फ्लू (इनफ्लुएंजा) के कारण, लक्षण और बचाव । Influenza in Hindi ! What is influenza
फ्लू (इनफ्लुएंजा) क्या है?
What is flu?
इन्फ्लूएंजा को फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की बीमारी है। जो आर.एन.ए. वायरस की वजह से होती है ।
यह वायरस जानवरों, पक्षियों के, इंसानों की श्वसन नली को संक्रमित करते हैं। आमतौर पर लोगों में इस वायरस के संक्रमण से बुखार, खांसी, सिर दर्द और थकान जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में मतली, उल्टी, दस्त और गले में खराश जैसे लक्षण भी पाए जाते हैं।हर साल एक विशेष मौसम में फैलने वाले फ्लू के लिए उपरोक्त परिस्थितियों सामान्य है। हालांकि कभी-कभी फ्लू बहुत गंभीर रूप से फैल जाता है। इसका गंभीर प्रकोप तब सामने आता है , जब आबादी का एक ऐसा हिस्सा इसकी चपेट में आ जाता है। अधिकांश व्यक्तियों में फ्लू के लक्षण लगभग 1 से 2 सप्ताह तक रहते हैं। उसके बाद रोगी स्वस्थ हो जाता है। अन्य वायरल श्वसन संक्रमण की तुलना में फ्लू संक्रमण में व्यक्ति ज्यादा गंभीर रूप से बीमार होता है।
फ्लू ( इनफ्लुएंजा) के कारण:-Causes of Flu (Influenza): –
फ्लू से बचने के लिए सबसे बेहतर तरीका है कि उसके कारण को जाने:-यह बीमारी जुकाम से अलग तरह की बीमारी है। फ्लू वायरस ए कई जानवरों से भी पाए जाते हैं, जिनमें बत्तख, मुर्गी, सूअर, घोड़ा, सील आदि शामिल है। बी वायरस केवल इंसानों को ही प्रभावित करता है। फ्लू एक अत्यंत संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर या उसके छींकने, खांसने पर फैलती है। सांस के माध्यम से या चुंबन के द्वारा यह वायरस हमारे शरीर में जा सकते हैं। चांदी के बर्तन, दरवाजे, हैंडल, टीवी रिमोट, कंप्यूटर कीबोर्ड और टेलीफोन जैसे सामानों को छूने से हम इस वायरस के संक्रमण में आप सकते हैं। यह वायरस हमारे शरीर में तब प्रवेश करते हैं जब हम अपने हाथों से नाक आंख और मुंह को स्पर्श करते हैं।
फ्लू (इनफ्लुएंजा) के लक्षण:-Symptoms of Flu (Influenza): –
1-संक्रमण के दौरान रोगी को 103 F तक बुखार हो सकता है। हालांकि बच्चों में बुखार का तापमान इस से भी अधिक हो सकता है। कभी कभी चेहरे पर मिस धोता का या पसीना आने से जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
2-ठंड लगना।
3-स्वास्थ्य से संबंधित लक्षण जैसे 1-खांसी
2-गले में खराश
3-छींक आना
4-सिर दर्द
5-मांसपेशियों में दर्द
6-कभी-कभी अत्यधिक थकान महसूस होना।
संक्रमण की गंभीरता के आधार पर कुछ रोगियों में लसीका ग्रंथियों में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, सिर दर्द, सीने में दर्द और गंभीर शरीर में पानी की कमी देखी जाती , यहां तक की मौत भी हो सकती है।
फ्लू ( इनफ्लुएंजा ) से बचाव:-
Prevention of flu :
इनफ्लुएंजा वायरस के खतरों को ध्यान में रखते हुए हमें खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखना चाहिए। यह वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में संक्रमित होता है। इसलिए अपनी सुरक्षा हेतु अक्सर साबुन या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से हाथ धोएं । नाक और मुंह को छूने से बचें।
फ्लू वायरस ठोस सतह और वस्तुओं पर 2 से 8 घंटे तक जीवित रह सकता है । अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घर या ऑफिस में काम करते समय सामान्य रूप से अधिक स्पर्श किए जाने वाली वस्तु या स्थानों को छूने से पहले संक्रमण रहित पोंछे या स्प्रे का इस्तेमाल करें यदि आप फ्लू से संक्रमित किसी व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो संक्रमण से बचाव के लिए अपने चेहरे पर मास्क लगाकर रखें। संक्रमित व्यक्ति को खांसते, छींकते समय अपना मुंह ढक लेना चाहिए।