पेट में सूजन (गैस्ट्राइटिस) के कारण, लक्षण और बचाव । Gastritis in Hindi ! What is gastritis
पेट में सूजन क्या है?
What is Gastritis?
पेट में सूजन को गैस्ट्राइटिस भी कहा जाता है। यह समस्याओं का एक समूह है जिनमें एक चीज समान होती है और वह है पेट की परत में सूजन का होना।पेट में सूजन सामान्य रूप से पेट में अल्सर पैदा करने वाले व्यक्ति नियम के संक्रमण का परिणाम होता है।बहुत अधिक मात्रा में शराब पीना कुछ दर्द निवारक दवाओं का नियमित उपयोग करना और चोट लगना आदि पेट में सूजन पैदा करने में योगदान देते हैं। पेट में सूजन अचानक या समय के साथ-साथ धीरे-धीरे विकसित हो सकती है।कुछ मामलों में गैस्ट्राइटिस की वजह से पेट में अल्सर हो जाते हैं ,जिससे पेट के कैंसर का जोखिम बढ़ जाते हैं । हालांकि ज्यादातर लोगों में गैस्ट्राइटिस अधिगम भी नहीं होता और उसका इलाज जल्दी हो जाता है।
पेट में सूजन (गैस्ट्राइटिस) के कारण :Causes of stomach inflammation (gastritis):
पेट की परत कमजोर होने पर पाचन रस को सूजन बढ़ाने और नुकसान पहुंचाने की अनुमति मिल जाती है जो गैस्ट्राइटिस का कारण बनती है। पेट की कमजोर और पतली परत गैस्ट्राइटिस के जोखिम को बढ़ा देती है।
सबसे सामान्य बैक्टीरियल संक्रमण हेलीकोबेक्टर पाइलोरी वायरस के कारण होता है। यह एक जीवाणु होता है । जो पेट की परत को संक्रमित करता है। यह संक्रमण आमतौर पर व्यक्ति से अलग तक फैल सकता है। इसके अलावा दूषित पानी और भोजन के माध्यम से भी यह वायरस फैल सकता है।
गैस्ट्राइटिस के जोखिम कारक:-
1-तनाव-किसी मुखिया या बड़ी सर्जरी,चोट , जलन या गंभीर संक्रमण के कारण गंभीर तनाव हो सकता है। जो एक्यूट गैस्ट्राइटिस का कारण बन सकता है।
2-शरीर द्वारा पेट की कोशिकाओं पर हमला करना-इसको इम्यून गैस्ट्राइटिस भी कहा जाता है ।जब आपका शरीर पेट की परत बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला करता है। तब गैस्ट्राइटिस विकसित हो जाता है। इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में प्रतिक्रियाएं पैदा होती हैं। जो पेट को सुरक्षात्मक कार्य को किस देती हैं।
3-अन्य स्थितियां में रोग-गैस्ट्राइटिस को अन्य मेडिकल स्थितियों के साथ भी जोड़ा जाता है। जिनमें एचआईवी, एड्स रोग और परजीवी संक्रमण आदि शामिल हैं।
कुछ अन्य स्थिति और गतिविधियां भी हैं जॉब गैस्ट्राइटिस के होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं इनमें निम्न शामिल है-1-शराब का अत्यधिक सेवन करने से।
2-कुछ प्रकार की दवाएं।
3-उम्र
4-कोकीन का उपयोग करना।
5-तंबाकू धूम्रपान का सेवन करना।
पेट में सूजन के लक्षण:- symptoms of gastritis :
कई बार गैस्ट्राइटिस में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है लेकिन कुछ लोगों में जिनमें गैस्ट्राइटिस के लक्षण दिखाई दे जाते हैं, उन्हें पेट के ऊपरी भाग में बेचैनी बेदर्द सबसे आम लक्षण होते हैं।
1-दर्द आमतौर पर पेट के ऊपरी हिस्से के मध्य भाग में होता है।
2-कभी-कभी गैस्ट्राइटिस में पेट और पीठ के बाएं तरफ ऊपरी हिस्से में दर्द भी होता है, इस दौरान दर्द दाएं तरफ बढ़ता हुआ प्रतीत होता है।
3-गैस्ट्राइटिस से पीड़ित लोग अपने दर्द की व्याख्या करने के लिए जलन पीड़ा और काटना जैसा दर्द आदि जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं । आप सर इसमें एक स्पष्ट तकलीफ महसूस होती है। लेकिन इसमें दर्द छुरी लगने जैसा काटने जैसा या काफी तेज दर्द महसूस होता है।
गैस्ट्राइटिस के अन्य लक्षण जिनमें शामिल है-
1-डकार व उबफाई-आमतौर पर डकार या तो आराम नहीं देती या फिर थोड़े समय के लिए आराम देती है।
2-मतली और उल्टी-इसमें खून की उल्टी हरे पीले रंग की उल्टी या साफ पानी जैसी उल्टी लग सकती है यह पेट की सूजन की गंभीरता पर निर्भर करती है।
3-भरा हुआ महसूस होना-इसके साथ पेट के ऊपरी भाग में जलन महसूस होना।
पेट में सूजन (गैस्ट्राइटिस) से बचाव-
Prevention of the Gastritis :
यदि गैस्ट्राइटिस के मूल कारणों को रोका जा सकता है। तो गैस्ट्राइटिस को भी रोका जा सकता है और गैस्ट्राइटिस के लोगों को राहत दिलाई जा सकती हैं:-
1-अगर शराब का सेवन या धूम्रपान किसी व्यक्ति के गैस्ट्राइटिस का कारण है। तो उसकी रोकथाम और उपचार में इन उत्पादों का सेवन रोका जा सकता है।
2-उन परिस्थितियों से बचना चाहिए जहां पर रसायन,विकिरण या कुछ विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने की स्थिति हो।
3-यह स्पष्ट नहीं है कि एच पाइलोरी वायरस कैसे फैलता है लेकिन कुछ प्रमाणों के आधार पर यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में या सन सन दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है कुछ कदम उठाकर खुद को एच पाइलोरी जैसे संगठनों से बचा जा सकता है। जैसे अक्सर अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना और पूरी तरह से पके हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करना।