गाउट के कारण, लक्षण और बचाव । What is gout ! Gout in hindi
गाउट क्या होता है? What is gout ?
अचानक जोड़ों में तेज दर्द होना,जोड़ों में लालिमा और कोमलता तथा पैर के अंगूठे के जोड़ों में दर्द आदि गांठ की पहचान होती है। गाउट गठिया का एक जटिल रूप होता है, जो किसी को भी प्रभावित कर सकता है।पुरुषों को इस तरह के गठिया होने की अचानक संभावना होती है, लेकिन रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को भी गाउट हो सकता है। काउंटर अटैक अचानक हो सकता है, कई बार आधी रात में। इसकी वजह से आपकी नींद खुल सकती है और आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके पैर में आग लगी है। इसके अलावा इसके प्रभाव से आपके जोड़ों का गर्म होना, सूजन आना शामिल है। यहां तक कि आपके लिए बेडशीट का भार भी असहनीय हो जाता है। हालांकि, गाउट का उपचार किया जा सकता है। और दोबारा गाउट होने के खतरे को भी कम किया जा सकता है।रक्त में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होने वाली विभिन्न स्थितियों के लिए गाउट एक सामान्य शब्द है। वत्रक नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर आपके पैरों को प्रभावित करता है। यदि आपको गाउट है, आपको संभव है अपने पैरों के जोड़ों में सूजन के साथ जोड़ो में दर्द महसूस करेंगे, विशेषकर आपके बड़े पैर के अंगूठे में।
गाउट के कारण :Causes of gout:
खूश में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा में उत्तको में यूरिक एसिड क्रिस्टल का बन्ना गाउट होने का मुख्य कारण होता है। शरीर के रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने के कारणों में शामिल है:-
1-मोटापा
2-लंबे समय से गुर्दे की कार्य क्षमता में कमी आना
3-अनुवांशिक कारण यदि आपके माता-पिता को गाउट है । तो आप में इस समस्या के होने की आशंका अधिक होती है।
गाउट का खतरा कब बढ़ जाता है।
1-सर्जरी
2-कोई गंभीर चोट
3-निर्जलीकरण
4-भूखे रहना
5-आयु और लिंग पुरुषों में गाउट होने के मामले अधिक पाए जाते हैं। क्योंकि महिलाओं में मुख्यतः यूरिक एसिड का स्तर कम रहता है ।
गाउट के लक्षण-Symptoms of Gout :
गाउट आप की हड्डी के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है। लेकिन यह आमतौर पर पैरों की उंगलियों, टखनों , घुटनों और हाथ की उंगलियों को प्रभावित करता है गाउट के लक्षण और संकेत में शामिल हैं-
1-किसी एक या अधिक जोड़ों में गंभीर दर्द होना।
2-जोड़ों में जलन होना और नरम हो जाना।
3-प्रभावी जोड़ों में और उनके आसपास सूजन होना।
4-गाउट से परेशान अधिकतर लोगों को 1 साल के अंदर-अंदर ही इसके और अटैक आते हैं।
5-पहली लक्षण महसूस होने के 12 से 24 घंटे में यह सबसे गंभीर होते हैं।
6-प्रभावित जोड़ों में किसी भी हल्की चीज का स्पर्श भी बेहद दर्द भरा असहनीय होता है इससे चादर का भार या जुराब पहनना।
7-इलाज न होने पर इसके लक्षण समय के साथ बढ़ जाते हैं।
8-यदि यूरिक एसिड के क्रिस्टल मूत्र पथ में जमा होते हैं तो वह गुर्दे की पथरी बना सकते हैं
9-प्रभावित जोड़ों की त्वचा लाल चमकदार होने व इसकी खाल का उतरना।
गाउट के सामान्य लक्षण पैर की उंगलियों में दिखाई देते हैं, लेकिन अन्य जोड़ भी इस समस्या से प्रभावित हो सकते हैं। जिनमें शामिल है-
गाउट के सामान्य लक्षण पैर की उंगलियों में दिखाई देते हैं, लेकिन अन्य जोड़ों में भी इस समस्या से प्रभावित हो सकते हैं, जिनमें शामिल है-
1-पैरो के जोड़
2-टखने
3-घुटने
4-कोहनियां
5-कलाई
6-अंगुलियां
बेहद कम मामलों में गाउट शरीर के केंद्र जैसे रीड की हड्डि, कंधों या कुल्लू को प्रभावित करता है। यह समस्या अमूमन शरीर के कई जोड़ों को एक साथ प्रभावित नहीं करती है । लेकिन कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है।
गाउट से बचाव-
Prevention of gout :
जीवन शैली में थोड़े से बदलाव करने से ही आप गाउट के जोखिम कारकों से और इसके द्वारा अटैक के खतरों से बच सकते हैं । चलिए जानते हैं इसके बचाव के लिए क्या कर सकते हैं-
1-उच्च स्तर के यूरिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें इसके लिए आपको लाल मांस, बासी खाना,तेल से बनी हुई मछली, समुद्री भोजन और खमीर उठने के बाद बनने वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए।
2-शक्कर युक्त पेय पदार्थ और स्नेक्स ना खाएं क्योंकि यह भी गाउट को बढ़ाने का काम करते हैं।
3-नियमित व्यायाम करें और ऐसी गतिविधियों को करें जो आपके जोड़ों पर ज्यादा तनाव ना डालें।
4-पर्याप्त मात्रा में पानी पिए शरीर में पानी का सही स्तर बनाए रखने से आपके जोड़ों में क्रिस्टल बनने का जोखिम कम हो जाता है।
5-शराब का सेवन कम करें बीयर और अन्य शराब के सेवन से बचें।
6-आपके शरीर के लिए जरूरी भजन को बनाए रखें और संतुलित आहार का सेवन करें।