
ACTEA SPICATA Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi
एक्टिया स्पाइकेटा – ACTEA SPICATA Q
यह वातरोग की औषधि है विशेषकर छोटी छोटी सन्धियों अधिक प्रभावित होती है. फाटने जैसा अनझनाहट वाला दर्द इसके चारित्रिक लक्षण है। कलाई का वातरोग (wrst theumatism) | सम्पूर्ण शरीर में स्पन्दन होना विशेषकर यकृत एवं गुर्दे के क्षेत्रों में हृदय की रक्त नाड़ियों में आक्षेप (cardiovalcular spasm) दर्दों में स्पर्श करने एवं गति से वृद्धि होती है।
सिर रोगी अमित होता है डरपोक होता है और आसानी से चीक पड़ता है। कॉफी पीने से तिर की ओर रक्त का सार अधिक तीव्र हो जाता है घुमेरी फाडने जैसा सिरदर्द इनमें रोगी को खुली हवा में आराम मिलता है मस्तिष्क में तपकन का दर्द जो सिर के शीर्ष (vertex) से आँख की भोओ के मध्य तक पहुंचता है. माथे में गर्मीी अनुभव होती है माथे के बायीं ओर के उमरे माग (उत्सेध) में दर्द मानो हड्डी को कुचल दिया हो। खोपड़ी की त्वचा (scalp) में खुजली के साथ गर्मी जो पयार्यक्रम से आती जाती है। नाक का अग्रभाग लाल बहता हुआ नजला
चेहरा – ऊपरी जबड़े में जबर्दस्त दर्द जो दातों से आरम्भ होकर चेहरे की डयों से होताहुआ कनपटियों तक फैल जाता है चेहरे एवं सिर पर पसीना
आमाशय-अधिजठर प्रदेश में फाड़ने एवं गढ़ने जैसा दर्द साथ में चमन भी होना। आमाशय एवं अधिजठर (epigastrium) प्रदेश में ऐंठन युक्त दर्द साथ ही कष्टदायक श्वास दम घुटने की अनुभूति होना भोजन के बाद अचानक थकावट (शिथिलता)।
उदर-उदर के अन्दर आक्षेपयुक्त खिंचाव (retraction) का होना निम्नोदर (hypogastrium),में कोंचने जैसा दर्द एवं फुलाव ।
श्वसन संस्थान-रात्रि में लेटने पर जल्दी-जल्दी छोटी-छोटी अनियमित श्वास-प्रश्वास । अत्यन्त कष्टदायक घुटन शीतल वायु के लगने पर श्वासकष्ट पैदा हो जाना (shortness of breath) |
बाह्यांग– कमर के निचले भाग (loins) में फाडता हुआ सा दर्द कलाई (अलमरा) उँगलियों टखनों पैर के अंगूठों आदि छोटी छोटी सन्धियों में वात पीड़ा (theumatic pain)। थोडी सी थकान होने पर ही सन्धियों में सूजन आ जाना। कलाई सूजी हुई लाल जो कैसी भी हरकत करने से बढ़ जाती है। हाथों में पक्षाघातपरक कमजोरी बाहुओं में लगडेपन जैसी अनुभूति । घुटनों में दर्द भोजन या बातचीत करने के उपरान्त अचानक थकावट अनुभव करना ।