Embelica Officinalis Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi
Embelica Officinalis Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi.
फाईलैन्थस एम्ब्लिका या एम्बेलिका ऑफिसिनेलिस (Phyllanthus Emblyca (Embelica ) Or Embelica Officinalis).
अनेक नाम हि. आँवला, आमला, बं. आमला, आमलकी, म. आवले, आँवली, पं. आमला, अम्बली, मा. आँवला, गु. आँवला, क नेल्लि, नेल्लिकायि, ते. उसरिकाय उ. अण्डा, आसा अमला, आमलकी, गारो. अम्बरी ता. नेल्लिकाय ब्रह्मा जिफियूसी फा आमलज, आमलाय, अ. आमलज्ज अं. Emlbeelic Myrobalan (एम्बेलिक मायरोबलान) यह एक फल है जो भारत के प्रायः सब उष्ण प्रदेशों में बागी और जंगली दोनों रूप में प्राप्त है। आयुर्वेद के त्रिफला चूर्ण में एक तिहाई इसी का योग होता है। इससे प्राप्त मदर टिंक्चर्ज नाना प्रकार के रोगों में उपयोगी है। इसका स्वभाव शीतल, रक्तपित्त को दूर करने वाला, पुरुषों में पुरुषत्व शक्ति की वृद्धि करने वाला, कब्ज दूर करने वाला, मूत्रारोध दूर करने वाला एवं यकृत क्रिया को नियमित करने वाला है। आयुर्वेदिक पद्धति में इसे रसायन की संज्ञा दी गयी है। इसके नियमित सेवन से शरीर के समस्त संस्थानों (Systems) की क्रिया में सुधार होता है। स्मरणशक्ति, काति और मेधा बढ़ाने की इसमें अपूर्व क्षमता है। श्वास, कास, यक्ष्मा, पाण्डु रोग, अग्निमांद्य एवं वीर्य सम्बन्धी समस्त प्रकार के दोषों को दूर करने के लिये ख्याति प्राप्त औषधि है। इसके सेवन से पित्त एवं पित्तजनित अन्य दोषों का शमन होता है। इसे मूत्रकृच्छता के रोगी को सेवन कराया जाये तो शीघ्र लाभ होता है। इसे वमन, हिक्का, पुरानी कब्ज आदि के रोगियों को प्रयोग कराने से भी चमत्कारिक लाभ होता है। कामला या पाण्डु (Jaundice) के रोगी को भरोसे के साथ इसका सेवन करायें। मूल अर्क और परिश्रुत जल (12) मिलाकर बने घोल से प्रतिदिन कुल्ला 3-4 बार किया जाये तो मुँह के छाले, व्रण, मसूढ़ों की सूजन आदि दूर हो जाती है। अतिसार और अजीर्ण के रोगों को भी सेवन कराने से लाभ होता है। जिन स्त्रियों को रक्तप्रदर की शिकायत हो, उन्हें नियमित सेवन करायें। लाभ होगा। स्वप्नदोष, धातु दुर्बलता, शीघ्रपतन आदि रोगों में भी इसे भरोसे के साथ दिया जाता है।
मात्रा – 5 से 15 बूँदें प्रतिदिन 3-4 बार।