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गलसुआ ( Mumps ) के कारण, लक्षण और बचाव । What is Mumps ! Mumps in hindi


 गलसुआ क्या है?

What is Mumps?


गलसुआ या मम्स एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन होता है। जो मुख्य रूप से लार ग्रंथियों को प्रभावित करता है । इन ग्रंथियों को पैरोटिड  ग्रंथियां भी कहा जाता है ।यह ग्रंथियां लार बनाती हैं । लार ग्रंथियों के तीन समूह होते हैं। जो मुंह के तीनों तरफ होते हैं। जो कानों के पीछे और नीचे स्थित होते हैं।

गलसुआ के सबसे मुख्य लक्षण लार ग्रंथियों में सूजन होती है। गलसुआ के लक्षण शुरू होने के बाद यह 14 से 18 दिनों तक रहते हैं। रोग की अवधि लगभग 7 से 10 दिन तक की होती है। गलसुआ में आमतौर पर एक या दोनों तरफ की ग्रंथियां में दर्द सूजन होती है।


गलसुआ के कारण:-Causes of Mumps :-

मम्पस या गलसुआ का कारण मम्पस वायरस के कारण होने वाला संक्रमण होता है। यह संक्रमित व्यक्ति की लार वह अन्य रिसाव आदि से स्वस्थ व्यक्तियों में फैलता है। जब गलसुआ रोग होता है तब वायरस श्वसन तंत्र से लार ग्रंथियों तक पहुंचता है और वहां जाकर प्रजनन करने लगता है जिस कारण से ग्रंथियों में सूजन आने लगती है। 

जुकाम और फ्लू की तरह गलसुआ रोग भी फैलने वाला रोग है। गलसुआ लार की बूंदों से फैल सकता है। जिनको सांस के द्वारा अंदर लिया जा सकता है। गलसुआ रोग कैसे फैलता है उसके कुछ उदाहरण निम्न है

1-यदि एक व्यक्ति अपने नाक या मुंह को छूकर किसी दूसरी सतह को छू लेता है तो वह सतह संक्रमित हो जाती है और कोई स्वच्छ व्यक्ति उसके छूने से संक्रमित हो सकता है।

2-छींकना या खांसना

3-संक्रमित व्यक्तियों के साथ भोजन व पेय पदार्थ शेयर करना

4-संक्रमित व्यक्ति के साथ प्लेट या अन्य बर्तन शेयर करना

जो लोग गलसुआ के वायरस से संक्रमित होते हैं, वे लगभग 15 दिनों तक संक्रामक रहते हैं।


गलसुआ के लक्षण:-Symptoms of mumps:-

गलसुआ के लक्षण मरीज के संक्रमित होने के बाद आमतौर पर 2 से 3 हफ्तों के बीच दिखाई देते हैं ।  गलसुआ के वायरस से संक्रमित कुछ लोगों में या तो कोई भी लक्षण महसूस नहीं हो पाते या फिर बहुत ही हलके लक्षण पैदा होते हैं। जब संकेत और लक्षण विकसित होते हैं। तो वे आमतौर पर वायरस के संपर्क के लगभग दो-तीन हफ्तों के बाद प्रकट होते हैं। इन लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:-

1-चबाने और निगलने में कठिनाई

2-चेहरे के एक तरफ या दोनों तरफ की लार ग्रंथियों में सूजन

3-बुखार

4-थकान और कमजोरी

5-भूख न लगना

6-सिर दर्द

7-मांसपेशियों में दर्द

गलसुआ में सबसे मुख्य लक्षण लार ग्रंथि में सूजन होता है जिसके कारण गाल भूल जाते हैं।


गलसुआ से बचाव – Prevention of Mumps 


अपने बच्चों का समय पर एमएमआर का टीकाकरण (मम्पस, मीसल्स और रूबेला के लिए) करवा कर आप अपने बच्चों का गलसुआ से बचाव कर सकते हैं। गलसुआ का टीकाकरण करवाना गलसुआ की रोकथाम करने का सबसे बेहतर तरीका होता है। 


एमएमआर टीकाकरण बचपन के टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा होता है। जब आपका बच्चा 12 से 13 महीने का हो जाता है तो उनका एक टीकाकरण करवा देना चाहिए। दूसरा टीकाकरण बच्चे के स्कूल शुरू करने से पहले ही करवा देना चाहिए। जब एक दोनों खुराक मिल जाती हैं तो गलसुआ के प्रति बच्चा 95 प्रतिशत सुरक्षित हो जाता है। 

यदि आपको गलत हुआ है तो आपको इसके फैलने से रोकथाम करने के लिए निम्न तरीके अपनाने चाहिए:-

1-छींकते समय टिशू पेपर का इस्तेमाल करना और फिर उसको सुरक्षित रूप से नष्ट कर दें ।

2-गलसुआ का पहला लक्षण विकसित होते ही स्कूल या ऑफिस से कम से कम 5 दिन की छुट्टी ले ले।

3-नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन के साथ धोते रहना।


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