Embelia Ribes Q Mother Tincture की जानकारी लाभ और फायदे in hindi
Embelia Ribes Q Mother Tincture की जानकारी लाभ और फायदे in hindi.
एम्बेलिया रिब्स ( Embelia Ribes Q )
अनेक नाम हि. वायबिडंग, ब, विरंग, म. बावडिंग, गु. बावडिंग, ते वायुविडद्यमु ता वायुविलंगम, पं बवरंग, मा. वायबिरंग, सिंहली. उम्बेलिया, ने हिमलबेरी, अ बरज, फा. बरंग, अं. Babreng (बाबरेग) Fruits of Embelia Ribes (प्रूटस ऑफ एम्बेलिया रिब्स)
सामान्य रूप से कृमि एवं इससे उत्पन्न समस्त रोगों में लाभदायक है। विशेषकर स्फीट कृमि (Tape-Worm) के लिये लाभप्रद है। बच्चों, वृद्धों वयस्कों एवं स्त्रियों में समान रूप से उपयोगी है। इसके प्रयोग से बवासीर में भी लाभ होता है। इसके सेवन से ग्रहण शक्ति एवं मस्तिष्क में धारण शक्ति (स्मरणशक्ति) बढती है। बच्चों के कई रोगों में यह लाभदायक है। जैसे सुखण्डी, आध्मान उदरशूल, कुपचन, अग्निमांद्य आदि। इसे गण्डमाला में भी बड़ी सफलता के साथ दिया जाता है। विभिन्न चर्म रोगों में भी लाभदायक है जैसे दाद एक्जिमा आदि। ऐसे रोगों में मूल अर्क का आंतरिक और बाहरी दोनों प्रयोग किये जाते हैं। मज्जागत दोष जैसे अर्धांगवात आक्षेप एवं अपस्मार में भी इसे प्रयोग किया जाता है। पीनस शिर शूल एवं अर्घाव भेदक रोगों में भी इसे नासा बूंद (Nasal Drops) के रूप में, परिश्रुत जल में (1 9) मिलाकर प्रयोग किया जाता है। बहुतों का कहना है कि बिच्छू एवं सर्पदंश के स्थान पर भी यदि तत्काल रुई को इसके मदर टिंक्चर्ज में तर करके लगा दिया जाये तो लाभ होता है। मैं स्वयं कहीं किसी प्रकार के दंश में प्रयोग नहीं कर पाया हूँ। चिकित्सक बन्धु परीक्षण करेंगे एवं फलाफला से अवगत कराने का भी कष्ट करेंगे। मूल अर्क के सेवन से पेशाब भी साफ आता है। बच्चों के गुदा मार्ग, नाक आदि की खुजली कृमि का संकेत है वहाँ इसे दें। मात्रा- 5 से 20 बूँदें पानी में मिलाकर प्रतिदिन 2-3 बार।