AGARICUS MUSCARIUS 30 Symptoms, Uses and Benefit in hindi
AGARICUS MUSCARIUS 30 Symptoms, Uses and Benefit in hindi
एगैरिकस मस्केरियस-एमानिता – AGARICUS MUSCARIUS 30
इस फंगस में काई प्रकार के विषैले यौगिकों का मिश्रण रहता है जिनमें से मस्करिन अच्छी तर से ज्ञात है। इस विष के क्षण तुरन्त प्रकट नहीं होते हैं प्रायः प्रारंभिक आक्रमण के बारह से मीटर घंटे व्यतीत होने के पश्चात ही लक्षण प्रकट होते हैं। इनका न कोई प्रतिषेधक है. लक्षणों के अनुसार ही चिकित्सा सम्भव है (डॉ. शनैडर) एगैरिकस मस्तिष्क पर मादक पदार्थ की किया करती है जो सुरासार (एल्कोहल) की अपेक्षा अधिक चक्कर एवं प्रलाप उत्पन्न करती है सदर घंटे हुए प्रतिवतों (lowered reflexes) के साथ अत्यधिक उनींदापन लाती है।

शरीर में झटके, स्फुरण (फडकन) कम्पन एवं खुजली इसके विशेष निर्देर्शित लक्षण है। फुस्फुसीय यक्ष्मा (टी.बी.) की आरम्भिक अवस्था इसका सम्बन्ध क्षयरोग की प्रवृत्ति के व्यक्तियों से. रक्ताल्पता लास्य (chorea) से है निद्रावस्था में स्फुरण स्वतः रुक जाते हैं। विभिन्न प्रकार के स्नायुशूल एवं आक्षेपी उपसर्ग (spasmodic affections) एवं स्नायविक चर्म रोगों (neurolic (skin troubles) का चित्रण इस औषधि की लाक्षणिकता में पाया जाता है। मस्तिष्क में रक्ताधिवय की अपेक्षा इसका सम्बन्ध मानसिक उत्तेजना के विभिन्न रूपों से होता है। इसी प्रकार वर जनित प्रलाप अत्यधिक मात्रा में मदिरा सेवन आदि में भी प्रलाप पाया जाता है। सर्वांगीण पक्षाघात ऐसी अनुभूति होती है, मानो शरीर में बर्फीली सुइयों चुभाई जा रही हों। दबाव एवं ठण्डी हवा के प्रति संवेदनशीलता। नीचे की ओर दबाव मारते हुए भयंकर (violent) दर्द उपसर्ग विकर्ण (तिरछे) रूप से प्रकट होते है जैसे दायाँ हाथ एवं बाय टॉंग दर्दी के साथ ठण्डापन सुन्नपन एवं झुनझुनी की अनुभूति होती है।
मन-रोगी गाता है बोलता है लेकिन कुछ पूछने पर जबाव नहीं देता अत्यन्त वाचालता (loquacity) कार्य करने से घृणा विरक्ति निर्भीक प्रलाप जिसमें गाना चिल्लाना और बड़बड़ाना मुख्यरूप से मिलते हैं. रोगी कविताएँ करता है और भविष्यवाणियों करता है। रोग की शुरुआत जभाई के दौरे से होती है।
Uses – 2 – 2 Drops Three Times