हेपेटाइटिस के कारण, लक्षण और बचाव । Type of hepatitis ! Hepatitis in Hindi ! What is hepatitis
हेपेटाइटिस क्या है?
What is Hepatitis?
हेपेटाइटिस एक ऐसा रोग है जिसमें लीवर में सूजन व लालिमा आ जाती है, इस रोग को सामान्य भाषा में लीवर में सूजन भी कहा जाता है। लीवर शरीर में सबसे बड़े आकार का अंग होता है। यह भोजन पचाने उर्जा को एकत्रित करने और विषाक्त पदार्थों को शरीर के बाहर निकालने में मदद करता है। कई प्रकार के रोग व अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे दबाए, शराब, केमिकल में अन्य स्वय प्रति रक्षित रोग आदि लिवर में सूजन और जलन पैदा कर सकते हैं। हेपेटाइटिस से ग्रस्त कुछ लोगों में किसी प्रकार के लक्षण विकसित नहीं होते और कुछ लोगों को बुखार, मतली और उल्टी पेट में दर्द और त्वचा व आंखों का रंग पीला पड़ जाना आदि जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं। यदि हेपेटाइटिस लंबे समय तक रहता है इसे लीवर में इसका ऊत्तक पैदा होना, लीवर का काम करना बंद कर देना या लिवर कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं। इस रोग का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करते हैं। शराब छोड़ कर एवं सुरक्षित सेक्स के तरीके अपनाकर यात्रा के दौरान नियमित रूप हाथ धोकर हेपेटाइटिस से बचाव किया जा सकता है। इसके साथ ही समय पर टीकाकरण किया जाना भी बेहद जरूरी है। इलाज के प्रकार का चयन आपके हेपेटाइटिस रोग के प्रकार के अनुसार किया जाता है हेपेटाइटिस के उपचार के दौरान 22 को खूब आराम करने पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने और अच्छा पोषण प्राप्त करने की सलाह दी जाती है। हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी का इलाज एंटीवायरल दवाओं के साथ iकिया जाता है।
हेपेटाइटिस के कारण-Causes of Hepatitis-
1-सीधे हेपेटाइटिस पर हमला करने वाले कुछ प्रकार के वायरस जिनको हेपेटाइटिस वायरस कहां जाता है।
2-हेपेटाइटिस ए फैलाने वाला वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के मन में पाया जाता है यह अस्वस्थ व्यक्तियों में दूषित पानी पीने या दूषित भोजन खाने से फैलता है। कई प्रकार के असुरक्षित सेक्स के तरीके की हेपेटाइटिस ए का कारण बन सकते हैं।
3-हेपेटाइटिस बी फैलाने वाले वायरस आमतौर पर संक्रमित खून, वीर्य में अन्य शारीरिक द्रवो के संपर्क में आने से फैलते हैं। हेपेटाइटिस बी के वायरस से संक्रमित मां से जन्म लेने वाले शिशु को भी यह संक्रमण अपनी चपेट में ले लेता है। इसके अलावा यदि परिवार का कोई सदस्य हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हैं तो उनसे भी छोटे शिशुओं में हेपेटाइटिस बी फैल सकता है। इसके अलावा दूषित खून , खून के तत्व चढ़ाने से दूषित इंजेक्शन अन्य नशीली दवाओं के इंजेक्शन लगाने के कारण भी हेपिटाइटिस बी वायरस फैल जाता है।
5-हेपेटाइटिस बी वायरस का संक्रमण उन्हीं लोगों को होता है जो हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित होते हैं। हेपेटाइटिस बी और डी वायरस के दौरे संक्रमण के कारण यह एक गंभीर बन जाती है। इसके परिणाम काफी बदतर होते हैं।
2-गैर संक्रामक कारण:-
1-शराब व अन्य विषाक्त पदार्थ-अत्यधिक मात्रा में शराब पीने से लीवर क्षतिग्रस्त हो जाता है और उसमें सूजन तथा लालिमा आ जाती है। इस स्थिति को कभी-कभी एल्कोहलिक हेपिटाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। अल्कोहल आपके शरीर की कोशिकाओं को सीधे क्षति पहुंचाती हैं। हेपेटाइटिस पैदा करने वाले कुछ विषाक्त कारण जैसे की दवा को अधिक मात्रा में लेना या किसी जहरीले पदार्थ के संबंध में आना आदि।
2-स्व- प्रति रक्षित रोग:- कुछ मामलों में प्रतिरक्षा प्रणाली लीवर को एक हानिकारक वस्तु समझने लग जाती है और उस पर हमला करना शुरू कर देती है। इससे लीवर में लगातार सूजन और जलन बनी रहती है। जो कुछ लोगों में हल्की तो कुछ में गंभीर होती है इसके परिणाम स्वरूप लीवर के कार्य में गड़बड़ होने लगती है।
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हेपेटाइटिस के लक्षण-Symptoms of Hepatitis-
हेपेटाइटिस चाहे किसी भी कारण से हुआ हो। उससे विकसित होने वाले लक्षण और संकेत एक जैसे ही होते हैं। लेकिन हेपेटाइटिस के लक्षण पर हर व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं और समय के साथ-साथ बदल भी सकते हैं। इस रोग में होने वाले को सबसे सामान्य लक्षण और संकेत निम्न हो सकते हैं:-
1-त्वचा और आंखों का रंग पीला हो जाना।
2-पूरा दिन असाधारण से थकावट महसूस होना
3-खुद को स्वस्थ महसूस ना कर पाना
4-थकान होना।
5-जी मिचलाना।
6-गहरे रंग का पेशाब आना।
7-पीले या ग्रे कलर रंग का मल आना।
8-त्वचा में खुजली होना।
9-पेट में दर्द होना।
10-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
क्रॉनिक (दीर्घकालिक) हेपिटाइटिस में अक्सर तब तक इसी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं होता। जब तक मरीज का लीवर पूरी तरह से काम करना बंद नहीं कर देता। इस स्थिति को लीवर खराब होना भी कहा जाता है। यदि हेपेटाइटिस गंभीर रूप से हो जाता है। तो इससे पेट में दर्द जमा होने लगता है और मानसिक रूप से भ्रम होने जैसी समस्याएं होने लगती है।
हेपेटाइटिस के प्रकार:-
Types of Hepatitis-
1-हेपिटाइटिस ए
2-हेपेटाइटिस बी
3-हेपेटाइटिस सी
4-हेपेटाइटिस डी
5-हेपेटाइटिस ई
हेपेटाइटिस ए,बी और सी इनमें से सबसे आम प्रकार के होते हैं।
हेपेटाइटिस से बचाव:-
Prevention of Hepatitis-
1-जिन लोगों में हेपेटाइटिस ए और बी विकसित होने के अधिक जोखिम है । उनके लिए हेपेटाइटिस का टीकाकरण उपलब्ध है। अस्पताल में अन्य स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले लोगों में हेपेटाइटिस विकसित होने के अधिक जोखिम होते हैं।
2-बाहरी खाना ना खाएं।
3-टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथ अच्छे से धोने होने चाहिए।
4-यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति या उसके खून, मल या फिर अन्य शारीरिक धर्म से संपर्क में आते हैं तो आपको अपने हाथों को अच्छे से धो लेना चाहिए।
5-दूषित या अशुद्ध भोजन व पानी आदि नहीं पीना चाहिए।
6-अधपका मीट, मछली व डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए।
7-अपनी सब्जियों को खुद अच्छे पानी में थोड़े और फिर छीन ले।
8-टीकाकरण की मदद से भी हेपेटाइटिस की रोकथाम की जा सकती है।
9-अपने टूथब्रश और रेजर किसी के साथ शेयर ना करें।
10-सेक्स करने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें।
11-अपने यौन साथी की पिछली सेक्सुअल स्थिति के बारे में जाने। यदि आपको लगता है कि आपका जीवन साथी संक्रमित है, तो जल्द से जल्द उनको टेस्ट करवा लेना चाहिए।