Ocimum Sanctum Mother Tincture Q Symptoms uses and Banefit in hindi
Ocimum Sanctum Mother Tincture Q Symptoms uses and Banefit in hindi.
तुलसी
(Ocimum Sanctum )
हिन्दू तुलसी के पौधे को पवित्र मानते हैं। प्रत्येक मन्दिर और घर में इसका पौधा लगाया जाता है। इसके बहुमूल्य गुणों के कारण ही इसको पवित्र समझा जाने लगा है। इसके पत्तों से निकलने वाली गन्ध वायु में मिलकर आसपास के क्षेत्र में विभिन्न रोगों के कीटाणुओं को मार डालती है। तुलसी के पत्ते, बीज, छाल सैकड़ों वर्षों से दवा के रूप में प्रयोग किये जा रहे हैं। आयुर्वेदिक पुस्तकों में तुलसी को नजला, जुकाम, मलेरिया, इनफ्लूएन्जा, नाक के रोगों और बिच्छू का विष उतारने में बहुत गुणकारी लिखा गया है। इसलिए प्रत्येक चिकित्सक के पास इसकी शीशी हर समय होनी जरूरी है। रोगी हर बात भूल जाए उसको कुछ याद न रहे, स्मरण शक्ति की कमजोरी से लिखने और बोलने में गलतियाँ करे, इनफ्लूएन्जा ज्वर, शरीर की हड्डियों और अंग अंग में दर्द हो, हड्डियाँ टूटती हुई प्रतीत हो, नाक से पानी बहे, आँसू आयें, माथा भारी, नजला-जुकाम, गले में दर्द और शोथ, निगलने में कष्ट, बारी से आने वाले ज्वर, न्यूमोनिया, खाँसी, ब्रोन्कोन्यूमोनिया, दमा का दौरा, पसली और छाती में दर्द हो, बच्चों के पेट में कीड़े, ज्वर में दस्त आये, टाईफाइड ज्वर और दूसरे ज्वरों में जब रोगी को ज्वर की अधिकता और तेजी के कारण बेहोशी जैसी दशा हो जाए, मलेरिया ज्वर, सख्त सर्दी और कंपकपी से चढ़ने वाला ज्वर, बारी का ज्वर, ज्वर के साथ नजला-जुकाम, दस्त, बच्चों में पेट के कीड़ें हों जिसके कारण बच्चे का स्वभाव चिड़चिड़ा हो, वह रात को जागकर रोने लग जाए, ऐसा ज्वर जिसमें रोगी बेहोश हो जाए आवाज देने पर आँखें खोले परन्तु तुरन्त बेहोशी जैसी दशा हो जाये और बात का जवाब न दे सके, रोगी को ज्वरों में सख्त सिरदर्द हो जिसको ठंडे पानी की गद्दी रखने या पंखा हिलाने से लाभ हो, आंखें लाल हो उनसे आंसू आए। सर्दी और जुकाम भी हो शरीर और चेहरे में गर्मी के लहरे प्रतीत हो, चेहरा तमतमा जाए, कान में दर्द कान से पीप बहे और कम सुनाई दे। मुंह और जीभ में छाले और घाव, जीभ और होंठ लाल, मुंह से राल बहे, गले में दर्द, गला सूजा हुआ, भोजन खाने पर दर्द, टॉन्सिल फुले हुए हो। दमे के दौरान सांस लेने में बहुत कष्ट हो, दांतो का सख्त दर्द जो सर्दी से बढ़ रहा,जब रोगी दमे के कारण आगे की ओर झुके तो इस दवा को देने से उसके कष्ट तुरंत दूर हो जाते हैं। बुखार, मलेरिया, इनफ्लुएंजा सर्दी और जुकाम से उत्पन्न ज्वर, कपकापी और सर्दी से चढ़ने वाला ज्वर,कीटाणुओं से उत्पन्न संक्रमण और उनसे उत्पन्न रोगों एवं कष्टों में तुलसी बहुत लाभप्रद सिद्ध होती है। वर्षा ऋतु और इसके बाद होने वाले टाइफाइड ज्वर की सफल औषधि है।
मात्रा:- पांच बूंद दिन में दो से 4 बार गर्म या ताजा पानी में मिलाकर पिलाते रहे।