Allium Sativum Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi

 

Allium Sativum Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi


Allium Sativum Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi

एलियम सैटाइवम ( Allium Sativum Q )

विभिन्न नाम-हि. लहसुन, लशुन बं. रसुन, म. लसूण, क. बेल्लुल्लि ते. बेल्लुल्लि ता. वल्लइपुंडु, गु. लसण, सिंधी पोम, आसा. नहरु, भोटि गोकपस फा सीर अ. सूम, यू. स्कूर्दून, अ. Garlic (गार्लिक) यद्यपि देश के सभी प्रान्तों में इसकी खेती की जाती है। लेकिन पश्चिमोत्तर प्रदेश

गढ़वाल, कुमाऊँ, पंजाब एवं काश्मीर आदि में अधिक उपज होती है। इसका मदर टिंक्चर्ज बहुत ही उपयोगी है। यह समस्त प्रकार के स्वरयन्त्र शोथ त्वचा के रोग, अस्थिव्रण एवं नाडीव्रण (नासूर) आदि में फलदायी है। यक्ष्मा के रोगियों में यह प्राचीनकाल से प्रयोग किया जा रहा है। पूर्ण चमत्कृत प्रभाव फुफ्फुस विकार को देखकर ही इसका मदर टिक्चर्ज भी तैयार किया गया है। इसके नियमित सेवन से यक्ष्मा के दण्डाणु नष्ट हो जाते हैं। यह एक अच्छा प्रतिदूषक (Antiseptic) औषधि है। यह वात विकारों को नष्ट करने में भी सफल है। अतः इस गृध्रसी (Sthatica), कमरदर्द चेहरे का लकवा, पक्षाघात, एकाग्डघात, ऊरुस्तम्भ, अपतंत्रक एवं अपस्मार सदृश में भी इसे तेल में मिलाकर मालिश करने से लाभ होता है। रोगों

शैथिल्य प्रधान कुपचन (Atopicdyspepsia) आध्मान, उदरशूल, विशूचिका, वमन, गुल्म, ऑव एवं केंचुओं के रोग में इसे प्रयोग किया जाता है। विषम ज्वर, आन्त्रिक ज्वर (Typhoid) एवं तन्द्राभज्वर (Typhus) आदि में भी उपयोगी है। यदि रोग की प्रारम्भिक अवस्था में दी जाये तो उत्तम परिणाम मिलता है। रोग आगे नहीं बढ़ता है। हृदय रोग में भी इसके प्रयोग से लाभ होता है। आध्मान में उपयोगी होने के कारण इसके प्रयोग से गैस (पट की वायू) का दबाव कम हो जाता है। परिणामस्वरूप हृदय का दबाव भी घट जाता है। रोगी राहत का अनुभव करता और हृदय को बल मिलता है। 

मात्रा- 5 से 10 बूँदें प्रतिदिन 3 बार एवं बच्चों को 3 से 5 बूँद 3 बार प्रतिदिन पानी में मिलाकर दें।

और अधिक जानें – Terminalia Chebula Q 👈

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.