मॉर्निंग सिकनेस ( प्रेगनेंसी में उल्टी ) के कारण, लक्षण और बचाव ! What is morning sickness ! Morning sickness in Hindi
मॉर्निंग सिकनेस क्या है?
What is morning sickness?
मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था के दौरान उल्टी और मतली आने को कहते हैं। इसके नाम से ऐसा लगता है कि यह सुबह होने वाली समस्या है लेकिन यह दिन या रात किसी भी समय हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को पहली तिमाही के दौरान उल्टियां आना एक आम बात है । लेकिन कुछ महिलाओं को यह पूरी गर्भावस्था के दौरान महसूस होती है। आमतौर पर इसमें उपचार की आवश्यकता नहीं होती है हालांकि विभिन्न घरेलू उपचार जैसे पूरे दिन कुछ न कुछ खाते रहना और अदरक युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से अक्सर मतली को दूर करने में मदद मिलती है।
मॉर्निंग सिकनेस (प्रेग्नेंसी में उल्टी और मतली) के कारण:-Causes of morning sickness (vomiting and nausea in pregnancy):
1-एस्ट्रोजन स्तर- विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा एस्ट्रोजन के स्तर में वृद्धि होने के कारण हो सकता है। जो सामान्य स्तर की तुलना में गर्भावस्था के दौरान 100 गुना अधिक हो जाता है। हालांकि यह अभी पूरी तरह से सिद्ध नहीं हुआ है।
2- प्रोजेस्टेरोन का स्तर- गर्भवती महिला में प्रोजेस्ट्रोन का स्तर भी बढ़ जाता है। प्रोजेस्टेरोन का स्तर कुछ इस तरह समय से पहले प्रसव को रोकने के लिए गर्भाशय की मांसपेशियों को शिथिल करता है हालांकि यह पेट और आंतों को भी शीतल करता है । जिसके परिणाम स्वरूप पेट में अतिरिक्त एसिड एकत्रित हो सकता है।
3-सुघंने की शक्ति- गर्भावस्था के दौरान गंधों की संवेदनशीलता में वृद्धि हो जाती है। जिसके कारण जी मिचलाने की समस्या भी हो सकती है।
वह के विकास के लिए जरूरी है मॉर्निंग सिकनेस- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मॉर्निंग सिकनेस बोल के विकास के लिए जरूरी हो सकती है। जो गर्भवती माताओं और उनके बच्चे को फ़ूड पाइजन से बचाती है। यदि गर्भावस्था में उल्टी और मतली का अनुभव करने वाली महिला को खाना अच्छा नहीं लगता है तो संभावित रूप वह मुर्गी पालन, अंडो या मांस से दूषित हो सकता है और जिन खाद्य पदार्थों के दूषित होने का जोखिम कम है जैसे चावल, रोटी आदि खाने का मन करता है। इससे महिला और अच्छे बच्चे के स्वस्थ रहने की गर्भाशय में वृद्धि होती है।
मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण:-
Morning sickness of symptoms :
1-गर्भावस्था से पहले महिलाओं को यात्रा के दौरान मतली या उल्टी, माइग्रेन, स्वाद, गंध महसूस होना।
2-यदि मां ने पिछली गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव किया था।
3-मां 1 से अधिक बच्चों की इच्छा रखती है।
गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से बात करनी चाहिए अगर-
1-मतली या उल्टी के लक्षण गंभीर है।
2-उन्हें मूत्र बहुत कम मात्रा में हो रहा है।
3-मूत्र गहरे रंग का है।
4-अचानक खड़े होने पर चक्कर आते हैं।
5-खड़े होने पर बेहोशी आए।
6-दिल की धड़कन बढ़ने पर।
7-रक्त की उल्टियां हो।
मॉर्निंग सिकनेस के बचाव:-
Morn सकती है। इस दौरान आराम करना बहुत जरूरी होता है।
2-तरल पदार्थों का एक बार में अधिक मात्रा के बजाय कम मात्रा में और नियमित रूप से सेवन करना चाहिए । इससे होने वाली उल्टी हो में कमी आ सकती है। फलों का रस , लॉलीपॉप या बर्फ के टुकड़ों को चूसने से इससे निजात पाने में मदद मिल सकती है।
3-दिन में थोड़ी मात्रा में विशेष रूप से उच्च कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करने से गर्भ अवस्था में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस कम हो सकती है । सूखे और सुगंधित खाद्य पदार्थ जैसे क्रैकर्स आदि आमतौर पर मीठे मसालेदार भोजन से अधिक अच्छे लगते हैं। ठंडी चीजें अक्सर गरम भोजन की तुलना में बेहतर लगता है। क्योंकि उनमें कम गंध होती है।
4-गर्भवती महिलाओं को पेट खाली होने से बचने की कोशिश करनी चाहिए । कुछ ना कुछ खाते रहना चाहिए।
5-सुबह उठने से 20 मिनट पहले सादा बिस्कुट खाने से मॉर्निंग सिकनेस में मदद मिलती है।
6-यदि लक्षण गंभीर है तो डॉक्टर से परामर्श के बाद गर्भावस्था के दौरान उपयोग की जाने वाली दवाओं का सेवन कर सकते हैं।