ADRENALINUM 3x के फायदे in hindi

ADRENALINUM 3x के फायदे in hindi

एड्रिनैलिनम ADRENALINUM 3x

एड्रिनलिन अथवा एपिनेफिन अधिग्रन्थि के भीतरी भाग (medulla of the suprarenal gland) का सक्रिय तत्व है (अधिवृक्क ग्रन्धि के बाहरी परत का स्राव पृथक नहीं है) जिसका उपयोग शारीरिक क्रियाओं को नियमित करने के लिए एक रासायनिक दूत की तरह किया जाता है वास्तव में इसकी उपस्थिति संवेदी तन्त्रिका (sympathetic nerve) को सक्रिय रखने के लिए अनिवार्य है। एड्रिनलिन की क्रिया शरीर के समस्त अगा पर उसी प्रकार होती है जैसे कि संवेदी तंत्रिकान्तों का उद्दीपन होता है। 1.1000 के घोल का श्लेष्मिक झिल्लियों पर बाह्य प्रयोग करने पर यह शीघ्र ही थोड़ी देर के लिए रक्त का बहाव कम कर देता है जैसा कि आँखों में डालने पर देखा गया है कि आँखों का सफेद भाग पीला सा पड़ जाता है और कई घंटों तक बना रहता है। तीव्र प्रज़ारण के कारण इसकी क्रिया बहुत ही शीघ्र प्रभावी निर्विकारी एवं अहानिप्रद होती है. यदि इसे लगातार व्यवहृत नहीं किया जाय। पशुओं में लगातार प्रयोग करने पर देखा गया है कि उनमें मेदाद (atheroma) एवं हृदविशतियाँ हृदपेशीपरक रोगावस्थाएँ उत्पन्न हो जाती है। धमनियों हृद अधिवृक्क ग्रन्थियाँ एवं वाहिका प्ररेक प्रणाली (vaso molar system) मुख्यत प्रभावित होते हैं।




एड्रिनलिन का मुख्य कार्य संवेदी तंत्रिकान्तों (sympathetic endings), जिनमें के आन्तरिक क्षेत्र को उत्तेजित करना है के फलस्वरूप परिसरीय लघु धमनियों में संकोचन प्रमुख उदर पैदा होकर रक्त दाब बढ़ जाता है। यह विशेषकर आमाशय एवं आँतों में देखा जाता है। त्वचा एवं गर्भाशय में कम मस्तिष्क एवं फेफड़ों में बिल्कुल नहीं। आगे यह भी देखा गया है कि नाडी दर धीमी पड़ जाती है (अधिवृक्क पिरामिद वाहिका उद्दीपन) हृदय की गति को सबल कर देवी है (हृदपेशी के सिकुड़ने की क्षमता बढ़ी हुई), डिजिटेलिस से मिलती जुलती है ग्रन्थियों की बढ़ी हुई सक्रीयता मूत्र में शर्करा, श्वास केन्द्र में धेसकन आँख गर्भाशय योनि के पेशी ऊतकों की सिकुडन आमाशय औत मूत्राशय में पेशीऊतकों में ढीलापन आ जाना।

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