एरिथमिया ( दिल की अनियमित धड़कन ) के कारण, लक्षण और बचाव । What is arrhythmia ! arrhythmia in hindi

 

एरिथमिया क्या है?

What is Arrhrythemia?


अनियमित दिल की धड़कन को ‘हृदय अतालता’ या एरिथमिया कहते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपका हृदय बहुत तेज या बहुत धीमी गति से धड़क रहा हो। बल्कि इसका अर्थ यह है कि हृदय की धड़कन आपने सामान्य ताल से नहीं चल रही है। जब हृदय की धड़कन को समन्वित करने वाले विद्युत संघ के ठीक से काम नहीं कर रहे हो उदाहरण के लिए कुछ लोग अनियमित दिल की धड़कन का अनुभव करते हैं, जिसके कारण हृदय तेजी से धड़कता  हुआ महसूस हो सकता है। ह्रदय अतालता का उपचार अक्षर तेज, धीमी अनियमित हृदय की धड़कन को नियंत्रित कर किया जाता है। एक कमजोर या क्षतिग्रस्त हृदय के कारण हृदय अतालता की स्थिति गंभीर हो जाती है।



अतालता के कारण-Due to arrhythmia-

एरिथमिया कई कारणों से हो सकती है। जिनमें निम्नलिखित शामिल है-

1-तत्काल पढ़ने वाला दिल का दौरा ।

2-बीते समय में आए दिल के दौरे से हृदय के ऊतक का क्षतिग्रस्त होना।

3-आपके हृदय की संरचना में परिवर्तन, जैसे कि कार्डियोमायोपैथी के कारण।

4-आपके हृदय की धमनियों का अवरुद्ध होना।

5-उच्च रक्तचाप।

6-थायराइड ग्रंथि का अतिसक्रिय होना।

7-थायराइड ग्रंथि का असामान्य रूप से निष्क्रिय होना।

8-धूम्रपान।

9-शराब या कैफीन का बहुत अधिक सेवन।

10-दबाव का दुरुपयोग।

11-तनाव।

12-कुछ दवाएं और पूरक, जिनमे ओवर द- काउंटर मिलने वाली सर्दी जुकाम हो एलर्जी की दवा और पोषण संबंधित पूरक शामिल है।

13-शुगर की बीमारी।

14-स्लीप एपनिया।

15-जेनेटिक्स इत्यादि।


अतालता (एरिथमिया) के लक्षण:Symptoms of arrhythmias:

अतालता मूक हो सकती हैऔर यह कोई लक्षण उत्पन्न नहीं करती चिकित्सक शारीरिक परीक्षण के दौरान आपके नाड़ी को जांच कर अनियमित धड़कन का पता लगा सकते हैं। लक्षण निम्नलिखित है

1-धकधकी(दिल की धड़कन रुक- रुक कर चलने या आपके हृदय के तेज गति से धड़कने का एहसास)

2-चक्कर आना

3-कम सांस आना

4-बेहोशी

5-आपकी छाती में तेज धमक होना

6-सीने में बेचैनी

7-कमजोरी या थकान


अतालता से बचाव-

Prevention of Arrhythmia-


वीरता की अनियमित धड़कन से बचाव के लिए दिल को स्वस्थ रखने वाली जीवन शैली को अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे हृदय रोग के जोकिंग को कम किया जा सके। दिल को स्वस्थ रखने वाली जीवनशैली में शामिल हो सकते हैं-

1-हृदय को स्वस्थ रखने वाला आहार खाना चाहिए।

2-अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाना।

3-धूम्रपान से बचना।

4-अपने वजन को संतुलित बनाए रखना।

5-कैफीन और अल्कोहल का सीमित मात्रा में या बिल्कुल सेवन न करना।

6-तनाव कम करने के उपाय करें। अत्यधिक तनाव और गुस्से से हृदय अतालता की समस्याएं हो सकती हैं।

7-सावधानी के साथ ओवर द काउंटर दवाओं का उपयोग करना, क्योंकि कुछ सर्दी और खांसी की दवाई में उत्तेजक मौजूद होते हैं, जो दिल की धड़कन को तेज कर सकते हैं।


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