Crataegus Oxycantha Mother Tincture Q Benefit and Uses in hindi
Crataegus Oxycantha Mother Tincture Q Benefit and Uses in hindi.
क्रैटेगस ऑक्सीकैन्था (Crataegus Oxycantha).
पिछली शताब्दी में आयरलैंड के डॉक्टर ग्रीन ने इस दवा को सबसे पहले प्रयोग करना आरम्भ किया। थोड़े ही समय में दिल (हृदय) के रोगी संसार के विभिन्न देशों से “एनिस” नामक नगर में जहाँ डॉक्टर ग्रीन प्रैक्टिस किया करते थे, आने लग गये। डॉक्टर ग्रीन ने इस दवा से लाखों रूपया कमा लिया। उनकी मृत्यु के पश्चात् इस दवा का भेद उनकी बेटी ने होमियोपैथिक डॉक्टरों को बताया था और आज संसार भर के डॉक्टर दिल के विभिन्न रोगों और दिल फेल होने में इस दवा का सफलतापूर्वक प्रयोग कर रहे हैं। अत्यन्त लाभप्रद होने के कारण इसका नाम हार्ट टॉनिक पड़ गया हैl
जब हृदय एकाएक कमजोर हो जाये, नाड़ी बहुत दुर्बल हो जाये, रोगी बहुत कमज़ोर हो, रोगी बेहोश हो तो इस दवा की 10 से 15 बूंदे थोड़े पानी में मिलाकर पिलाते ही रोगी की दशा सुधर जाती है, दिल में शाक्ति आ जाती है। साँस बिना कठिनाई आने लग जाता है। हृदय की कमजोरी से उत्पन्न जलोदर में यह दवा बहुत अधिक मूत्र लाकर शरीर पर पैदा शोध को दूर कर देती है साँस कठिनाई से आने का कष्ट दूर हो जाता, हृदय की धड़कन, साँस लेने में सख्त कठिनाई, दिल में दर्द, दिल में सूजन हो जाने में शत-प्रतिशत सफल, हानिरहित और सस्ती दवा है। हृदय के पट्टों में सख्त कमजोरी आ जाना, दिल पर बोझ प्रतीत होना और सुइयों चुभना, नींद न आना, दिल के वाल्व में कमजोरी, हृदय की मांसपेशियों के प्रदाह Myocarditis दिल फैल जाना, दिल की कमजोरी के कारण अंगों में पानी पड़ जाना, नाड़ी बहुत तेज, अनियमित और कमजोर हो, ऐसे रोगी जिनके बचने तक की आशा नहीं थी और बड़े-बड़े डॉक्टरों की दवायें और इन्जेक्शन भी फेल हो चुके थे, उनको भी इस दवा से लाभ हुआ और उनका दिल फेल होने से बच गया। आँखों टखनों और टाँगों में शोथ, साँस कठिनाई से आना चेहरा और शरीर मोम की भाँति पीला, नाड़ी की गति 120 बार प्रति मिनट, दिल बड़ा हो जाना, दिल की धड़कन अनियमित आदि दिल के समस्त रोग और कष्ट इस अल्पमूल्य की दवा से दूर हो जाते हैं। निरन्तर प्रयोग से दिल शक्तिशाली हो जाता है और तमाम रोग स्थायी रूप से दूर हो जाते हैं। दिल में दर्द होने और दिल फेल होने पर इस दवा की 10 से 15 बूँदें देकर आप रोगी को मरने से बचा सकते हैं। काफी समय देने पर भी किसी प्रकार की हानि नहीं पहुँचाती।
एक रोगी आयु 73 वर्ष हृदय रोग के कारण बहुत कष्ट उठा रहा था, उसकी नाडी 158 बार प्रति मिनट चल रही थी। वह साँस लेने के लिए तड़प रहा था, टखने, टाँगें और पेट सूजा हुआ था। उसको 15 बूंदे दवा आधे गिलास पानी में मिलाकर पिलाई गई। 15 मिनट के अंदर नाड़ी की गति 126 बार प्रति मिनट हो गई और नाड़ी पहले से बहुत शक्तिशाली हो गई। सांस का कष्ट भी कम हो गया। 25 मिनट में नाड़ी की गति 110 पर आ गई। 1 घंटे में उसके सब कष्ट दूर हो गए। एक स्त्री को जो लगभग मर चुकी थी कोई कोई सांस ही कठिनाई से आता था, उसको एमाइल नाइट्रेट सुनाया गया जिससे उसकी अवस्था को सुधर गई।हृदय पीड़ा या हृदय फेल होने पर 15 बूंदे दवा थोड़े पानी में मिलाकर तुरंत पिला दे या 10 बून्दे दवा दिन में दो से चार बार पिलाते रहे।