पेप्टिक अल्सर के कारण, लक्षण और बचाव । Type of peptic ulcer ! Peptic ulcer in Hindi
पेप्टिक अल्सर क्या है?
What is peptic ulcer?
पेप्टिक अल्सर एक तरह का घांव है, जो कि पेट के भीतरी हिस्से की परत में भोजन नली में और छोटी आत में विकसित होते हैं।
पेप्टिक अल्सर के दौरान पेट में दर्द होता है और यह दर्द नाभि से लेकर छाती तक महसूस होता है, यह पेप्टिक अल्सर के सबसे सामान्य लक्षण मारे जाते हैं। अगर इस अल्सर का इलाज समय रहते ने किया जाए तो यह और भी खतरनाक हो सकता है और अपने साथ कई अन्य बीमारियों को भी जन्म दे सकता है। पेप्टिक अल्सर एक सामान्य बीमारी है। पेप्टिक अल्सर को हम गैस्ट्रिक अल्सर के नाम से भी जानते हैं। यह एक तरह से हमारे पेट के भीतरी परत में संक्रमित घाव होते हैं।
पेट में छाले (अल्सर )के कारण:- Causes of peptic ulcer :
यह ज्ञात नहीं है कि पेप्टिक अल्सर किन कारणों से होता है। हालांकि हम जानते हैं कि यह ग्रहणी पर और पेट में पाए जाने वाले पाचन तरल पदार्थ के बीच असंतुलन से होता है। पेप्टिक अल्सर अधिकांश मामलों में छोटी आंत की परत में हेलीकोबेक्टर पिलोरी व्यक्ति रिया के संक्रमण की वजह से होता है।
हेलीकोबेक्टर पिलोरी बैक्टीरिया-
हेलीकोबेक्टर पिलोरी बैक्टीरिया एक बेहद सामान्य बैक्टीरिया है। इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि हम इन्हें महसूस भी नहीं कर पाते हैं और यह हमें प्रभावित करने लग जाते हैं ।इनके लक्षण को समझना बेहद मुश्किल होता है ।यह व्यक्ति द्वारा हमारे पेट के भीतर परत में होते हैं और किसी भी उम्र के लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं।
पेट में अल्सर (छाले) होने के लक्षण:-
Peptic ulcer symptoms :
पेट में दर्द पेप्टिक अल्सर का मुख्य लक्षण है।आमतौर पर अल्सर के लक्षण नहीं होते, हालांकि रक्त स्त्राव अल्सर का सबसे पहला संकेत माना जाता है।
1-अल्सर का दर्द आमतौर पर पेट के ऊपरी मध्य भाग में होता है, यह दर्द नाभि के ऊपर और छाती के नीचे होता है।
2-अल्सर की वजह से पेट में जलन, दांत काट रहे जैसा दर्द, यह दर्द हमारे पीछे के हिस्से में भी हो सकता है।
3-आमतौर पर पेट में दर्द तब होता है, जब खाना खाने के कई घंटे के बाद तक हमारा पेट खाली रहता है।
4-खासकर रात और सुबह के समय यह दर्द ज्यादा प्रभावी हो जाता है।
5-अल्सर के दौरान होने वाले दर्द कुछ मिनटों से लेकर 4 घंटे तक भी जारी रह सकता है।
6-अल्सर के दर्द में भोजन या उल्टी से राहत मिल सकती है।
पेप्टिक अल्सर के कुछ और आरक्षण निम्नलिखित हैं-
1-जी मिचलाना
2-उल्टी आना
3-भूख ना लगना
4-वजन कम हो जाना
अधिकांश अल्सर के मामलों में पेट में रक्त स्त्राव होता है, हालांकि कभी-कभी केवल रक्त स्त्राव ही अल्सर का लक्षण होता है, रक्त स्त्राव कभी तेज तो कभी धीमी गति से होता है।
पेट में अल्सर (छाले) के प्रकार:-
Types of peptic ulcer :
1-गैस्ट्रिक अल्सर-यह अल्सर हमारे पेट में होते हैं।
2-एसोफेजल अल्सर-यह अल्सर हमारे भोजन नली में होते हैं।
3-डूआडनल अल्सर-यह अल्सर हमारी छोटी आंत में होते हैं।
पेट में (छाले) अल्सर से बचाव-
Prevention of peptic ulcer :
शराब, धूम्रपान, दर्द निवारक दवा,कैफीन और नॉनस्टेरॉयडल anti-inflammatory ड्रग्स से परहेज कर के हम पेप्टिक अल्सर से खुद को दूर रख सकते हैं। इन सब के सेवन से हमारे पेट की रक्षात्मक शक्ति खत्म होती है और पेट में आमाशय रस की मात्रा भी बढ़ने लगती है।
हेलीकोबेक्टर पिलोरी बैक्टीरिया से बचाव के लिए दूषित खाना, दूषित पानी के साथ-साथ स्वच्छता का भरपूर ध्यान रखें, गर्म पानी से हाथ धोएं और बाथरूम में हमेशा साबुन का प्रयोग करें । जैसे डायपर बदलने के बाद और खाना बनाने से पहले भी हमेशा साबुन से हाथ धोएं।
यदि आपको दर्द निवारक दवाएं या नॉनस्टेरॉयडल anti-inflammatory ड्रग्स लेनी पड़ती है तो इन चीजों को ध्यान में रख अल्सर के जोखिम से आप दूर रह सकते हैं।
अगर आप दिन में दबाकर की खुराक लेते हैं तो इस पर नियंत्रण करें और डॉक्टर से संपर्क कर अपने आपको सेहतमंद बनाने के लिए सलाह लें। जो आपके डॉक्टर ने परहेज और सलाह दी है। उस पर पूर्णतया पालन करके आप अल्सर के दोबारा विकसित होने की संभावना को कम कर सकते हैं।