AILANTHUS GLANDULOSA 30 की जानकारी in hindi

ऐलान्यस ग्लैण्डुलोसा (AILANTHUS GLANDULOSA)
 
AILANTHUS GLANDULOSA 30 की जानकारी in hindi
AILANTHUS GLANDULOSA 30 की जानकारी in hindi
यह औषधि अपने ही विशिष्ट त्वचा सम्बन्धी लक्षणों एवं रक्त में गडबडी (विघटन) पैदा करने की शक्ति को प्रदर्शित करती है एवं ऐसी अवस्थाएँ उत्पन्न कर देती है जैसी कि हम मन्द ज्वर मन्दगतिक विस्फोटक रोगों डिपथीरिया फॉलिक्यूलर टॉन्सिल प्रदाह, स्ट्रेप्टोकॉकस संक्रमण रक्तस्रावी प्रकृति के रोगियो आदि में पाते हैं। त्वचा हल्के नीले रंग की या बंगनी रंग की दिखाई देती है। चेहरा मेहरानि (अमेरिकन वृक्ष) की तरह काला एवं गर्म हो जाता है। दाँतों पर मैल जम जाता है, गले में सूजन जो हल्की नीली या बैंगनी दिखती है 
 
अर्द्धचेतना प्रलापग्रस्त नाही दुर्बल सारे शरीर में निक्रियता एवं थकावट (prostration) अनुभव होती है। सभी लक्षण स्कारलेट ज्वर (आरक्त ज्वर) के विलक्षण लक्षणों की तरह ही होते हैं। अतिसार पेचिश एवं जबरदस्त दुर्बलता अत्यन्त प्रलक्षित होते हैं। दुर्बलता (adynamia) इस औषधि की चारित्रिक विलक्षणता है। नीलापन निष्क्रियता एवं दुर्दम (malignancy) होने का गुण हर स्थिति में पाया जाता है। श्लैष्मिक झिल्लियों से रक्तस्राव एवं उनमें घाव बनने की प्रवृत्तिमिलती है (लैकिसिस, आर्सेनिक)।
 सिर रोगी व्यापक जडिमा के साथ लम्बी लम्बी साँस लेता है। भ्रान्त मस्तिष्क (confused (mind) मानसिक रूप से अवसादग्रस्त माथे में दर्द के साथ उनींदापन शिराओं से होकर रक्त की वापसी में अवरोध उत्पन्न हो जाने के कारण उत्पन्न रक्ताधिक्य के कारण सिरदर्द होना (passive congestion headache) आँखें रक्तसंकुल फैली हुई रोशनी असहय (photophobia) चेहरा धूमिल नाक से अत्यधिक मात्रा में पतला तीखा, रक्तमिश्रित साव
 
गला– प्रदाहित शोफज यानि फूला हुआ (oedematous) धूमिल लाल गले के अन्दर तथा
 
बाहर अधिक सूजन गले के अन्दर खुश्क खुरदरी खुरचने जैसी एवं घुटन जैसी अनुभूति होना। गर्दन स्पर्शासा एवं सूजी हुई कर्कश तथा फटी हुई आवाज जीभ खुश्क एवं कत्थई रंग की। 1 दाँतों पर मैल जमा हुआ होना। निगलते समय गले में दर्द जो कानों तक पहुँच जाता है।
 
 श्वसन संस्थान रोगी की साँसे अनियमित होती है एवं वह जल्दी जल्दी लेता है।रुक-रुक कर होने वाली खुश्क खाँसी फेंफड़ों में दुखन एवं थके हुए।
 निद्रा तन्द्रालु बेचैन भारी बार- बार टूटने वाली निद्रा के कारण रोगी को स्फूर्ति नहीं मिलती।
 
त्वचा हर साल प्रकट होने वाले नीले रंग के बाजरे के दाने जैसे उदभेद (rash) बड़े छाले जैसे उदभेद जिनके अन्दर काले रंग का सीरम भरा होता है अनियमित चकत्तेदार, हल्के नीले रंग के उदभेद, जो दबाने पर मिट जाते हैं। त्वचा ठण्डी परिसरीय वाहिकीय रोग, जिसमें 1 अज्ञात कारणों से भुजाओं की रक्त वाहिनियों में असामान्य रूप से संकुचन हो जाता है, जिससे अंगुलियों में पीलापन अथवा कालापन हो जाता है, एवं कभी-कभी गैंगरीन में परिवर्तित हो जाता है। 

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