knee pain : घुटनों में दर्द होने के कारण, लक्षण और बचाव
घुटनों में दर्द क्या है?What is knee pain ?
घुटनों में दर्द होना एक सामान्य समस्या है, जो सभी वर्ग के लोगों को हो सकती है। कई बार घुटनों में दर्द किसी चोट लगने के कारण भी होने लगता है, जैसे लिगामेंट का टूटना एक रेशेदार और लचीला ऊतक जो दो हड्डियों को आपस में जोड़ता है। या कार्टिलेज का फटना ये कठोर और लचीले सफेद रंग के ऊतक होते हैं, जो घुटने गले और श्वसन तंत्र समेत शरीर के कई भागों में होते हैं। इनके अलावा घुटनों में दर्द अन्य कई रोगों के कारण भी होता है, जैसे गठिया गाउट और संक्रमण आदि।
घुटनों के हल के दर्द के ज्यादातर प्रकार स्व- देखभाल व अन्य सामान्य उपाय से ठीक हो जाते हैं। कुछ फिजिकल थेरेपी और घुटने के ब्रेकिं (एक उपकरण जो घुटनों को सहारा देने में मदद करता है) भी घुटनों के दर्द से राहत देने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में घुटनों के दर्द को खत्म कने के लिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है।
घुटनों में दर्द के कारण-Causes of knee pain-
घुटनों में क्रॉनिक दीर्घकालिक दर्द से अ स्थायी दर्द (थोड़े समय का दर्द) अलग होता है। काफी लोगों में अ स्थायी दर्द चोट या किसी दुर्घटना के कारण होता है। घुटनों के क्रॉनिक दर्द बहुत ही कम मामलों में बिना इलाज के ठीक हो पाते हैं। ये हमेशा एक ही घटना के कारण से नहीं होते, अक्सर ये कई परिस्थितियों व कारणों के परिणाम से होता है।
कुछ शारीरिक समस्या या रोग जो घुटनों में दर्द का कारण बन सकते हैं जिनमें निम्न शामिल है,
1. ओस्टियोआर्थराइटिस [osteoarthritis] इसमें जोड़ों के बिगड़ने और उनकी बद्तर स्थिति होने के कारण दर्द, सूजन और अन्य समस्याएं होने लगती हैं।
2. टेडिनाटिस-इसमें घुटने के अगले हिस्से में दर्द होता है, जो सीढ़ियां चढ़ने और चलते समय और अधिक बद्तर हो जाता है।
3. बर्साइटिस-यह घुटने का बार-बार सामान्य से अधिक इस्तेमाल करना, या चोट आदि लगने से होता है।
4. गाउट-यह गठिया का एक रूप होता है, जो यूरिक एसिड बनने की वजह से होता है।
5. (Baker,s cyst)-इसमें घुटने के पीछे सिनोवियल द्रव (जोड़ों में चिकनाई लाने वाला द्रव) का निर्माण होने लगता है।
6. संधिशोथ-यह एक क्रॉनिक दीर्घकालिक सूजन संबंधी स्वं-प्रतिरक्षित विकार होता है जो दर्दनाक सूजन का कारण बन सकता है, और अंत में हड्डियो में विकृति और क्षय (घिसना, अपरदन) का कारण बन सकता है।
7. डिसलोकेशन-हड्डियों के जोड़ खनिया जगह से हिल जाने को डिसलो केशन कहा जाता है, घुटने की ऊपरी हड्डी (टॉपी) का डिसलोकेशन अक्सर आघाट के कारण ही होता है।
8. मेनि स्कस टियर-घुटने के कार्टिलेज मैं एक या उससे ज्यादा टूट-फूट होती है।
घुटनों में दर्द के लक्षण :
Knee pain symptoms :
1-सूजन और जकड़न
2-प्रभावित त्वचा लाल होना
3-कमजोरी व स्थिरता
4-घुटने से आवाज आना
5-घुटने को पूरी तरह से सीधा करने में असमर्थता।
घुटनों के दर्द से बचाव :
Prevention of knee pain :
हालांकि घुटने के दर्द को हर बार रोक पाना संभव नहीं होता । कुछ सुझाव घुटनों की अंदरूनी व्यवहारी चोटों और अन्य जोड़ संबंधी समस्याओं की रोकथाम करने में मदद कर सकते हैं।
1-अतिरिक्त वजन कम करें-अपना स्वस्थ वजन बनाए रखें, यह आपने घुटनों के स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे उपाय में से एक है।
2-शरीर को मजबूत और लचीला रखें-मांसपेशियों की कमजोरी होटलों की अंदरूनी चोटों के प्रमुख कारणों में से एक होती है। इसलिए शरीर में मांस पेशियों घुटनों को सहारा देती है। अधिक टाइट मांसपेशियां भी अंदरूनी चोटों का कारण बन सकती हैं। इसलिए शरीर को स्ट्रेच करना जरूरी होता है।
3-सावधानी से व्यायाम करें-अगर आपको क्रॉनिक घुटने के दर्द घुटने में बार-बार होने वाली अंदरूनी समस्याएं हैं, तो आप को व्यायाम करने के तरीके को बदलने की आवश्यकता हो सकती है। कम से कम सप्ताह के कुछ दिनों के लिए या अन्य कम प्रभाव वाली गतिविधियों से बदलाव करने पर विचार करें। कभी-कभी अधिक प्रभाव वाली गतिविधियों को सीमित करने पर राहत मिल जाती है।