Coffea 30 Homoeopathic Diluction benefit and uses in hindi

 

Coffea 30 Homoeopathic Diluction benefit and uses in hindi


Coffea 30 Homoeopathic Diluction benefit and uses in hindi


कोफिया (Coffea).


सन 1888 की बात है डॉक्टर राय एक बच्चे की चिकित्सा कर रहे थे जो कि Infantile Cholera (बच्चों के हैजा रोग) से ग्रस्त था और जिसके बचने की कोई आशा नहीं थी। काफी दवायें देने पर भी बच्चे की के और दस्त नहीं रुक रहे थे। उनको एक अनुभवी स्त्री ने बताया कि इस पौधे के पत्तों की चाय बनाकर बच्चे को पिलायें। कोई दवा लाभप्रद न होने पर डॉक्टर ने उस स्त्री के कहने पर इस पौधे के पत्तों को उबालकर चाय बनाकर बच्चे को पिलानी आरम्भ की जिससे 24 घण्टे में ही बच्चे की के और दस्त बन्द हो गये और पाखाना बंधकर आने लग गया। इस पौधे का यह चमत्कार देखकर डॉक्टर राय ने इस पौधे के ताजा पत्तों को कूटकर अल्कोहल में मिलाकर यह दवा तैयार की और उससे हैजा रोग से ग्रस्त हजारों बच्चों को स्वस्थ बना लिया। अब यह दवा संसार भर में प्रयोग की जाती है। बच्चों के हैजा रोग और गर्मी के दस्तों में जबकि बच्चों के आमाशय और अन्तडियों में अम्लता की बहुत अधिकता हो, सख्त दर्द और मरोड़ उठे। बच्चा अपचे भोजन या दूध की के कर दे। बच्चे को दिन भर में 5 से 30 बार पानी जैसे हरे रंग के खट्टी बू वाले दस्त आयें, ज्वर हो। बच्चा बहुत बेचैन हो, नींद न आये, कोई वस्तु खिलाते या पिलाते ही के आ जाये। मरोड़ के साथ पाखाना आये, उसमें रक्त के धब्बे भी हों या बच्चे को ऑक्युक्त पाखाने थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बार-बार आयें। पाखाना करते समय बच्चा जोर से कुथे और उसको दर्द हो। इन लक्षणों में इस दवा से 24 घण्टे ही में ही बच्चे की कै. दस्त और अन्य कष्टों को आराम आ जाता है। मात्रा- बच्चे की आयु के अनुसार 5 से 10 बूँदें दवा थोड़े पानी में मिलाकर एक घण्टा बाद दें। आराम आ जाने पर दवा का समय बढ़ाते जाये।

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