Ankylosing Spondylitis Symptoms, Causes and Prevention : एंकेलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण, कारण
Ankylosing Spondylitis Symptoms, Causes and Prevention : एंकेलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण, कारण
*एंकेलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस*, जिसे कभी-कभी “स्पॉन्डिलोअर्थराइटिस” कहा जाता है, गठिया का एक रूप है जो आम तौर पर रीढ़ की हड्डी में होता है, हालांकि यह अन्य जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। वास्तव में, “स्पॉन्डिलाइटिस” शब्द संबंधित बीमारियों के समूह से जुड़ा हुआ है जिनकी प्रगति और लक्षण तो समान हैं, लेकिन ये बीमारियां शरीर के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करती हैं।
Ankylosing Spondylitis के लक्षण:
▪सुबह उठते ही कमर में अकड़न
खराब मुद्रा होना।
▪भूख में कमी, हल्का बुखार, वजन घटना।
▪कूल्हों के जोड़ों में दर्द, कंधों के जोड़ों में दर्द।
▪रीढ़ के आधार और श्रोणि (पेल्विस) के बीच के जोड़ में दर्द।
▪कमर के निचले हिस्से के कशेरुक में दर्द।
▪एड़ी के पीछे (जहां नसें और लिगामेंट जुड़ते हैं) दर्द
▪छाती की हड्डी और पसलियों के बीच उपास्थि (कार्टिलेज) में दर्द।
▪ऐसा दर्द जो आराम करते समय या सुबह उठते ही बढ जाता है और शरीरिक क्रियाओं और व्यायाम करने से कम हो जाता है।
▪रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन का लगातार घटते जाना और अकड़न महसूस होना।
▪हड्डियों का अत्यधिक बढ़ना, जिसे आमतौर पर बोनी फ्यूजन कहा जाता है, जो दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
Ankylosing Spondylitis के कारण:
अधिकांश स्पॉन्डिलाइटिस से ग्रस्त लोगों में *(HLA-B27)* नामक जीन पाया जाता है। यद्यपि इस जीन वाले लोगों को स्पॉन्डिलाइटिस होने की आशंका अधिक होती है, लेकिन यह ऐसे में भी पाया जाता है जिनमें ये जीन नहीं होता।
यह विकार अनुवांशिक होता है, इसलिए इसके होने में जेनेटिक्स भी एक भूमिका निभाते हैं। यदि किसी व्यक्ति के परिवार में इस बीमारी का इतिहास है तो उसे स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित होने की अधिक आशंका रहती है।
जोखिम कारक
▪ आयु :
Ankylosing Spondylitis ज्यादातर किशोरों और युवा वयस्कों को होता है।
▪ आनुवंशिकता :
स्पॉन्डिलाइटिस से ग्रस्त अधिकांश लोगों में *HLA-B27* (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) जीन पाया जाता है। हालांकि, कई मामलों में ये जीन न होने वाले लोगों को भी स्पॉन्डिलिटिस से ग्रस्त पाया गया है।
▪ लिंग :
महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ये बीमारी होने की अधिक आशंका रहती है।
Ankylosing Spondylitis से बचाव:
▪स्वस्थ आहार खाएं।
▪शरीर का वजन सामान्य बनाए रखें।
▪हमेशा चुस्त रहें।
▪व्यायाम करें क्योंकि उससे से लचीलापन बना रहता है।
Ankylosing Spondylitis का परीक्षण:
▪पीठ और श्रोणि (पेल्विस) का एक्स-रे
▪एमआरआई स्कैन
▪किसी भी सूजन का पता करने के लिए एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट (erythrocyte sedimentation rate) नामक रक्त परीक्षण भी किया जा सकता है।
▪प्रोटीन *एचएलए-बी 27* का पता करने हेतु रक्त परीक्षण भी किया जा सकता है। हालांकि, एचएलए-बी 27 परीक्षण का मतलब यह नहीं है कि आप स्पॉन्डिलाइटिस से ग्रस्त हैं। यह केवल ये निर्धारित करता है कि आपके शरीर में इस प्रोटीन का उत्पादन करने वाला जीन मौजूद है।
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Ankylosing Spondylitis के जोखिम और जटिलताएं:
यदि स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज नहीं किया जाता है, तो निम्न जटिलताएं हो सकती हैं :
▪गंभीर व अत्यधिक सूजन के कारण कशेरुका एक साथ फ्यूज हो सकती हैं।
▪कूल्हों और कंधों सहित सूजन पास के जोड़ों में फैल सकती है।
▪सूजन लिगमेंट और टेंडन (नसों) में फैल सकती है, जिस से लचीलापन प्रभावित हो सकता है।
▪सांस लेने मे तकलीफ होना।
▪दिल, फेफड़े, या आंत्र को क्षति होना।
▪रीढ़ की हड्डी में संपीड़न फ्रैक्चर भी हो सकता है।
दुर्लभ और गंभीर मामलों में, स्पॉन्डिलाइटिस महाधमनी (aorta), जो हृदय से जुड़ी बड़ी धमनी है, को भी प्रभावित कर सकता है। सूजी हुई महाधमनी दिल को क्षति पहुंचा सकती है।
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