने लगते हैं और लगभग 1 हफ्ते के भीतर ठीक होने लगते हैं।
तेजी से पीड़ित कुछ लोगों में दूध और दूध से बने उत्पादकों को बचाने में परेशानी विकसित हो जाती है। जिसे लेक्टोज इनटोलरेंस कहा जाता है। यह कई महीनों तथा कई बार सालों तक बनी रह सकती है।
बैक्टीरियल पेचिश के लक्षण-
इसके लक्षण 1 से 3 दिनों के भीतर दिखाई देने लगते हैं। इसके लक्षणों में सामान्य रूप से पेट दर्द और दस्त शामिल होता है, मल में कोई खून या बलगम नहीं होता। इस स्थिति में दस्त अक्सर निम्न लक्षणों के साथ शुरू हो सकते हैं-
1-पेट में गंभीर दर्द
2-बुखार
3-मतली और उल्टी
हालांकि अक्सर इसके लक्षण काफी हल्के ही होते हैं जो कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं।
अमीबी पेचिश के लक्षण-
1-पेट में दर्द
2 बुखार और ठंड लगना
3-मतली और उल्टी
4-मल त्याग करते समय दर्द महसूस होना
5-रुक-रुक कर कब्ज होना
6-थकान
7-पानी के दस्त जिसमें खून बलगम या पीप भी हो सकती है।
पेचिश के प्रकार:-
Types of dysentery :
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पेचिश के दो मुख्य प्रकारों की पहचान की है।
1-अमीबी पेचिश-यह एक कोशिकीय पैरासाइटिस के कारण फैलता है और यह आंतों को संक्रमित करता है। अमीरी पेचिश को अमीबायसिस के नाम से भी जाना जाता है। अमीबा पैरासाइट इसका ग्रुप एक साथ होकर एक सिस्ट का निर्माण करता है और यह सिस्ट मानव मल में उभर कर आते हैं।कम सफाई वाले क्षेत्रों में अमीबा अधिक तेजी से खाद्य और पेय पदार्थों को दूषित करते हैं और बाहर जीवित रह पाते हैं। यहां तक कि शौचालय के प्रयोग के बाद यह लोगों के हाथों पर काफी देर तक टिके रह सकते हैं ऐसे में स्वच्छता से जुड़ी अच्छी आदतें अपनाना संक्रमण फैलने के जोखिम को कम कर देती है।
2-बैक्टीरियल पेचिश-शिगेला बैक्टीरिया के कारण होने वाले आंतों में संक्रमण को बैक्टीरियल डिसेंट्री के नाम से जाना जाता है।
जो कि पेचिश का सबसे सामान्य प्रकार होता है। स्वच्छता में कमी इसका मुख्य स्त्रोत्र होता है। दूषित खाद्य पदार्थों के कारण भी शिगेलोसिस फैल सकता है इस प्रकार में पेचिश के काफी गंभीर लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
पेचिश से बचाव के उपाय-
Prevention of Dysentery :
संक्रमण की रोकथाम करने के लिए हाथ धोना सबसे महत्वपूर्ण तरीका होता है। अगर आप तेज इससे संक्रमित हैं या उसके लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो आप अन्य लोगों के लिए भी संक्रामक हो सकते हैं। बीमारी को दूसरों में फैलने से रोकने के लिए निम्न कदम उठाए जा सकते हैं।
1-शौचालय जाने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी के साथ अच्छे से धोएं।
2-सभी गंदे कपड़ों बिस्तर और तोलिए आदि को अच्छे से और गर्म पानी से धोएं।
3-इस्तेमाल करने के बाद टॉयलेट सीट , फ्लश बटन, नल और वॉश बेसिन आदि को अच्छे से धोएं।
4-जब तक आप के लक्षण पूरी तरह से ठीक ना हो जाए तब तक किसी और के लिए खाना ना बनाएं।
5-छोटे बच्चों के हाथ अच्छे से धोने के लिए उनकी मदद करें।
6-उबले हुए पानी को पिए।
7-जब तक आपके शरीर से सारे लक्षण लगातार 48 घंटों के लिए दूर न चले जाए तब तक स्कूल या ऑफिस में आ जाएं।
8-उन ही खाद्य पदार्थों को खाएं जिनको उच्च तापमान पर पकाया या गर्म किया जाता है, पके हुए खाद्य पदार्थ अगर ठंडे हो गए हैं तो उनको ना खाएं।