Terminalia Arjuna Q के फायदे in hindi, Terminalia Arjuna Q Symptoms and uses in hindi


Terminalia Arjuna Q के फायदे in hindi, Terminalia Arjuna Q Symptoms and uses in hindi.


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टर्मिनेलिया अर्जुना

Terminalia Arjuna Q


विभिन्न नाम-हि अर्जुन, व. अर्जुनगाछ म अर्जुन, अर्जुन सादड़ा, गु. अर्जुन पं. जुमरा ते तेल्लमहि क. मंत्रि, ता मरुदमरम।


इसका वृक्ष 60-70 फीट ऊंचा होता है। यद्यपि यह सब प्रान्तों में पाया जाता है फिर भी हिमालय की तराई, छोटा नागपुर मध्य भारत, मुंबई एवं मद्रास में अधिक मिलता है।


इसका मदर टिक्चर्ज अर्जुन वृक्ष की छाल से तैयार किया जाता है। हृदय की सब तरह की शिकायतों में उपयोगी होने के कारण यह विश्व विख्यात है। हृदय की दुर्बलता हृदय की धड़कन की तीव्रता, हृत्शूल आदि में भरोसे के साथ दिया जाता है। इसके अतिरिक्त (हृदय विकार के अतिरिक्त) यह क्षतक्षय कास विष, रक्तविकार, रक्तपित्त, प्रमेह ज्वर एवं व्रणों में भी प्रयोग किया जाता है। मुँह से रक्त जाने, रक्तपित्त में इसका सेवन कराने से रक्तवाहिनियों का संकोचन होता है जिससे रक्त का नियंत्रण होना संभव होता है। व्रण अस्थि भग्न शोध आदि में इसका अभ्यान्तरिक और बाहरी दोनों प्रयोग करना उचित है। रक्तस्त्राव चाहे नाक से (नकसीर) हो या दस्त के साथ (Melena) इसके सेवन से लाभ होता है।


मात्रा– अन्य रोगों में सुविधानुसार पानी या दूध के साथ दें लेकिन हृदय सम्बन्धी किसी भी प्रकार के कष्ट में गर्म दूध में मिलाकर देना अधिक उपयोगी है। मात्रा 5 से 20 बूंदें है। यह ‘टर्मिनलिया अर्जुना’ एवं मात्र “अर्जुना” दोनों नामों से बाजार में उपलब्ध। है।


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