एलीफेंटियासिस ( फाइलेरायसिस ) के कारण और लक्षण । elephantiasis in Hindi
एलीफेंटियासिस क्या होता है?
What is elephantiasis?
एलीफेंटियासिस को लिंफेटिक फाइलेरायसिस के रूप में भी जाना जाता है, जो कि परजीवी की वजह से होता है और मच्छरों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। हैएलीफेंटियासिस में अंडकोश,पैर या ब्रेस्ट में सूजन आ जाती है।
एलीफेंटियासिस को नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज माना जाता है। एंटीडी वायरल परजीवी और जीवाणु संबंधी रोग है, जो मुख्य रूप से दुनिया में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को प्रभावित करता है।एनटीडी अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया सहित दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोषण कटिबंध क्षेत्रों में अधिक आम है। अनुमान है कि 20 मिलीयन यानी 12 करोड लोग इस समस्या से ग्रसित हैं।
एलीफेंटियासिस का क्या कारण है?What Causes Elephantiasis?
एलीफेंटियासिस परजीवी कीड़े की वजह से होता है जो मच्छरों द्वारा फैलता है , इसमें तीन प्रकार के कीड़े शामिल हैं:-
1-वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी-
2-ब्रूगिया मलाई
3-ब्रूगिया तिमोरी
यह कीड़े शरीर में लसीका प्रणाली को प्रभावित करते हैं। लसीका प्रणाली अवशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करते हैं। यदि यह ब्लॉक हो जाती है, तो यह अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को नहीं हटा पाती है। इस स्थिति में लसीका द्रव का निर्माण होने लगता है, जिसकी वजह से सूजन हो जाती है।
एलीफेंटियासिस के लक्षण क्या है?What are the symptoms of Elephantiasis?
एलिफेंटाइसिस का सबसे आम लक्षण इमली के अंगों में सूजन है:-
1-पैर
2-जननांग
3-स्तन
4-भुजा
इन सब में पैर सबसे अधिक प्रभावित होता है शरीर में किसी अंग में सूजन में वृद्धि की वजह से गतिशीलता से जुड़ी समस्याएं और दर्द हो सकता है हालांकि त्वचा भी प्रभावित होती है जैसे:-
1-रूखी त्वचा
2-मोटी त्वचा
3-छाले
4-सांवला रंग या रंग दब जाना
5-त्वचा पर महीन छिद्र हो जाना ज्यादातर गाल पर
कुछ लोग अतिरिक्त लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं जैसे कि बुखार और ठंड लगना।एलीफेंटियासिस किसी भी उम्र में लोगों को प्रभावित कर सकता है यह महिलाओं और पुरुषों दोनों में होता है यह दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोषण कटिबंधीय भागों में ऐसे अफ्रीका दक्षिण पूर्व एशिया भारत और दक्षिण अमेरिका में अधिक सामान्य है।
एलीफेंटियासिस का इलाज कैसे किया जाता है?How is Elephantiasis Treated?
एलीफेंटियासिस के इलाज के लिए दवाएं मौजूद है। डॉक्टर डीईसी नामक दवा दे सकते हैं, जिसे साल में एक बार लेने की जरूरत होती है। यह रक्त प्रभाव में सूक्ष्म कीड़े को मारने में सक्षम है। यदि कोई व्यक्ति एलीफेंटियासिस से ग्रस्त है तो आप निम्न तरीके अपना सकते हैं:-
1-सोजन वाले हिस्से को रोजाना साफ करें
2-माइस राइजर का इस्तेमाल करें
3-घाव की जांच करें और औषधीय क्रीम का उपयोग करें
4-व्यायाम करें और संभव हो तो रोजाना चलने की कोशिश करें
5-यदि हाथ या पैर सूज गए हैं तो लेटने या बैठने के दौरान उन्हें ऊंचा करके रखें।
आप प्रभावित हिस्से को कसकर लपेट सकते हैं लेकिन ऐसा करने से आपके अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए । कभी-कभी अंडकोष में सूजन वाले हिस्से से दबाव को दूर करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।