Carica Papaya Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi

 

Carica Papaya Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi.


Carica Papaya Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi


कैरिका पैपाया ( Carica Papaya Q )


विभिन्न नाम– स. एरण्ड कर्कटी, मधुकर्कटी, गोपाल कर्कटी, हि पपीता।


  यह अन्य रोगों में भी उपयोगी है लेकिन पाचन संस्थान के लिये इसे महौषधि माना गया है। यह पाचन शक्ति बढाकर भोजन पचाने में मदद करती है। अम्ल बनने से रोकती है। यकृत की क्रिया को नियमित करती है। भूख को बढ़ाती है। जिनकी दूध, माँस, अण्डा आदि खाने से पाचन क्रिया बिगड़ जाती है, उन्हें इसके सेवन विश्वास के साथ करना चाहिये। कुछ भी खाने से अपच होना, अपच के दस्त आने लगना इसका निर्देशक लक्षण है। बहुत से ऐसे रोगी जो गैस की शिकायत से मुक्ति पाने के लिये विभिन्न पैथियों की अनेक दवाओं के सेवन करने के बाद भी अपने स्वास्थ्य से निराश हो चुके थे। उन्होंने इस औषधि को अपनाया एवं चमत्कारिक लाभ पाकर पूर्ण स्वस्थ हुए। यह यकृत के साथ-साथ प्लीहा एवं फेफड़े पर भी अपना प्रभाव दिखलाती है जिससे तत्सम्बन्धी अनेक रोगों में पूर्ण लाभदायक सिद्ध हुई है। यदि पाचन संस्थान या श्वास संस्थान के साथ-साथ शारीरिक कृशता भी बढ़ती जा रही हो, अन्य कोई कष्ट प्रतीत नहीं होता. तो इसे सेवन करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट हो जाता है और रोग का मूल कारण भी दूर हो जाता है। स्त्रियों में रज स्राव जारी होने के समय से कुछ पहले और रज स्राव की अवधि में कातरता का भाव प्रकट हो तो इसका सेवन करायें। यदि पेट में किसी प्रकार का कष्ट हो जो मलने पर ठीक हो जाता हो और सन्ध्या के समय बढ़ जाता हो तो इसका सेवन कराने से आशातीत लाभ होता है। किसी रोग का आक्रमण बायीं ओर हुआ हो तो इसके प्रयोग से रोग का शमन होता है। जैसे स्त्रियों के रज स्राव के समय की पीड़ा को दूर करने में सफल है वैसे ही पुरुषों के लिये भी उपयोगी है। यदि कामोद्दीपक स्वप्न से भी शुक्र का क्षरण हो जाता हो तो यह सेवनीय है। कभी-कभी लिंग में कड़ापन आता है लेकिन वीर्यपात नहीं होता है सवेरे लिंग में कडापन एवं संभोग की इच्छा जागृत अण्डकोषों में दर्द आदि इन लक्षणों में भी पूर्ण सफल औषधि है।


मात्रा– 10 से 30 बूँदें पानी में मिलाकर प्रतिदिन 2-3 बार।


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