बेहोशी के कारण, लक्षण और इलाज । Fainting in hindi ! What is Fainting

 

बेहोशी क्या है?What is syncope ?


चिकित्सा जगत में बेहोशी के लिए सिंकोपी शब्द का प्रयोग किया जाता है । यह आपकी चेतना की अचानक और अस्थाई हम आने की स्थिति होती है। आमतौर पर यह समस्या तब होती है जब रक्तचाप की गिरावट से मस्तिष्क को अस्थाई रूप से आवश्यक नहीं मिल पाती है। बेहोशी की स्थिति कुछ सेकंड के लिए आती है। इसके बाद चेतना वापस आ जाती है। बेहोशी की समस्या स्वस्थ लोगों और सभी आयु वर्ग को प्रभावित कर सकती है। लेकिन बुजुर्गों में ही समस्या अधिकतर देखी जाती है। बेहोशी आना सामान्यतया एक आम समस्या है , लेकिन इसका बार बार होना किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या की ओर इशारा करता है। कई लोग अपने जीवन काल में इसको एक से ज्यादा बार महसूस नहीं कर पाते हैं। बताया जाता है कि एक तिहाई लोग अपने जीवन काल के कुछ पड़ाव में बेहोशी की समस्या से परेशान होते ही हैं।

ज्यादातर मामलों में बेहोश होना जीवन के लिए किसी का तक स्थिति की ओर संकेत नहीं करती हैं,जबकि कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें एक हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी किसी अन्य खतरनाक स्थिति की ओर भी इशारा करती है। अचानक चेतना खोने से व्यक्ति घायल भी हो सकता है।बुजुर्ग व्यक्ति को बेहोशी के दौरान घायल होने की संभावना अधिक होती है इसी समस्या से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी होने में चोट के संभावित जोखिम से बचने के लिए व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक की मदद लेनी चाहिए।


बेहोशी होने के कारण:-

 Causes of Fainting :

1-बेहोश के हृदय संबंधी कारण-

हृदय रोग से पीड़ित रोगी विभिन्न कारणों से बेहोश हो जाते हैं हजारों के कारण हुई बेहोशी जीवन के लिए खतरनाक स्थिति बन सकती है इसमें निम्नलिखित स्थिति को शामिल किया जा सकता है:-

1-हार्ट फेल-इसमें हृदय की पंपिंग क्षमता बेहद कमजोर हो जाती है जिससे शरीर में रक्त को संचालित करने की क्षमता धीमी हो जाती है और यह मस्ती में भी रक्त के प्रभाव को कम कर देता है।

2-हृदय को ठीक से काम करने में सहायता करने के लिए इसमें एक विद्युत आवेश उपस्थित हो रहता है । जो हृदय को पंपिंग में मदद करता है । इसमें कोई भी दिक्कत आने पर रक्त के प्रभाव में कमी आती है । यह स्थिति आमतौर पर बिना किसी चेतावनी वाली लक्ष्मण के अचानक बेहोशी का कारण बन सकते हैं।

3-बाधा आना-छाती के रक्त वाहिकाओं के भीतर रक्त प्रभाव में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसमें शारीरिक तनाव के दौरान बेहोशी हो सकती है। हृदय के संचालन में बाधा उत्पन्न करने वाले कारणों से दिल का दौरा भी पड़ सकता है।

2-बेहोशी के गैर ह्रदय संबंधी कारण:-विभिन्न स्थिति सहित बेहोशी के निम्न कारण भी हो सकते हैं-

1-किसी और का बहता खून देख लेने पर

2-शारीरिक तनाव

3-मानसिक तनाव

4-चोट का दर्द या अत्यधिक दर्द

5-जल जाने पर

6-निर्जलीकरण

7-खून बहना


3-शारीरिक मुद्राओं में अचानक परिवर्तन:-जब कोई व्यक्ति बैठे होने पर अचानक तेजी से उठ सकता है। तो उसे बेहोशी आने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल उसके पैरों से खून को नीचे की ओर खींचता है । इसके चलते उसका रक्तचाप कम हो जाता है। इससे मस्तिष्क में रक्त के प्रभाव में कमी आती है । इसके चलते बार-बार बेहोश होने की समस्या बढ़ सकती है।


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बेहोशी के  लक्षण :Symptoms of syncope:

1-हल्का सिर दर्द

2-धुंधला दिखाई देना

3-कुछ लोगों को थकान महसूस होती है

4-चक्कर आना

5-गर्मी या ठंड लगना

6-जी मिचलाना

7-त्वचा में पीलापन

8-अधिक पसीना आना

9-अचानक नींद से आना

10 रक्तचाप में गिरावट आना

11-नाड़ी की गति कम हो जाना

12-रक्तचाप कम होने के कारण बेहोशी के बाद भी यह लक्षण हो सकते हैं।


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बेहोश होने का इलाज:-

 Treatment of Fainting :

जो लोग लेते और बैठते समय बेहोशी के संकेतों (चक्कर आना, मतली और हथेलियों में पसीना आना ) का अनुभव करते हैं।

अनु को बेहोशी के प्रारंभिक कारणों का मूल्यांकन करना होगा जिसमें चिकित्सक द्वारा उसके स्वास्थ्य की पूर्व स्थिति व रक्तचाप और हृदय दर के बारे में परीक्षण करना होता है। 

अगर आप को बेहोशी महसूस हो रही हो तो आप लेट जा बैठ जाएं इससे आपके दोबारा बेहोश होने की संभावनाएं कम हो जाती है। साथ ही ऐसा होने पर आप तेजी से नहीं उठे और आप बैठे हैं। तो अपने सिर को अपने घुटनों पर रख ले।

बेहोश वे किसी व्यक्ति के तत्काल उपचार के लिए यह कार्य करने चाहिए।

1-सबसे पहले व्यक्ति के आसपास हवा आने की जगह बनाएं और ध्यान दें कि वह सही तरह से सांस ले सके।

2-कम से कम 10:15 मिनट तक किसी ठंडी व पर्याप्त जगह पर लेटे रहे। यदि बैठने की जगह में हो तो व्यक्ति को बैठा दें और उनके कंधे से सिर को नीचे की ओर करते हुए घुटनों पर रख दे।

3-बेहोशी के लक्षण जैसे हम का सिर दर्द मतली या ठंड रहना और पसीना आना जैसे लक्षण नजर आने पर मुट्ठी बांध लेना, पैरो को घुमा लेना और जांघों को दबाना जैसी क्रियाएं करके बेहोशी के प्रकोप से तत्कालीन ग्रुप से निकाला जा सकता है।


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