Depression Symptoms and Causes : डिप्रेशन के कारण और लक्षण

Depression Symptoms and Causes : डिप्रेशन के कारण और लक्षण

डिप्रेशन क्या है? – What is Depression

डिप्रेशन ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति को उदास रखने के साथ-साथ उसको सोचने की क्षमता भी कम कर देती है। कोई भी निर्णय लेना उसके लिए काफी कठिन होता है। 

Depression Symptoms and Causes
Depression Symptoms and Causes

डिप्रेशन का व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक दोनों पर प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं व्यक्ति के मस्तिष्क पर भी इन चीजों का प्रभाव पड़ता है, ज्यादातर यह प्रभाव क्षणिक होते हैं और कुछ समय बाद व्यक्ति सब कुछ भूल कर अपने काम में फिर लग जाते हैं जब यह प्रभाव लंबे समय तक रहता है। है। है, उसे डिप्रेशन कहता है। डिप्रेशन के कारण रोगी बहुत दुखी रहता है। उसके किसी काम में मन नहीं लगता हमेशा दुखी और उदास बैठा रहता है।

 

    डिप्रेशन कोई पागलपन नहीं है, लेकिन यह एक बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। डिप्रेशन दिमाग की एक व्यवस्था है। जीवन में कठिन क्षण, दुख या किसी हादसे के दौरान मन का अवसाद होना स्वभाविक है। पर जब यह उदासी मन की गहरियों में उतर जाती है और उस पर इस कदर छा जाती है कि कुछ अच्छा नहीं लगता चारों ओर अंधरा ही अंधेरा देखता है और जीने की चाह नहीं रहती तो यह बीमारी बन जाती है। जिसे डिप्रेशन कहता है। जो व्यक्ति लंबे समय से डिप्रेशन के शिकार हैं उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लगता कुछ रोगियों को तो आत्महत्या करने की इच्छा होती है। इसका शरीर पर भी असर पड़ता है और व्यक्ति मन और शरीर दोनों से रोगी हो जाते हैं ।अमेरिका सहित सभी विकसित देशों में डिप्रेशन के रोगों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हर 20 व्यक्तियों में से एक को डिप्रेशन का रोग होता है।

 

डिप्रेशन का कारण? – हिंदी में डिप्रेशन के कारण

 

  •  अगर व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो वे डिप्रेशन में जा सकते हैं।
  • जो व्यक्ति ब्लड प्रेशर की दवाइयों का अधिक सेवन करते हैं उन्हें भी डिप्रेशन हो जाता है।
  • डिप्रेशन का मरीज शारीरिक स्तर पर थका हुआ और मानसिक स्तर पर उदास रहता है यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है फिर भी यह बीमारी युवावस्था व बुढ़ापे में अधिक होती है।
  • यह बीमारी मुख्य रूप से मस्तिष्क के रासायनिक स्राव के अनुकरण करने के कारण होती है यह केवल मानसिक ही नहीं शारीरिक रोग भी है।
  • गलत खान-पान के कारण भी रोगी को डिप्रेशन हो सकता है अगर रोगी को लंबे समय से पेट का रोग हो तो उसे भी डिप्रेशन हो जाता है।

    डिप्रेशन के प्रकार:

 

डिप्रेशन मुख्य तो दो तरह का होता है-

 

1 – इंडोजीनियस डिप्रेशन:

     इस प्रकार के डिप्रेशन में रोगी सोचता है कि अब तो अच्छे दिन आएंगे ही नहीं यह सोचकर हर वक्त मन उदास रहता है।

भूख नहीं लगती और वजन कम हो जाता है रोगी को ठीक से नींद भी नहीं आती है, रोगी को हर समय थकान और आलस बना रहता है। किसी काम में मन नहीं लगता उदासी बनी रहती है रोगी को आत्महत्या करने का विचार आता है।

2 – न्यूरोटिक डिप्रेशन:

 

      साथ व्यक्ति उदास होते हुए भी अपने आसपास होते हुए घटनाओं से प्रभावित होता है खुशी महसूस कर सकता है।कार्य करने की क्षमता कम होते हुए भी कार्यशील रहता है। चिड़चिड़ापन थकान आदि रहता है किंतु आत्महत्या के विचार काफी कम रहते हैं।

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  डिप्रेशन के लक्षण: – (अवसाद के लक्षण)

  • रोगी हमेशा दुखी और उदास रहता है।
  • रोगी का किसी से मिलने का मन नहीं करता।
  • रोगी एक जगह चुपचाप पड़ा रहता है।
  • उदासी के कारण वह किसी से मिलना नहीं चाहता और अपने दोस्तों को कोई बहाना बनाकर टाल देता है।
  • रोगी बड़े ही ढंग से बहुत धीरे-धीरे बात करता है।
  • रोगी का किसी काम में मन नहीं लगता।
  • उसके दिमाग में हमेशा यह बात रहती है कि मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा।
  • रोगी बिना बोले व बिना खाए कई दिनों तक पड़ा रह सकता है।
  • मरीज हर समय थकावट रहने की शिकायत करता है।
  • मरीज को ठीक तरह से नींद नहीं आती लेकिन कुछ मरीज हर समय नींद आने की शिकायत करते हैं।
  • भूख नहीं लगती।
  • कभी-कभी रोगी की आँखों से आंसू गिरते रहते हैं।
  • रोगी को सिर दर्द होता है जिसके कारण किसी से मिलने का मन नहीं करता है।

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कुछ अचूक लक्षण:

 

   कुछ रोगियों में बड़े ही विचित्र लक्षण बनते हैं जैसे कि उनका आतंकें सड़ गया हो ,दिमाग खराब हो गया है, शरीर में कीड़े भरे हैं, लीवर ने अपना काम करना बंद कर दिया हो आदि लक्षण पाए जाते हैं।

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  नोट, याद रखना –

रोगी अत्यधिक गुस्सा करता है।

डिप्रेशन का रोगी अन्य व्यक्ति से घृणा करने का लगता है।    

रोगी स्वयं को समाज पर बौझ समझने लगता है।

रोगी को अपना भविष्य अंधकार में लगता है।

रोगी को रोने की बहुत इच्छा होती है। 

डिप्रेशन के कारण रोगी दूसरों के सामने रो पड़ता है।

रोगी अपने जीवन की छोटी-छोटी भूलों को बहुत बढ़ा चढ़ा कर देखता है और सोचता है कि वह बड़ा पापी या अपराधी है।

डिप्रेशन रोग में लगभग 15% रोगी आत्महत्या कर लेते हैं।

डिप्रेशन में रोगी आत्महत्या करने का विचार करते हैं, डिप्रेशन का यह एक महत्वपूर्ण लक्षण है।

 

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