Lycopus Virginica Q mother and Banefit and uses in hindi
Lycopus Virginica Q mother and Banefit and uses in hindi.
लाइकोपस ( Lycopus )
दिल के कपाटों (वाल्व) के ठीक काम न करने पर यह दवा चमत्कार दिखाती है। जब दिल की धड़कन बहुत कमजोर और कम हो जाये, परिश्रम करने, सीढ़ियों या ऊँचाई पर चढ़ने पर दिल जोर-जोर से धड़कने लग जाये और उसकी गति अनियमित हो जाये, रोगी बेहोश होने लगे और उसके दिल की धड़कन की आवाज दूर तक सुनाई दे, दिल से रक्तस्राव होने का भय हो, दिल के ठीक काम न करने के कारण रोगी की आँखों के ढेले बाहर की ओर निकल और उभर आये, गले में थाईराइड ग्लैण्ड उभर कर गर्दन गिल्हड़ के रोगी की भाँति सूज जाये, हृदय की गति बहुत बढ़ जाये और रोगी को कम्पन के दौरे पड़ने लग जायें, लेटने पर साँस रूकने लगे जिसके कारण रोगी के उठकर बैठ जाये। रात को हृदय की गति बहुत बढ़ और तेज हो जाये, दिल में दर्द हो, नाड़ी भरी हुई और नरम हो, काफी दवायें देने पर भी कोई लाभ नहीं हुआ हो, तो इस दवा की कुछ मात्राओं से रोगी के कष्ट दूर हो जाते हैं और रोगी हृदय रोगों से बच जाता है।
क्षय के रोगी को खाँसते समय बलगम में रक्त आये दिल की धड़कन बढ़ जाये, नाक, बवासीर के मस्सों और फेफड़ों से रक्त आने को रोकने में भी यह दवा बहुत लाभप्रद है।
स्थान बदलने वाले दर्दों को दूर करने में भी यह दवा बहुत गुणकारी है। रोगी को बाई ओर दर्द उठना आरम्भ हो जो कभी शरीर के किसी भाग में और कभी किसी भाग में होने लग जाये और अन्त में जिस स्थान से दर्द आरम्भ हुआ था वहीं दर्द होने लग जाये, गर्मी से दर्द कम हो जाये परन्तु सर्दी से बढ़ जाये तो यह दर्द भी इस दवा से दूर हो जाता है।
मात्रा-5 से 20 बूँदें दिन में 2-3 बार पिलायें।