Lobar Pneumonia Symptoms and Causes : लोबर निमोनिया के कारण और लक्षण

Lobar Pneumonia Symptoms and Causes : लोबर निमोनिया के कारण और लक्षण

लोबर निमोनिया क्या है? – what is lobar pneumonia ?

     इसे न्यूमोकोकल निमोनिया और प्राइमरी निमोनिया के नाम से भी जाना जाता है लोबर निमोनिया फेफड़े कि एक प्रकार की सूजन।जिसमे फेफड़े के एक या अधिक भागों में एक जैसा प्रभाव होता है ऐसा न्यूमोकोकाई बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। इस निमोनिया में धीमी खांसी होती है और सांस की नली पर बलगम रुक जाता है।

Lobar Pneumonia Symptoms and Causes
Lobar Pneumonia Symptoms and Causes

    इस बीमारी में हीमोग्लोबिन की मात्रा अधिक बढ़ जाती है।रोगी की नब्ज बहुत तेज चलती है। चेहरा और होंठ नीला पड़ जाते हैं। ह्रदय की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है कमजोर व्यक्ति और वृद्ध व्यक्तियों में विशेष रूप से यह एक गंभीर समस्या होती है। यह एक संक्रमण बीमारी है जिसके कारण फेफड़े में घाव हो सकता है।

 

     लोबर निमोनिया के कारण: 

 

  • अगर कोई रोगी गंभीर बीमारी का शिकार है तो उसे यह बीमारी होने की पूरी संभावना रहती है।
  •   इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर भी यह बीमारी हो जाती है।
  • बहुत से ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो गले में रहते हैं पर नुकसान नहीं पहुंचते हैं जैसे ही शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है यह फेफड़ों में जाकर निमोनिया पैदा कर देते हैं।
  • गले या फेफड़े के ऑपरेशन के बाद भी लोबर निमोनिया होने की पूरी संभावना रहती है।
  • 95% रोगियों में स्ट्रैप्टॉकोकस न्यूमोनाई बैक्टीरिया निमोनिया का मुख्य कारण है।
  • अत्यधिक कमजोरी भी इस रोग को फैलाने में सहायक है।
  • खसरा, काली खांसी आदि में यह निमोनिया होने की पूरी संभावना रहती है।
  • ऐसे व्यक्ति जो अल्कोहल और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन करते हैं उन्हें यह रोग हो जाता है।
  • रोगी के खुन में इन्फेक्शन होने के कारण भी यह बीमारी हो जाती है।
  • जो लोग लंबे समय से बलगम की समस्या से ग्रस्त हैं उन्हें भी यह बीमारी हो जाती है।
  • पानी में भीगने या ठंड लगने पर भी यह बीमारी हो जाती है।

     लोबर निमोनिया के लक्षण: – symptoms of lobar pneumonia

 

  • रोग का आक्रमण अचानक होता है।
  • कुछ रोगियों में 10 – 15 दिन जुकाम रहने के बाद निमोनिया के लक्षण दिखने लगते हैं।
  • लोबर निमोनिया में रोगी को तेज बुखार चढ़ता है।
  • बुखार 103 से 104 फारेनहाइट रहता है, जो कई दिन तक रह सकता है।
  • रोगी को बुखार और जाड़े के साथ उल्टी भी आ सकती है।
  • रोगी के सीने में बहुत तेज और चुभने वाला दर्द होता है।
  • यह दर्द कंधे, कमर और पेट तक महसूस किया जा सकता है रोगी बेचैन रहता है।
  • दर्द खांसी के साथ बढ़ जाता है। 
  •  रोगी को बार बार खांसी आने से दर्द बढ़ जाता है।
  • रोगी की सांसे तेज हो जाती हैं।
  •  सांस अंदर लेने में समय अधिक दर्द होता है।
  • नब्ज बहुत तेज हो जाती है।
  • रोगी की भूख समाप्त हो जाती है।
  • रोगी को हर समय थकान रहती है।
  • रोगी का गला बैठ जाता है और गले में संक्रमण हो सकता है।
 
  • इस बीमारी में रोगी के सिर में दर्द रहता है।
  • सूरज एकदम चढ जाता है और तीन-चार दिन तक लगातार बना रहता है।
  • रोगी के होठों पर नन्हें-नन्हें दाने निकल आते हैं।
  • रोगी को शुरू में सूखी खांसी होती है जिसमें बहुत कष्ट होता है।
  • रोगी की त्वचा लाल हो जाती है और उस पर दाने निकल सकते हैं।
  • लोबर निमोनिया में बच्चों को खांसी के कारण उल्टी आ जाता है।
  • बच्चों में ज्यादा खांसी होने से उल्टी आती है और छाती में दर्द रहता है।
  • सांस की गति बढ़ जाती है।

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