Bronchitis ! ब्रोंकाइटिस क्या है, ब्रोंकाइटिस के कारण, bronchitis symptoms, bronchitis in Hindi
ब्रोंकाइटिस क्या है ?- What is bronchitis ?
इस रोग में वायरस या बैक्टीरिया से सांस की नली पर सूजन हो जाती है जिसके कारण सूखी खांसी उठती है। साथ में हल्का बुखार और गले में घरघराहट की आवाज से छाती में सीटी की आवाज होती रहती है। खांसी के साथ बलगम आता है कभी कभी खून भी निकल आता है। जिसे आम भाषा में बलगमी खांसी भी कहते हैं। इस रोग में सांस नली में सूजन आ जाती है जिस कारण रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है।
ब्रोंकाइटिस के कारण :
- यह रोग वायरस या बैक्टीरिया किसी भी माध्यम से हो सकता है।
- यह बीमारी अपने आप जीवाणु द्वारा होती है।
- जुकाम, खसरा व काली खांसी या अन्य कोई वायरस का रोग है तो उसे ब्रोंकाइटिस हो जाता है।
- कमजोर लोगों को यह रोक अधिक होता है।
- प्रदूषित वायु के कारण भी यह रोग हो जाता है
- बुखार में सूजन गले से उतरकर फेफड़ों में चली जाती है।
- जो व्यक्ति लंबे समय से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है उन्हें भी यह रोग होने की पूरी संभावना रहती है।
- जिन व्यक्तियों को साइनोसाइटिस की समस्या है उन्हें भी है रोग हो सकता है।
- अगर रोगी को फेफड़ों का संक्रमण है तो उसे यह रोग होने की पूरी संभावना है।
- अत्यधिक धूम्रपान व अल्कोहल के कारण भी यह रोग हो जाता है।
- वातावरण में अचानक परिवर्तन इस रोग को बढ़ाने में सहायक है।
ब्रोंकाइटिस के लक्षण : symptoms of bronchitis :
- रोग के शुरू में हल्का सिर दर्द रहता है।
- रोगी का गला भारी रहता है।
- कोई न कोई रोग पहले से ही मौजूद रहता है और खांसी भी धीरे-धीरे शुरू होती है।
- Tracheitis की वजह से सूखी खांसी जलन के साथ आती है।
- शुरू में सूखी खांसी के साथ चिपचिपा बलगम निकलता है।
- बलगम के साथ खून भी आ जाता है।
- संक्रमण के बढ़ने पर रोगी के शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है।
- रोगी में डिप्रेशन और अनिद्रा आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।
- न्यूट्रोफिल की मात्रा अधिक बढ़ जाती है।
- सूजन आ जाने के कारण रोगी को सांस लेने में दिक्कत होती है।
- रोगी को सर्दियों में बार बार खांसी होती है।
- जकड़न और जोर से सांस लेने पर छाती में आवाज आती है।
- इंफेक्शन होने पर बलगम का रंग पीला हो जाता है।
- रोग पुराना हो जाने पर खरखराहट की ध्वनि सुनाई देती है और सांस तेज चलने लगती है।
- बीड़ी, सिगरेट और ठंडा मौसम लक्षणों को बढ़ा देता है।
रोग से बचाव :
- रोगी को आराम करवाना चाहिए।
- रोगी को ठंड से बचाएं।
- गर्म कपड़े पहनने की सलाह दें।
- अधिक से अधिक गर्म पानी पिलाएं।
- हमेशा गर्म पानी से नहाए।
- रोगी को धूल, धुंआ से बचना चाहिए।
- गरम पेय जैसे – चाय, कॉफी, पानी का प्रयोग करें।
- खुली हवा में गहरी सांस लेने वाले व्यायाम करें।
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आवश्यक परामर्श:
- अगर रोगी धूम्रपान करता है तो उसे हमेशा के लिए धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।
- खुले व साफ मौसम में रोगी को रखे।
- ज्यादा ठंड और नमी रोगी को नुकसान पहुंचाती है।
- गंभीर स्थिति में रोगी को पूर्ण आराम की सलाह दें।
- अत्यधिक अल्कोहल के सेवन से बचें।
- अधिक भोजन करना भी रोगी के लिए हानिकारक हो सकता है।
- अत्यधिक दुर्बल व्यक्ति जो ब्रोंकाइटिस से पीड़ित है, उन्हें मक्खन, दूध, क्रीम या चर्बी युक्त भोजन करना चाहिए।
- यदि रोगी में मोटापा है, तो वजन कम कर लेना चाहिए।
- स्वस्थ वायु में नियमित व्यायाम करना चाहिए।
- रोगी को सर्दियों के मौसम में गर्म स्थान पर रहना चाहिए।