Hamamelis Q homoeopathic medicine benefit and uses in hindi
Hamamelis Q homoeopathic medicine benefit and uses in hindi
हैमामेलिस (Hamamelis)
रक्त को रोकने के लिए संसार में सफल दवा मानी जाती है जबकि रक्त रोगी की शिराओं से निकलता हो। इस दवा का प्रभाव शिराओं के कष्टों और रोगों पर विशेष रूप से होता है। जब शिराओं में रक्त का जोश और संचार अधिक हो, शिराओं से रक्स्राव हो, शिराये फूल जायें, बवासीर के मस्सों से रक्त बहे, शिराओं में दर्द हो, शिराओं में प्राय: कालिमायुक्त रक्त होता है। इसलिए जब काला गाढ़ा जमा हुआ रक्त शरीर के किसी भी अंग से आये तो यह दवा उसको रोक देती है और जादू की भाँति तुरन्त लाभ पहुँचाती है।
जब बवासीर के मस्सों से काला सा रक्त अधिक मात्रा में आये, मस्सों में जलन और दर्द हो, मस्से नीले और फूले हुए हों, कमर में दर्द हो, गले की शिरायें फूल जायें नाक या फेफड़ों से काले या नीले रंग का रक्त अधिक मात्रा में आये, प्रदर का रक्त काला, नीला और जमा हुआ साथ ही पेडू में दर्द हो, शिराओं के फूल जाने पर हथौड़े की चोट जैसा सिरदर्द, कनपटियों और गर्दन की शिराओं में तपकन, आँखें रक्त के समान लाल हों, जीर्ण कंठ प्रदाह (क्रॉनिक इनफ्लेमेशन इन थ्रोट) जिसके कारण गले की शिरायें फूली हुई और नीले रंग की दिखाई दें, गले में दर्द, निगलने में कष्ट हो और गले से रक्त भी आये तो यह दवा बहुत अधिक लाभ पहुँचाती है।
जब पेचिश में काले रंग का जमा हुआ रक्त अधिक मात्रा में आये तो इस दवा से लाभ होता है। यह दवा गर्भकाल में रक्तस्राव को रोकती है इसलिए गर्भपात का भय नहीं रहता।
मात्रा- 5 से 10 बूंदें दवा रोग अधिक होने पर कम होने पर दिन में 3 बार पिलाते रहे।